This office memorandum details revisions to the provisions of the Persons with Disabilities Act, 1995, specifically concerning government employees who become disabled during service. It clarifies that such employees should not be terminated or demoted, but rather accommodated with equivalent pay and benefits, or held in a supernumerary post until a suitable position becomes available. The memorandum also addresses leave rules for employees already on leave when disability occurs, and outlines consultation requirements with the Comptroller and Auditor General of India for employees in the Indian Audit and Accounts Department. It essentially aims to protect the employment rights of disabled government employees and ensure their continued participation in the workforce.
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संख्या 13015/3/2002-स्था. (छुट्टी)
भारत-सरकार
कार्मिक, लोक-शिकायत तथा पेंशन-मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण-विभाग
नई दिल्ली, दिनांक जनवरी 19, 2004
कार्यालय-ज्ञापन
विषय :किसी मानसिक अथवा शारीरिक निःशक्तता के कारण सरकारी सेवा में स्थायी रूप से अक्षम हो जाने वाले सरकारी कर्मचारियों को असमर्थ घोषित न किए जाने से संबंधित जानकारी ।
सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता मंत्रालय (निःशक्तता प्रभाग) ने निःशक्त व्यक्ति अधिनियम, 1995 की धारा 47 को संशोधित किया है और संशोधित प्रावधान इस प्रकार हैं:-
1) कोई भी कार्यालय किसी ऐसे कर्मचारी की सेवाएँ समाप्त नहीं करेगा या उसके रैंक को कम नहीं करेगा जो सेवा के दौरान निःशक्त हो जाता है और इस प्रकार निःशक्त हो जाने वाला कर्मचारी यदि अपने धारित पद के लिए उपयुक्त नहीं है तो उसे समान वेतनमान और सेवा प्रसुविधाओं वाले किसी अन्य पद पर स्थानांतरित किया जा सकता है । यदि ऐसे कर्मचारी को किसी भी पद पर समायोजित किया जाना संभव नहीं है तो उसे उपयुक्त पद उपलब्ध होने तक अथवा अधिवर्षिता की आयु होने तक, इनमें से जो भी पहले हो, अधिसंख्य पद रखा जाए ।
2) किसी भी व्यक्ति को मात्र निःशक्तता के आधार पर पदोन्नति से वंचित नहीं किया जाएगा ।
परन्तु यह कि उपयुक्त सरकारें, किसी कार्यालय में किए जा रहे कार्य के स्वरूप को ध्यान में रखते हुए अधिसूचना द्वारा और ऐसी अधिसूचना में यथा-निर्दिष्ट ऐसी शर्तों, यदि कोई हैं, के अध्यधीन किसी कार्यालय को इस धारा के प्रावधानों से छूट प्रदान कर सकती है ।
उपर्युक्त स्थिति की दृष्टि से केन्द्रीय सिविल सेवा (छुट्टी) नियमावली, 1972 के नियम 20(2) की स्थिति इस प्रकार होगी:-
(क) यदि कर्मचारी ड्यूटी पर है तो उसे उसके सेवाकाल के दौरान सेवा के अयोग्य घोषित नहीं किया जाएगा ।
(ख) यदि वह पहले से ही छुट्टी पर है तो छुट्टी की अवधि अथवा उसके बाद छुट्टी बढ़ाए जाने की अनुमति, इस नियम के उप नियम (1) के अंतर्गत अनुमत्य सीमा तक और यहाँ तक कि संगत नियम (नियमों) के अनुसार प्रदान की जा सकने वाली छुट्टी की सीमा के बाद भी छुट्टी प्रदान की जा सकती है ।
- उपर्युक्त स्थिति के अनुसार नियम 20(2) में संशोधन किया जा रहा है ।
- जहाँ तक भारतीय लेखा-परीक्षा और लेखा-विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का संबंध है, ये आदेश भारत के नियंत्रक तथा महालेखापरीक्षक के परामर्श से जारी किए जाते हैं ।
\begin{aligned}
& डी.आर. चट्टोपाध्याय) \
& भारत-सरकार के अवर सचिव
\end{aligned}
सेवा में,
भारत-सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग
(मानक सूची के अनुसार) ।
प्रति निम्नलिखित को प्रेषितः-
- भारत के नियंत्रक तथा महालेखापरीक्षक ।
- महापंजीयक, उच्चतम न्यायालय ।
- संघ-लोक-सेवा-आयोग/ चुनाव-आयोग/ लोक-सभा-सचिवालय/ राज्य-सभा-सचिवालय/ मंत्रिमंडलसचिवालय/केन्द्रीय सतर्कता-आयोग/राष्ट्रपति-सचिवालय/उप राष्ट्रपति-सचिवालय/प्रधान मंत्री-कार्यालय/ योजना आयोग के सचिवों को प्रति प्रेषित ।
- महालेखानियंत्रक/लेखानियंत्रक, वित्त मंत्रालय ।
- कार्मिक और प्रशिक्षण-विभाग (अ.भा.से. प्रभाग/जे.सी.ए./प्रशासन अनुभाग) ।
- अपर सचिव (गृह), गृह-मंत्रालय ।
- संयुक्त सचिव (संघ राज्य क्षेत्र), गृह-मंत्रालय ।
- सचिव, राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष), 13-सी, फ्रीरोज़शाह रोड, नई दिल्ली ।
- कार्मिक और प्रशिक्षण-विभाग/प्रशासनिक सुधार और लोक-शिकायत-विभाग/पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण-विभाग/लोक-उद्यम-चयन-बोर्ड के सभी अधिकारी/अनुभाग ।
- संयुक्त सचिव (पर्क्स), वित्त-मंत्रालय, व्यय-विभाग ।
- 500 अतिरिक्त प्रतियाँ ।