In an important administrative decision, a State Advisory Committee convened on February 14, 2011, to address unique challenges faced by government personnel, particularly those impacted by state reorganization. The committee thoroughly reviewed numerous applications concerning medical and genuine hardship issues affecting employees or their immediate families. While an initial assessment indicated some cases might not fully align with existing guidelines, the committee ultimately recognized the pressing nature of these ‘actual or medical hardship’ situations. Consequently, it was decided that the employees detailed in the annexure, many of whom are teachers in higher and secondary education departments, should be retained within Uttarakhand State. These cases involved a range of serious health conditions such as heart disease, kidney ailments, mental health disorders, and physical disabilities. The State Medical Council of Lucknow provided detailed recommendations for specialized medical care, consistent treatment, and in some instances, the necessity of an attendant, underscoring the humanitarian approach taken in resolving these complex administrative and welfare issues for dedicated public servants.
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संख्या- 27/07/2011-एस.आर.एस.
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)
तीसरा तल, लोकनायक भवन,
खान मार्केट, नई दिल्ली ।
दिनांक 29/04/2011
सेवा में,
मुख्य सचिव,
उत्तर प्रदेश सरकार,
लखनऊ ।
मुख्य सचिव,
उत्तरांचल सरकार,
देहरादून ।
विषयः चिकित्सकीय/वास्तविक व्यथा से संबंधित प्रकरणों पर राज्य परामर्शी समिति की दिनांक 14 फरवरी, 2011 को आयोजित बैठक में विचार ।
महोदय,
उपर्युक्त विषय में मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि राज्य परामर्शी समिति की 14 फरवरी, 2011 को आयोजित बैठक में विचारोपरांत समिति ने संलग्नक में उल्लिखित कार्मिकों के अभ्यावेदनों को चिकित्सकीय/वास्तविक व्यथा दिशा-निर्देशों से आच्छादित न होने के कारण अस्वीकृत करने की संस्तुति की है । विस्तृत ब्यौरा संलग्नक पर है ।
समिति द्वारा इन मामलों में जो संस्तुतियों की गई उन्हें भारत सरकार द्वारा वास्तविक/चिकित्सकीय व्यथा के अन्तर्गत मान लिया गया है । संलग्नक में उल्लिखित कार्मिकों को उत्तराखण्ड राज्य में बनाये रखे जाने का निर्णय लिया गया है ।
कृपया संबंधित अधिकारियों को इन निर्णयों से अवगत करा दिया जाए ।
भवदीय,
(सारंगधर नायक)
अवर सचिव, भारत सरकार
प्रतिः-
- श्री आर.एम. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग, लखनऊ ।
- प्रमुख सचिव, उत्तराखंड पुनर्गठन समन्वय विभाग देहरादून ।
संलग्नक कार्मिकों की सूची
चिकित्सकीय व्यथा के आधार पर राज्य परामर्शीय समिति की 14 फरवरी, 2011 की बैठक में उ.प्र. पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनाँक 04 फरवरी, 2009 से प्रश्नगत बीमारी के आच्छादित न होने के कारण अस्वीकृत प्रत्यावेदन
(अ) उच्च शिक्षा विभाग
| क्रमांक | कार्मिक का नाम/पदनाम
/तैनाती | प्रत्यावेदन में अंकित बीमारी | नियुक्ति तिथि | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति |
| — | — | — | — | — |
| | 2 | 3 | 5 | 10 |
| 1 | डा0 सुरेन्द्र कुमार सिंह यादव, प्रवक्ता, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोपेश्वर, चमोली | स्वयं के हृदय रोग से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। | 14.12 .1998 | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 26 नवम्बर, 2009 की बैठक में डा0 सुरेन्द्र कुमार सिs यादव को इन्टीरियर वाल एम आई. एस. टी. इलेवेशन इन एल ए वी ई विद लाइफ वेग्टीकुलर हाइपर ट्राफी एन्ड ट्रामलिन एन्ड पी. के. इज रेन्ड का केस बताया गया है। एडवाइज्ड टु एवाइड टु स्ट्रेनसवर्क एन्ड क्लाइम्ब स्ट्रेयर्स। |
(ब) माध्यमिक शिक्षा विभाग
| क्रमांक | कार्मिक का नाम/पदनाम
/तैनाती | प्रत्यावेदन में अंकित बीमारी | नियुक्ति तिथि | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति |
| — | — | — | — | — |
| 1 | 2 | 3 | 4 | 5 |
| 1 | श्री उमेश चन्द्र वर्मा, सहायक अध्यापक (वर्तमान में प्रवक्ता) सैमण्डीधार, टिहरी गढ़वाल। | पिता के गुर्दा रोग से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। | 10.04 .1996 | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 28 जनवरी, 2010 की बैठक में श्री राम पाल वर्मा, पिता श्री उमेश चन्द्र वर्मा को प्रोग्रेसिव रिनल फेल्योर केस ऑफ सी0के0डी0 ग्रेड-2 का केस बताया गया है तथा इन्हें एक मेल एटेन्डेण्ट द्वारा नियमित देखभाल व आजीवन उपचार की सलाह दी गयी है। |
| 2 | श्री सूबेदार यादव, सहायक अध्यापक, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोठेरा, बाराकोट, थम्पावत। | पत्नी के हृदय रोग से पीड़ित एवं माता के विकलांग होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। | चेक-लिस्ट में नियुक्ति का दिनांक अंकित नहीं है। | (1) राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 29 अक्टूबर, 2009 की बैठक में श्रीमती सुपति देवी, पत्नी श्री सूबेदार यादव को हृदय रोग की उपचाराधीन रोगी बताया गया है तथा एक एटेन्डेण्ट की आवश्यकता बतायी गयी है।
(2) राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 29 अक्टूबर, 2009 की बैठक में श्रीमती राजदेवी, माता श्री सूबेदार यादव को मदर हैविंग सिनामल एजिंग प्राब्ल्म का केस बताया गया है। |
| 3 | श्री राम कुमार यादव, सहायक अध्यापक, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कण्डारी, उत्तरकाशी। | पत्नी के मानसिक रोग से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। | 06.07 .1999 | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 24 सितम्बर, 2009 की बैठक में श्रीमती संगीता, पत्नी श्री राम कुमार यादव को डिप्रेशन विद सौमैटिक सिम्पटम्स का उपचाराधीन केस बताया गया है। इन्हें नियमित विशेषज्ञ जाँच एवं उपचार की आवश्यकता बताने के साथ ही अकेले न छोड़े जाने की सलाह भी दी गयी है। |
| 4 | श्री दीप नारायण डिवेदी, | स्वयं के हृदय रोग से ग्रस्त होने के | 01.11 .1990 | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक |
| | सहायक अध्यापक, एस0एस0 नेगी, राजकीय इण्टर कॉलेज, नथुवाखान, नैनीताल। | कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। | (तदर्थ) विनियमितीकर ण की तिथि का उल्लेख नहीं है। | 29 अक्टूबर, 2009 की बैठक में श्री दीप नारायण डिवेदी की कोरोनरी आर्टिरी डिसीज विद हाईपरटेन्शन विद एन्जायना ओल्ड एम0आई0 विद एल0यू0एफ0 का केस बताया गया है। |
| — | — | — | — | — |
| 5 | श्री आनन्द प्रकाश शर्मा, सहायक अध्यापक, राजकीय इण्टर कॉलेज, थाती, बूढाकेदार, टिहरी। | स्वयं के हृदय रोग से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। | 18.09.1999 | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 28 मई, 2010 की बैठक में श्री आनन्द प्रकाश शर्मा को हृदय रोग विद डायबिटिक मैलाइटिस का केस बताया गया है। |
| 6 | श्री बरसाती राम वर्मा, सहायक अध्यापक, राजकीय इण्टर कॉलेज, बरोटीवाला, देहरादून। | पुत्री के विकलांगता से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। | 07.03.1987 | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 26 नवम्बर, 2009 की बैठक में कुमारी उपमा वर्मा, पुत्री श्री बरसाती राम वर्मा को राइट साइड हैमीफोसिस (स्पास्टिक टाइप) का केस बताया गया है। |
| 7 | श्री राजेश कुमार पाण्डेय, सहायक अध्यापक, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, प्रेमपुर, लोशज्ञानी, हल्द्वानी, नैनीताल | माता के गुर्दा रोग व हृदय रोग तथा स्वयं के मानसिक रोग से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। | 07-09-199
5 | (1) राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 30 जुलाई, 2009 की बैठक में श्रीमती कथन लता, माता श्री राजेश कुमार पाण्डेय को हाईपरटेन्शन विद कोरोनरी आर्टरी डिसीज़ विद ओल्ड एम0आई0 का केस बताया गया है। इनका पी0टी0सी0ए0 वर्ष 2002 में किया जाना अंकित बताया गया है तथा इन्हें वर्तमान में कराये जा रहे हृदय रोग उपचार की आवश्यकता बतायी गयी है। (2) राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 30 जुलाई, 2009 की बैठक में श्री राजेश कुमार पाण्डेय को हायपरटेन्शन विद सी0ओ0पी0डी0 का उपचाराधीन केस बताया गया है तथा इन्हें नियमित विशेषज्ञ उपचार की आवश्यकता बतायी गयी है। (3) राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 25 फरवरी, 2010 की बैठक में श्री राजेश कुमार पाण्डेय को गम्भीर अवसाद रोग से पीड़ित एवं आत्मम्लानि एवं आत्महत्या के विचारों से ग्रसित बताया है। इनको अपने परिवार के साथ रहना जरूरी है। इनका इलाज निरन्तर उच्च चिकित्सा संस्थान द्वारा होना चाहिये ताकि वे अपना कार्य सामान्य रूप से कार्य कर सकें। अभी ये औषधियों पर सामान्य चल रहे हैं। |
| 8 | श्री राकेश कुमार, सहायक अध्यापक, राज. इन्टर कालेज, रतगांव, थमोली | पिता गुर्दा रोग से ग्रस्त होने के आधार पर उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में समायोजन हेतु। | 11.07. 1999 | राज्य चिकित्सा परिषद की आख्यानुसार श्री टेक चन्द्र पिता श्री राकेश कुमार को आन दा बेसिस आफ रिकार्ड अवलेबिल विद दा पेशेन्ट ही हैजबीन अन्डर रेग्युलर ट्रीटमेंट एन्ड फालो फार एच.टी.एन. विद सी.आर. एफ. विद बी.पी. सीन्स वन इवर एन्ड पर हिज प्रेजेन्ट रिपोर्टस दा सी. आर.एफ इज प्रोग्रेसिंग का केस बताया गया है। अतः इनको निरन्तर एक नेफ्रोलोजिस्ट द्वारा फालोअप और किसी अच्छे नेफ्रालाजिकल सेंटर से उपचार एवं |
इन्हें निरन्तर एक सहायक की आवश्यकता है। | ||||
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9 | श्री रामफेर रावत, प्रवक्ता-हिन्दी, राजकीय इण्टर कालेज, चॉफी, नैनीताल। | माता गुर्दा रोग से ग्रस्त होने के आधार पर उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में समायोजन हेतु। | $\begin{gathered} 04.08 . \ 1994 \end{gathered}$ | राज्य चिकित्सा परिषद की आख्यानुसार श्रीमती अम्बर रानी माता श्री रामफेर रावत को डायबेटीज मेलाईटिस विद हाईपरटेन्शन विद नेफ़ोपैथी की उपचाराधीन केस बताया गया है तथा इन्हें नियमित विशेषज्ञ जांच एवं उपचार की आवश्यकता बताई गई है। |
10 | श्री सतेन्द्र कुमार सिंह, सहायक अध्यापक, राजकीय इण्टर कालेज, गंगानगर, मोतियापाथर, अल्मोड़ा। | पत्नी मानसिक रोग ग्रस्त होने के आधार पर उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में समायोजन हेतु। | $\begin{gathered} 14.09 . \ 1991 \end{gathered}$ | राज्य चिकित्सा परिषद की आख्यानुसार श्रीमती मालती सिंह पत्नी श्री सतेन्द्र कुमार सिंह डिप्रेशन की रोगी है इन्हें उक्त हेतु नियमित विशेषज्ञ जांच एवं उपचार की आवश्यकता है। |
11 | श्री यशवन्त कुमार, सहायक अध्यापक, राजकीय इण्टर कॉलेज, रैरासी, अल्मोड़ा | पत्नी मानसिक रोग से ग्रस्त होने के आधार पर उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में समायोजन हेतु। | तदर्थ/विनियमि तीकरण 22. 09.1990 |
राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ की बैठक दिनांक 25 जून, 2009 में श्रीमती पुष्पा, पत्नी श्री यशवन्त कुमार को टेन्शन हेडएक्स (मानसिक रोग) का केस बताया गया है। |