This office order, issued by the Department of Personnel and Training, Government of India, addresses the conduct of public authorities and their officers towards individuals seeking information under the Right to Information (RTI) Act, 2005. The Central Information Commission has highlighted instances where officers are not treating information seekers with courtesy. The order emphasizes that the responsibility of public authorities extends beyond simply providing information; they must also assist applicants and treat them with courtesy and respect. It mandates that public authorities should ensure their Public Information Officers (PIOs) and other officials participate in training programs on the RTI Act, and that such training should stress the importance of courteous behavior towards information seekers. Furthermore, the order reiterates the legal obligation under Section 4 of the RTI Act for proactive disclosure of information, urging all public authorities to ensure this is done without delay. All ministries and departments are requested to bring the contents of this memorandum to the attention of their concerned officials and ensure compliance. Training institutions are also instructed to include material on respectful treatment of information seekers in their RTI training programs. Copies have been sent to various government bodies and Chief Secretaries of all States/Union Territories.
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संख्या : 4/9/2008-आई.आर.
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग
- *
नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली-110001.
दिनांक : 24 जून, 2008.
कार्यालय आदेश
विषय :- सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत सूचना मॉंगने वाले व्यक्तियों के साथ भद्रता का व्यवहार ।
केन्द्रीय सूचना आयोग ने इस विभाग को सूचित किया है कि कुछ लोक प्राधिकरणों के अधिकारी सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत सूचना मांगने वाले व्यक्तियों के साथ उचित व्यवहार नहीं करते हैं । अधोहस्ताक्षरी को यह कहने का निदेश हुआ है कि किसी लोक प्राधिकरण और उसके लोक सूचना अधिकारियों का उत्तरदायित्व मांगी गई सूचना प्रदान करने तक ही सीमित नहीं है । उनसे यह भी अपेक्षित है कि वे सूचना मांगने वाले व्यक्तियों को आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान करें । किसी व्यक्ति को सूचना या सहायता प्रदान करते समय उसके साथ भद्द व्यवहार किया जाना चाहिए और उसकी प्रतिष्ठा का सम्भाल किया जाना चाहिए ।
2. अनेक संगठन/प्रशिक्षण संस्थान सूचना का अधिकार अधिनियम पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं । लोक प्राधिकरणों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके लोक सूचना अधिकारी तथा अन्य अधिकारी ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लें । लोक प्राधिकरण भी अपने स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते हैं । इस प्रकार के प्रशिक्षणों में अधिकारियों को सूचना मांगने वाले व्यक्तियों के साथ भद्द व्यवहार करने के महत्त्व को रेखांकित किया जाना चाहिए ।
3. आयोग ने इस तथ्य पर भी चिंता जताई है कि कई लोक प्राधिकरणों ने अधिनियम की धारा-4 के अंतर्गत संगत जानकारी प्रकाशित नहीं की है । सभी लोक प्राधिकरणों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिनियम में की गई व्यवस्था के अनुसार सूचना का।स्वतः प्रकटन अब बिना किसी विलंब के हो जाए । यह एक कानूनी आवश्यकता है, जिसके साथ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए ।
- सभी मंत्रालयों/विभागों इत्यादि से अनुरोध है कि वे इस कार्यालय जापन की अन्तर्वस्तु को सभी संबंधितों के ध्याल में लाएं और उसका अनुपालन सुनिश्चित करें ।

सेवा में,
- भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग ।
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संघ लोक सेवा आयोग/लोक सभा सचिवालय/राज्य सभा सचिवालय/मंत्रिमंडल सचिवालय/केन्द्रीय सतर्कता आयोग/राष्ट्रपति सचिवालय/उप राष्ट्रपति सचिवालय/प्रधान मंत्री का कार्यालय/योजना आयोग/निर्वाचन आयोग ।
- केन्द्रीय सूचना आयोग/राज्य सूचना आयोग ।
- कर्मचारी चयन आयोग, सी.जी.ओ. कॉम्पलेक्स, नई दिल्ली ।
- भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक का कार्यालय, 10, बहादुर शाह जफर मार्ग, नई दिल्ली ।
- सभी अधिकारी/डेस्क/अनुभाग, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग और पेंशन तथा पेंशनभोगी कल्याण विभाग ।
प्रतिलिपि : संयुक सचिव (प्रशिक्षण), कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को इस अनुरोध के साथ कि सूचना का अधिकार पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने वाले सभी प्रशिक्षण संस्थानों को इस आशय के अनुदेश जारी किए जाएं कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सूचना मांगने वाले व्यक्तियों के साथ भद्रता का व्यवहार करने संबंधी सामग्री भी प्रशिक्षण के एक संघटक के रूप में सम्मिलित की जाए ।
प्रतिलिपि : सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिव ।