Order 02/2012: Final Allocation of Personnel under Uttar Pradesh Reorganisation Act, 2000

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A significant directive from the Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions was issued on September 17, 2012, clarifying the final allocation of government personnel following the bifurcation of Uttar Pradesh under the 2000 Reorganisation Act. This order states that individuals who were actively serving in Uttar Pradesh on November 9, 2000, and were subsequently provisionally assigned to either Uttar Pradesh or the newly formed state of Uttarakhand, are now considered permanently allocated to Uttarakhand, effective from the same date. However, special provisions apply to those who secured interim stay orders from the courts. Their final allocation will only come into effect once such stay orders are lifted or as directed by the court’s final ruling. Conversely, any personnel whose final allocation was not to Uttarakhand and who were not previously assigned to Uttarakhand through a specific order dated September 11, 2001, will be deemed permanently allocated to Uttar Pradesh, unless further decisions dictate otherwise. This comprehensive order is based on key recommendations from an Advisory Committee meeting held on July 10, 2012, and includes an annexure listing five specific medical personnel (Sisters and Staff Nurses) from the Medical Education and Ayush Department (Ayurveda) who are now finally assigned to Uttarakhand.

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संख्या 27/11/2012-एस0 आर0 (एस0)
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय,
(कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग)

लोक नायक भवन, तीसरा तल,
खान मार्किट, नई दिल्ली. 110003
दिनांक 17 सितम्बर, 2012

आदेश 01/2012

उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 की धारा 73 की उपधारा (2) के अधीन, प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केन्द्रीय सरकार, एतद् द्वारा यह निदेश देती है कि इस आदेश के संलग्नक में निर्दिष्ट प्रत्येक व्यक्ति, जो 09.11.2000 के ठीक पहले विद्यमान उत्तर प्रदेश राज्य के क्रियाकलापों के सम्बन्ध में सेवा कर रहा हो, एवं उपर्युक्त अधिनियम की धारा 73 की उपधारा (1) के अधीन, उत्तरवर्ती उत्तर प्रदेश राज्य या उत्तरांचल राज्य के क्रियाकलापों के सम्बन्ध में यथास्थिति, 09.11.2000 से ही अनंतिम रुप से सेवा कर रहा हो, को, उत्तरवर्ती उत्तराखण्ड राज्य यथास्थिति, 09.11.2000 से सेवा के लिए अन्तिम रुप से आबन्दित समझा जायेगा ।

परन्तु ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जिसने न्यायालय से अंतरिम स्थगन आदेश प्राप्त किया हो, उसका अंतिम आबंटन, न्यायालय के स्थगन आदेश के उद्दद होने के बाद ही प्रभावी होगा अथवा जहाँ न्यायालय के द्वारा, इस सम्बन्ध में कोई निर्देश दिया गया हो, ऐसे प्रत्येक व्यक्ति का आबंटन न्यायालय के अन्तिम आदेश के अधीन होगा ।

परन्तु ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जिसने न्यायालय से आबंटन से मुक्त रहने का स्थगन आदेश प्राप्त किया हो, को न्यायालय के आदेश प्रभावी रहने तक आबन्दित नहीं समझा जायेगा ।

परन्तु संबंधित सेवा/पद के शेष बचे हुए कार्मिक जिनका अंतिम आबंटन उत्तरवर्ती उत्तरांचल राज्य के लिए नहीं किया गया है तथा जो आदेश संख्या 27/9/2001-एस.आर.एस. दिनांक 11.09.2001 के द्वारा उत्तराखंड राज्य को आबंटित नहीं किए गए हैं, उत्तरवर्ती उत्तर प्रदेश को अंतिम रुप से आबंटित समझे जायेंगे जब तक कि नियमानुसार अन्यथा निर्णय नहीं लिया जाता है ।

यह आदेश परामर्शी समिति के दिनांक 10.07.2012 को आयोजित बैठक के कार्यवृत्त में निहित संसूत्रियों पर आधारित है ।

संलग्नकः 1. अनुबंध (1 पृष्ठ में) उत्तराखंड राज्य में अन्तिम रुप से आबंटित चिकित्सा/मुख्य एक आदेश प्रभाग

प्रतिलिपिः
1. मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ ।
2. मुख्य सचिव, उत्तराखंड सरकार, देहरादून ।
3. श्री प्रशान्त त्रिवेदी, सचिव, उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग, 47, नवीन भवन, लखनऊ ।
4. श्री आर0 के0 सुधांशु, अपर सचिव (स्वतंत्र प्रभार), उत्तराखंड पुनर्गठन विभाग, सचिवालय, देहरादून ।


विभाग
आबंटित राज्य

चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष विभाग (आयुर्वेद)
उत्तराखंड

क.स. कार्मिक का नाम पदनाम श्रेणी
1 2 3 5
1. श्रीमती राधिका देवी सिस्टर विकल्पधारी
2. श्रीमती अंजली सेन सिस्टर विकल्पधारी
3. श्रीमती मंजुरानी सिंह स्टाफ नर्स विकल्पधारी
4. कुमारी शकुन्तला वर्मा स्टाफ नर्स विकल्पधारी
5. श्रीमती पूनम सिंह स्टाफ नर्स विकल्पधारी

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(क.र.क. पट्नि)
(K. K. KUMBISIWAY)
महाशक्ति एवं प्रतिभाग विभाग
प्रमुख सं. प्रज.