Guidelines Regarding Execution of Bond under Rule 53(4) of CCS (Leave) Rules, 1972

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This office memorandum provides guidelines regarding the execution of bonds by government servants availing study leave under Rule 53(4) of the CCS (Leave) Rules, 1972. It addresses instances where officers taking study leave extend their leave beyond the permissible period, and outlines revisions to the prescribed bond forms (Forms 7, 8, 9, and 10) to include a specific clause ensuring commitment to serve for a specified period after the completion of study leave. The memorandum emphasizes the need to enforce the bond conditions and ensure compliance with the rules. It also directs relevant ministries and departments to use the revised bond forms and ensure adherence to the guidelines.

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सं. 13026/4/2012-स्था.(छुट्टी)
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग
नई दिल्ली, दिनांक )ऐफरवरी, 2014

कार्यालय ज्ञापन

विषय : सीसीएस (अवकाश) नियमावली, 1972 के नियम 53(4) के अंतर्गत अध्ययन अवकाश लेने के लिए बंधपत्र के निष्पादन के संबंध में।

अधोहस्ताक्षरी को यह कहने का निदेश हुआ है कि सरकारी सेवकों को सीसीएस (अवकाश) नियमावली के नियम 50-63 के प्रावधानों के अनुसार “अध्ययन अवकाश” का लाभ लेने की अनुमति होती है। नियम 53(4) के प्रावधान, ऐसा अवकाश प्रदान किए जाने वाले सरकारी सेवक द्वारा निर्धारित संगत प्रपत्र अर्थात सीसीएस (अवकाश) नियमावली, 1972 के प्रपत्र 7-10 में एक बंधपत्र के निष्पादन का अधिदेश करते हैं।
2. सरकारी सेवक द्वारा निष्पादित किए जाने वाले उक्त बंधपत्र में, उक्त नियमावली के नियम 50(5) के प्रावधानों द्वारा निर्धारित अध्ययन अवकाश के समाप्त होने के पश्चात सेवा की विनिर्दिष्ट अवधि उल्लिखित किया जाना अपेक्षित होता है।
3. इस विभाग के संज्ञान में आया है कि उक्त बंधपत्र के प्रावधानों के अनुपालन में धोखा दिया जा रहा है तथा ऐसे अधिकारी जिन्होंने अध्ययन अवकाश का लाभ लिया है वे उन्हें देय एवं स्वीकार्य अवकाश को दीर्घकालीन अवधि तक बढ़ाते रहते हैं और इस प्रकार अपने द्वारा बंधपत्र में इंगित किए अनुसार अपेक्षित अवधि के लिए सक्रिय सेवा नहीं करते हैं।
4. उपर्युक्त स्थिति के मद्देनजर बंधपत्र के निर्धारित प्रपत्र के प्रावधानों की विधि कार्य विभाग के परामर्श से समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि अध्ययन अवकाश समाप्त होने के पश्चात अपेक्षित सेवा में प्रवेश करने की सरकारी सेवक की प्रतिबद्धता निश्चित करने वाले विशिष्ट खण्ड को समावेशित करते हुए सीसीएस (अवकाश) नियमावली, 1972 के निर्धारित प्रपत्र 7, 8, 9 और 10 को संशोधित किया जाए। संशोधित प्रपत्रों की प्रतियां संलग्न हैं। अध्ययन अवकाश प्रदान किए जाने के संबंध में इसे उपर्युक्त पैरा 1 में इंगित संगत प्रावधानों के अनुसार अभिशासित किया जाना जारी रहेगा। अब से गृह मंत्रालय आदि से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि सीसीएस (अवकाश) नियमावली, 1972 के अंतर्गत अध्ययन अवकाश प्रदान करने के संबंध में अवकाश बंधपत्र संशोधित प्रपत्रों में प्राप्त किया जाए।


  1. भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग में सेवारत व्यक्तियों के संबंध में, ये आदेश, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से परामर्श के उपरांत जारी किए जा रहे हैं।
  2. सीसीएस (अवकाश) नियमावली, 1972 में विधिवत संशोधन पृथक रूप से जारी किए जा रहे हैं।
    (मुकुल रात्रा)
    निदेशक (छु. एंड भ.)

सेवा में
भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग (मानक डाक प्रेषण सूची के अनुसार)
सं. 13026/4/2012-स्था.(छु.)
नई दिल्ली, दिनांक
प्रतिलिपि प्रेषित:

  1. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कार्यालय/महालेखा नियंत्रक, वित्त मंत्रालय।
  2. सचिव/संघ लोक सेवा आयोग/सर्वोच्च न्यायालय/निर्वाचन आयोग/लोक सभा सचिवालय/राज्य सभा सचिवालय/मंत्रिमंडल सचिवालय/केन्द्रीय सतर्कता आयोग/ राष्ट्रपति सचिवालय/ उपराष्ट्रपति सचिवालय/प्रधानमंत्री कार्यालय/योजना आयोग/केन्द्रीय सूचना आयोग।
  3. अपर सचिव (यू.टी.) गृह मंत्रालय।
  4. सभी राज्य सरकारें एवं संघ शासित क्षेत्र ।
  5. सभी राज्यों के राज्यपाल/उप राज्यपाल/संघ शासित क्षेत्र के प्रशासक।
  6. सचिव, राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष), 13-सी फिरोजशाह रोड, नई दिल्ली।
  7. विभागीय परिषद की राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारी पक्ष के सभी सदस्य।
  8. पुनर्वास शाखा सहित गृह मंत्रालय के सभी संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालय एवं डेस्क/अनुभाग अधिकारी।
  9. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग/प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत/पेंशन एवं पेंशन भोगी कल्याण विभाग के सभी अधिकारी/अनुभाग।
  10. राजभाषा खंड (विधायी विभाग)
  11. रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली
  12. एन.आई.सी, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, मंत्रालय की बेबसाइट पर अपलोड करने के लिए।

फॉर्म-7 [नियम 53(4) देखें] अध्ययन अवकाश पर जाते समय किसी सरकारी सेवक, जो स्थायी कर्मचारी है, दक्षारा निष्पादित किए जाने वाला बंधपत्र

मैं एतद्द्वारा सूचित करता हूँ कि
मैं ….निवासी जिला वर्तमान
मैं ….मंत्रालय/कार्यालय मैं के रूप में कार्यरत हूँ, एतद्द्वारा

स्वयं की एवं अपने वारिसों, निष्पादकों और प्रशासकों की ओर से यह वचन देता हूँ कि भारत के राष्ट्रपति (जिन्हें इसके बाद सरकार कहा जाएगा) को मांग पर………………………….रु. (………………..रु. केवल) की राशि का सरकारी ऋणों पर लागू तत्कालीन सरकारी दरों पर मांग की तारीख से अब तक के ब्याज सहित या यदि भुगतान भारत से बाहर किसी अन्य देश में किया गया है तो उक्त राशि का उस देश और भारत के बीच के शासकीय विनिमय दर के अनुसार परिवर्तित मुद्रा में, सरकार दक्षारा वहन किए गए अथवा किए जाने वाले वकील एवं मुवक्किल के बीच की सभी लागतों सहित एक साथ अदा करूंगा ।

चूंकि मुझ………………………………………. सरकार दक्षारा अध्ययन अवकाश प्रदान किया गया है।

और चूंकि, सरकार की बेहतर सुरक्षा हेतु, मैंने इस शर्त पर जैसा कि नीचे लिखा गया है इस बंधपत्र को निष्पादित करने की सहमति दी है :

अब, उपर्युक्तलिखित बाध्यताओं की शर्त यह है कि, मेरे दक्षारा कार्यभार न संभालने अथवा सेवा में त्यागपत्र देने या सेवानिवृत्त होने अथवा अन्यथा अध्ययन अवकाश की अवधि के पूर्ण हो जाने या समाप्त किए जाने के पश्चात इयूटी पर वापस न आते हुए सेवा छोड़ने अथवा अध्ययन के पाठ्यक्रम को पूरा न करने की स्थिति में अथवा इयूटी पर मेरे वापस आने के बाद तीन वर्षों/पांच वर्षों की अवधि के दौरान किसी भी समय, मैं सरकार को अथवा सरकार दक्षारा निर्देशित किए अनुसार, उक्त रु…………………………(……………………….रु. केवल) की राशि की मांग पर सरकारी ऋणों पर लागू तत्कालीन सरकारी दरों पर मांग की तारीख से ब्याज सहित का तत्काल भुगतान करूंगा ।

अब, इसकी उपर्युक्तलिखित बाध्यताओं के लिए पुनः यह शर्त है कि ऊपर निर्दिष्ट अवधि के लिए सेवा में बाध्यकारी रूप से लाने की मेरे बंधपत्र की अवधि को मेरे दक्षारा लिए गए अध्ययन अवकाश की समाप्ति के बाद बंधपत्र की अवधि के दौरान मेरे दक्षारा ली गई किसी भी प्रकार की छुट्टी की कुल अवधि के समान तुलनात्मक अवधि के लिए विस्तार प्रदान किया जाएगा ।

और मेरे दक्षारा इस राशि का भुगतान किए जाने पर उपर्युक्तलिखित बाध्यता समाप्त और निष्प्रभावी हो जाएगी अन्यथा यह पूरी तरह से लागू एवं प्रभावी रहेगी ।


यह बंधपत्र सभी प्रकार से भारत के तत्कालीन प्रभाव नियमों द्वारा शासित होगा और इसके अधीन सभी अधिकार एवं बाध्यताएँ, जहां भी अपेक्षित हो, भारत में उचित न्यायालयों द्वारा तदनुसार निर्धारित की जाएगी । दो हजार……………………… के……………………………दिन को

द्वारा हस्ताक्षरित एवं सुपुर्द

……………………………..की उपस्थिति में
गवाह: 1………………………………………..
2………………………………………..

स्वीकृत भारत के राष्ट्रपति के लिए और की तरफ से

स्पष्टीकरण: ‘कैरेन्सी ऑफ बांड’ शब्द का आशय है उस अवधि के दौरान जिसमें सरकारी सेवक की बाध्यताएँ सक्रिय की गई थीं और अपनी बाध्यता का निष्पादन करने में असफल होने वाले सरकारी सेवक में पूर्व निर्धारित राशि का दावा करने का सरकार का अधिकार प्रभावी है ।


कॉम-8
(नियम 53(4) देखें)
अध्ययन अवकाश का विस्तार प्रदान करते समय किसी सरकारी सेवक, जो स्थायी कर्मचारी है, दवारा निष्पादित किए जाने वाला बंधपत्र

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img-1.jpeg स्वय की एव अपने वारिसी. निष्पादकों और प्रशासकों की ओर से यह बंधन देता है कि भारत के राष्ट्रपति (जिन्हें इसके बाद ‘सरकार’ कहा जाएगा) को मांग पर………………………….ख.
(……………….ख. केवल) की राशि का सरकारी ऋणों पर लागू तत्कालीन सरकारी दरों पर मांग की तारीख से अब तक के व्याज सहित या यदि भुगतान भारत से बाहर किसी अन्य देश में किया गया है तो उक्त राशि का उस देश और भारत के बीच के शासकीय विनिमय दर के अनुसार परिवर्तित मुद्रा में. सरकार दवारा वहन किए गए अथवा किए जाने वाले वकील एवं मुवक्किक के बीच की सभी लागतों सहित एक साथ अदा करुगा ।

चूंकि मुझे…………………………………….. सरकार दवारा यह ध्यान में रखते हुए कि, मेरे दवारा भारत के राष्ट्रपति के प्रति दिनांक……………….का ख………………………….ख. केवल) का बंधपत्र निष्पादित किया गया है. ……………………………तक अध्ययन अवकाश प्रदान किया गया था!

और चूंकि, मुझे मेरे अनुरोध पर…………………….तक के लिए अध्ययन अवकाश का विस्तार प्रदान किया गया है!

और चूंकि, सरकार की बेहतर सुरक्षा हेतु, मैंने इस शर्त पर जैसा कि नीचे लिखा गया है इस बंधपत्र को निष्पादित करने की सहमति दी है :

अब, उपर्युक्तलिखित बाध्यताओं की शर्त यह है कि, मेरे दवारा कार्यभार न संभालने अथवा सेवा से त्यागपत्र देने या सेवानिवृत्त होने अथवा अन्यथा अध्ययन अवकाश की अवधि के पुणे हो जाने या समाप्त किए जाने के पश्चात इयूदी पर वापस न आते हुए सेवा छोड़ने अथवा अध्ययन के पाठ्यक्रम को पूरा न करने की स्थिति में अथवा इयूदी पर मेरे वापस आने के बाद तीन वर्षापांच वर्षो की अवधि के दौरान किसी भी समय. मैं सरकार को अथवा सरकार दवारा निर्देशित किए अनुसार, उक्त ख………………………………………..ख. केवल) की राशि की मांग पर सरकारी ऋणों पर लागू तत्कालीन सरकारी दरों पर मांग की तारीख से व्याज सहित का तत्काल भुगतान करुगा !

अब, इसकी उपर्युक्तलिखित बाध्यताओं के लिए पुन: यह शर्त है कि ऊपर निर्दिष्ट अवधि के लिए सेवा में बाध्यकारी रूप से लाने की मेरे बंधपत्र की अवधि को मेरे दवारा लिए गए अध्ययन अवकाश की मगादित के बाद बंधपत्र की अवधि के दौरान मेरे दवारा की गई किसी भी प्रकार की छुट्टी की कुल अवधि के समान तुलनात्मक अवधि के लिए विस्तार प्रदान किया जाएगा !


और मेरे द्वारा इस राशि का भुगतान किए जाने पर उपर्युक्त बाध्यता समाप्त और निष्प्रभावी हो जाएगी, अन्यथा यह पूरी तरह से लागू एवं प्रभावी रहेगी ।

यह बधपत्र सभी प्रकार से भारत के तत्कालीन प्रभावी नियमों द्वारा शासित होगा और इसके अधीन सभी अधिकार एवं बाध्यताएं, जहां भी अपेक्षित हो, भारत में उचित न्यायालयों द्वारा तदनुसार निर्धारित की जाएगी ।

दो हजार……………………..के……………………………के……………………….दिन को

दूसरा हस्ताक्षरित एवं सुपुर्द

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फोर्म-61
[नियम 53(4) देखें]
अध्ययन अवकाश पर जाते समय किसी सरकारी सेवक, जो स्थायी कर्मचारी नहीं है, दवारा
निष्पादित किए जाने वाला बंधपत्र

गैं/हम एतद्वारा सूचित करते हैं कि हम…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………..


और बाध्यताधारी श्री/श्रीमती/कुमारी……………………और अथवा उपर्युक्त जमानत श्री/श्रीमती/कुमारी……………………………द्वारा इस राशि का भुगतान किए जाने पर उपर्युक्त बाध्यता समाप्त और निष्प्रभावी हो जाएगी, अन्यथा यह पूरी तरह से लागू एवं प्रभावी रहेगी ।

सर्वदा बशर्ते कि इसके अधीन जमानतियों की देयताएं, समयावधि प्रदान करने या किसी अन्य सहिष्णुता द्वारा या सरकार अथवा उसके द्वारा प्राधिकृत किसी व्यक्ति (चाहे जमानतियों की सहमति या ज्ञान से हो या अन्यथा) द्वारा छोड़ देने के कारण क्षीण या निष्पादित नहीं होगी, यह भी आवश्यक नहीं होगा कि जमानतियों श्री/श्रीमती/कुमारी……………………………द्वारा श्री/श्रीमती/कुमारी……………………………उनमें से किसी एक पर इसके अधीन राशि हेतु अभियोग चलाने से पहले बाध्यताधारी पर अभियोग चलाया जाए ।

यह बंधपत्र सभी प्रकार से भारत के तत्कालीन प्रभावी नियमों द्वारा शासित होगा और इसके अधीन सभी अधिकार एवं बाध्यताएं, जहां भी अपेक्षित हो, भारत मे उचित न्यायालय द्वारा तदनुसार निर्धारित की जाएगी ।

दो हजार………………………….के………………………………………..के…………………………दिन को

उपर्युक्त श्री/श्रीमती/कुमारी…………………….. दिवारा हस्ताक्षरित एवं सुपुर्द

………………………………………….की उपस्थिति में

गवाह : 1………………………………………………………..

………………………………………………………..

उपर्युक्त श्री/श्रीमती/कुमारी…………………….. दिवारा हस्ताक्षरित एवं सुपुर्द

………………………………………….की उपस्थिति में

गवाह : 1………………………………………………………..

………………………………………………………..

उपर्युक्त श्री/श्रीमती/कुमारी…………………….. दिवारा हस्ताक्षरित एवं सुपुर्द

………………………………………….की उपस्थिति में

गवाह : 1………………………………………………………..

………………………………………………………..

स्वीकृत भारत के राष्ट्रपति के लिए और की तरफ से स्पष्टीकरण: ‘करेन्सी ऑफ बंधपत्र’ शब्द का आशय है उस अवधि के दौरान जिसमें सरकारी सेवक की बाध्यताएं सक्रिय की गई थी और अपनी बाध्यता का निष्पादन करने में असफल होने वाले सरकारी सेवक से पूर्व निर्धारित राशि का दावा करने का सरकार का अधिकार प्रभावी है ।


फॉर्म-10 [नियम 53(4) देखें]

अध्ययन अवकाश का विस्तार प्रदान करते समय किसी सरकारी सेवक, जो स्थायी कर्मचारी नहीं है, दवारा निष्पादित किए जाने वाला बंधपत्र

गौ/हस एतदवारा सूचित करते के कि
हम निवासी जिला वर्तमान
मैं मंत्रालय/कार्यालय के रूप में कार्यरत (जिन्हें इसके बाद “बाध्यताधारी” कहा जाएगा) और श्री/श्रीमती/कुमारी
पुत्र/पुत्री और श्री/श्रीमती/कुमार
पुत्र/पुत्री (जिन्हें इसके बाद “जमानती” कहा जाएगा) एतदवारा
अपनी/हमारी ओर से एवं मेरे/हमारे वारिसों, विधिक प्रतिनिधियों, निष्पादकों और प्रशासकों की ओर से संयुक्त रूप से और पृथक रूप से यह वचन देता हूं/देते हैं कि भारत के राष्ट्रपति (जिन्हें इसके बाद ‘सरकार’ कहा जाएगा) को मांग पर
केवल) की राशि का सरकारी ऋणों पर लागू तत्कालीन सरकारी दरों पर मांग की तारीख से अब तक के ब्याज सहित या यदि भुगतान भारत से बाहर किसी अन्य देश में किया गया है तो उक्त राशि का उस देश और भारत के बीच के शासकीय विनिमय दर के अनुसार परिवर्तित
मुद्रा में सरकार दवारा बदल किए गए अथवा किए जाने वाले वकील एवं मुवक्किल के बीच की सभी लागतों सहित एक साथ अदा करना/करेगे ।
सरकार दवारा बाध्यताधारी को से तक अध्ययन अवकाश प्रदान किया गया
के लिए बढ़ाया गया ।

और जबकि बाध्यताधारी के अध्ययन अवकाश को उसके अनुरोध पर ………………………. तक के लिए बढ़ाया गया ।

और जबकि सरकार की बेहतर सुरक्षा हेतु, बाध्यताधारी ने इस शर्त पर जैसा कि नीचे किया गया है इस बंधपत्र को निष्पादित करने की सहमति दी है :

जबकि उक्त जमानतियाँ दवारा उपर्युक्त बाध्यताधारियों ………………………….. की ओर से जमानतियों के रूप में इस बंधपत्र पर हस्ताक्षर करने की सहमति दी है ।

अब, उपर्युक्त लिखित बाध्यताओं की शर्त यह है कि, बाध्यताधारी श्री/श्रीमती/कुमारी …………………….. दवारा कार्यभार ने संभालने अथवा सेवा से त्यागपत्र देने या कार्यअवधि पूर्ण होने के पश्चात इयूदी पर वापस न आते हुए सेवा छोड़ने या अध्ययन के पाठ्यक्रम को पूरा न करने की स्थिति से या उसके इयूदी पर वापस आने के बाद तीन वर्षों/पांच वर्षों की अवधि के दौरान किसी भी समय बाध्यताधारी और जमानती सरकार को मांग पर सरकारी ऋणों पर लागू तत्कालीन सरकारी दरों पर मांग की तारीख से ब्याज सहित उक्त 7 …………………………….. के तत्व की राशि का तत्काल भुगतान करेगे ।

इसके अलावा ऊपर लिखित बाध्यताओं के लिए पुनः शर्त है कि बंधपत्र की अवधि का, ऊपर निर्दिष्ट अवधि के लिए बाध्यताधारी की अनिवार्य सेवा अवधि के अलावा, उसके दवारा ली गई अध्ययन छुट्टी की समाप्ति के बाद बंधपत्र की अवधि के दौरान उसके दवारा ली गई किसी भी प्रकार की छुट्टी की कुल अवधि के साथ एक्सएक्स अवधि के लिए विस्तार प्रदान किया जाएगा :


और बाध्यताधारी श्री/श्रीमती/कुमारी……………………………अरि अथवा उपर्युक्त जमानती श्री/श्रीमती/कुमारी……………………………अरि अथवा श्री/श्रीमती/कुमारी………………………….द्वारा इस राशि का भुगतान किए जाने पर उपर्युक्त बाध्यता समाप्त और निष्प्रभावी हो जाएगी, अन्यथा वह पूरी तरह से लागू एवं प्रभावी रहेगी ।

सर्वदा बशर्ते कि इसके अधीन जमानतियों की देयताएं, समयावधि प्रदान करने या किसी अन्य सहिष्णुता द्वारा या सरकार अथवा उसके द्वारा प्राधिकृत किसी व्यक्ति (चाहे जमानतियों की सहमति या जान से हो या अन्यथा) द्वारा छोड़ देने के कारण क्षीण या निष्पादित नहीं होगी, यह भी आवश्यक नहीं होगा कि जमानतियाँ श्री/श्रीमती/कुमारी…………………………… और श्री/श्रीमती/कुमारी…………………………… उनमें से किसी एक पर इसके अधीन राशि हेतु अभियोग चलाने से पहले बाध्यताधारी पर अभियोग चलाया जाए ।

यह बंधपत्र सभी प्रकार से भारत के तत्कालीन प्रभावी नियमों द्वारा धारित होगा और इसके अधीन सभी अधिकार एवं बाध्यताएं, जहां भी अपेक्षित हो, भारत में उचित न्यायालय द्वारा तदनुसार निर्धारित की जाएगी ।

दो हजार……………………………के……………………………………के……………………………दिन को

उपर्युक्त श्री/श्रीमती/कुमारी…………………………….
द्वारा हस्ताक्षरित एवं सुपुर्द

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