Improving the implementation of the Right to Information Act, 2005

I

This communication highlights the importance of effective implementation of the Right to Information Act, 2005, emphasizing it as a shared responsibility of the central and state governments. It commends states like Andhra Pradesh for taking innovative steps, such as developing an MIS for data collection from public authorities to aid the State Information Commission’s annual reporting and improve government monitoring of the Act’s implementation. Andhra Pradesh has also formed a high-level committee chaired by the Chief Secretary for RTI matters and has undertaken a statewide public awareness campaign through various media like slides in cinema halls, short films on Doordarshan, and educational modules. The communication urges other states to adopt similar initiatives for effective implementation. It also references several documents providing guidelines and orders related to the Act’s execution, including the appointment of nodal officers and the formation of monitoring committees.

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सं. 1/12/2008-आई.आर.
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)

नोर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली
दिलांक 23 जून, 2008
सेवा में,
मुख्य सचिव,
सभी राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र (जम्मू तथा कश्मीर राज्य को छोड़कर)
विषय:-सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए पहल किए जाने के संबंध में।

महोदय,
मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करना केन्द्र सरकार और सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों का दायित्व है । कुछ राज्यों ने अपने उत्तरदायित्वों को पूरा करने की दिशा में अभिनव कदम उठाए हैं । ऐसा एक राज्य आन्ध्रप्रदेश है जिसने इस मामले में निम्नलिखित कदम उठाए हैं :
(i) राज्य ने सेन्टर फॉर गुड गवर्नेंस, हैदराबाद के परामर्श से एक एम.आई.एस. विकसित किया है जिसके माध्यम से राज्य विभिन्न लोक प्राधिकरणों से आर.टी.आई. के आंकड़े संकलित करता है । यह राज्य सूचना आयोग को अपनी वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने में मदद करता है । इस पद्धति से राज्य सरकार के लिए अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी करना भी आसान हो गया है।
(ii) राज्य में आर.टी.आई. मामलों के संबंध में एक उच्च स्तरीय समिति है जिसके अध्यक्ष मुख्य सचिव हैं । समिति की हर तिमाही में एक बारबैठक होती है ।
(iii) आन्ध्र प्रदेश सरकार और राज्य सूचना आयोग ने पिछले वर्ष पूरे राज्य भर में एक जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया था । राज्य में आर.टी.आई. आवेदनों की संख्या में वृद्धि ही स्वयं इसका परिणाम प्रदर्शित करती है । राज्य में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए निम्नलिखित पहल की गई :-
(क) सिनेमा हालाँ में प्रदर्शित किए जाने हेतु स्लाइड्स तैयार किया जाना और दूरदर्शन के चैनलों पर पट्टिकाएं प्रदर्शित करवाना ।
(ख) दूरदर्शन/सिनेमा थियेटरों पर टेलीकास्ट करने के लिए लघु फिल्में तैयार करना ।
(ग) स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने हेतु आर.टी.आई. के बारे में पाठ तैयार करना ।
(घ) बोर्डों पर सूचनाएं प्रदर्शित करना और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए टेम्पलेट्स का प्रस्तुतीकरण ।
(ड.) सेन्टर फॉर गुड गवर्नेंस, हैदराबाद के तकनीकी समर्थन से आर.टी.आई. संबंधी ई-लर्निंग माइयूल तैयार करना ।
3. आपसे अनुरोध है कि आप अपने राज्य में इसी प्रकार की कार्रवाई/उपाय करें ताकि अधिनियम के प्रावधानों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके । निम्नलिखित दस्तावेजों की प्रतियाँ तत्काल संदर्भ हेतु संलग्न है :-
(i) आन्ध्र प्रदेश सरकार द्वारा दिनांक 12-01-2007 को जारी किया गया आदेश सं. 253 जिसमें आर.टी.आई. एक्ट, 2005 के प्रभावी तथा समय पर कार्यान्वयन के लिए सभी जिला कलैक्टरों को समन्वय अधिकारियों के रूप में तथा जिला राजस्व अधिकारियों को नोडल अधिकारियों के रूप में नामित किया गया ।
(ii) दिनांक 20-11-2006 का आदेश सं. 6488 जिसमें सचिवालय के सभी विभागों को यह निर्देश दिए गए कि वे अपने नियंत्रणाधीन सभीविभागाध्यक्षों और लोक प्राधिकारियों को आर.टी.आई. से संबंधित सूचना निर्धारित रजिस्टर में रखने और वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने के लिए इससे संबंधित सूचना समय पर राज्य सूचना को प्रस्तुत करने के संबंध में उपयुक्त अनुदेश जारी करें । (रजिस्टरों और प्रपत्र की प्रतियां और संबंधित रिपोर्टें आदेश के साथ संलग्न हैं ।)
(iii) राज्य सरकार द्वारा उच्च स्तरीय निगरानी समिति गठित करने संबंधी दिनांक 15-11-2006 का आदेश संख्या-6412
(iv) पांचवीं कक्षा के विषय-पर्यावरण संबंधी विज्ञान में शुरू किए जाने के लिए आदर्श पाठ ।

भवदीय,
कृष्ण गोपाल वर्मा)
निदेशक
दूरभाष 23092158