Guidelines for Medical Certificates for Leave – Rajpatrit and Non-Rajpatrit Employees

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This office memorandum from the Government of India’s Department of Personnel and Training outlines revised guidelines regarding the acceptance of medical certificates for leave applications from both gazetted and non-gazetted employees. Previously, differing requirements existed based on employee status, with non-gazetted staff needing certificates from specific medical practitioners. The revised guidelines standardize the process, specifying acceptable certificates based on CGHS beneficiary status and location. It also addresses situations involving treatment in private hospitals and clarifies applicability to the Indian Audit and Accounts Department. The changes are effective from September 1, 2000.

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संख्या-13015/3/2000-स्थापना (छुट्टी)
भारत-सरकार
कार्मिक, लोक-शिकायत तथा पेंशन-मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण-विभाग)
नई दिल्ली, दिनांक अगस्त 24, 2000

कार्यालय-ज्ञापन

विषय:- राजपत्रित और गैर राजपत्रित कर्मचारियों को परिवर्तित छुट्टी/चिकित्सा प्रमाण-पत्र के आधार पर छुट्टी दिए जाने के संबंध में पाँचवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफ़ारिशें ।

इस समय, केन्द्रीय सिविल सेवा (छुट्टी) नियमावली, 1972 के नियम 19 के अंतर्गत चिकित्सा-आधार पर छुट्टी की मंजूरी के लिए जहां राजपत्रित सरकारी कर्मचारी को प्राधिकृत चिकित्सक परिचर (ए.एम.ए.) द्वारा दिया गया चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होता है वहां गैर राजपत्रित कर्मचारी को प्राधिकृत चिकित्सा परिचर द्वारा अथवा पंजीकृत चिकित्सक (आर.एम.पी.) द्वारा दिया गया चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होता है । इसके अतिरिक्त, पाँचवें केन्द्रीय वेतन आयोग की रिपोर्ट के पैरा 117.14 मे की सिफ़ारिशों के अनुसार सभी सरकारी कर्मचारियों द्वारा डॉक्टरी/स्वस्थता प्रमाण-पत्र केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य सेवाओं (सी.जी.एच.एस.) के औषधालयों के डॉक्टरों से अथवा जहां सी.जी.एच.एस. के औषधालय नहीं है वहां प्राधिकृत चिकित्सा परिचरों द्वारा दिया गया चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किए जाने के संबंध में अनुदेश इस विभाग के दिनांक 7 अक्तूबर, 1997 के कार्यालय-ज्ञापन संख्या-13015/2/97-स्थापना(छुट्टी) द्वारा जारी किए गए थे, जिनके अनुसार गैर-राजपत्रित सरकारी कर्मचारी जो सी.जी.एच.एस. के लाभग्राही हैं और अस्वस्थता के समय सी.जी.एच.एस. की सुविधा वाले इलाकों में रह रहे हैं उन्हें सी.जी.एच.एस. के चिकित्सकों द्वारा दिया गया प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होता है ।

  1. सरकार द्वारा इस मामले पर और आगे विचार किया गया है और केन्द्रीय सिविल सेवा (छुट्टी) नियम, 1972 के नियम 19 के उपबंधों में और इस विभाग के 07 अक्तूबर, 1997 के कार्यालय ज्ञापन में आंशिक संशोधन करते हुए अब यह निर्णय लिया गया है कि राजपत्रित और गैर-राजपत्रित सरकारी कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला डॉक्टरी/स्वस्थता प्रमाण-पत्र निम्नानुसार नियमित किया जाएगाः-
    (1) कोई सरकारी कर्मचारी (राजपत्रित अथवा गैर-राजपत्रित), जो सी.जी.एच.एस. का लाभग्राही है और अस्वस्थता के समय सी.जी.एच.एस.
    सुविधा वाले इलाके में रह रहा है उसे केन्द्रीय सिविल सेवा (छुट्टी) नियमावली, 1972 के नियम 19 में दिए गए फॉर्म में सी.जी.एच.एस. के चिकित्सक अथवा सरकारी अस्पताल के चिकित्सक द्वारा दिया गया प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा ।
    (ii) कोई सरकारी कर्मचारी (राजपत्रित अथवा गैर-राजपत्रित) जो सी.जी.एच.एस. का लाभग्राही (ऐसे सरकारी कर्मचारी सहित, जिसने सी.जी.एच.एस. से बाहर रहने का विकल्प दिया है अथवा सी.जी.एच.एस कार्ड धारक है लेकिन बीमारी के समय सी.जी.एच.एस. सुविधा वाले इलाके में नहीं रह रहा अर्थात् ड्यूटी, छुट्टी आदि पर मुख्यालय से बाहर चला गया है) नहीं है उसे प्राधिकृत चिकित्सा परिचर (ए.एम.ए.) द्वारा दिया गया प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा, बशर्ते कि ऐसे गैर-राजपत्रित कर्मचारी के मामले में यदि उसके निवास स्थान से 8 किलोमीटर की परिधि 4 (अथवा मुख्यालय से बाहर अस्थायी रिहायश वाले स्थान पर) कोई प्राधिकृत चिकित्सा परिचर (ए.एम.ए.) उपलब्ध नहीं है तो छुट्टी मंजूर करने वाले प्राधिकारी द्वारा किसी पंजीकृत चिकित्सक (आर.एम.पी.) द्वारा दिए गए चिकित्सा प्रमाण प्रस्तुत किए जाने की अनुमति दे दी जाए ।
    (iii) सी.जी.एच.एस./केन्द्रीय सेवाएं (चिकित्सा परिचर्या) नियमावली, 1944 के तहत मान्यताप्राप्त किसी प्राइवेट अस्पताल में भरती होने/अंतरंग उपचार की अनुज्ञा मिलने 93 सरकारी कर्मचारी, (राजपत्रित अथवा-गैर-राजपत्रित चाहे वह सी.जी.एच.एस.लाभग्राही है अथवा नहीं) ऐसे अस्पताल के किसी प्राधिकृत चिकित्सक द्वारा दिया गया अपेक्षित डॉक्टरी/स्वस्थता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेगा, यदि वह m a 4 भरती/अंतरंग उपचार, किसी बीमारी विशेष (उदाहरणार्थ हृदय रोग, कैंसर आदि) के कारण हुआ है और जिनके उपचार के लिए संबंधित अस्पताल को स्वास्थ्य एव परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मान्यता मिली हुई है । यह रियायत किसी अन्य बीमारी के लिए दिन प्रतिदिन के बहिरंग उपचार अथवा अंतरंग उपचार के संबंध में लागू नहीं होगी ।
  2. ये आदेश सिंतम्बर 01,2000 से लागू होगे । केन्द्रीय सिविल सेवा (छुट्टी) नियम, 1972 में औपचारिक संशोधन बाद में किए जाएंगे ।
  3. जहां तक भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग में कार्यरत व्यक्तियों का संबंध है, ये आदेश भारत के नियंत्रक तथा महालेखा परीक्षक के परामर्श से जारी किए जाते हैं ।

\begin{aligned}
& (हरिन्द्र सिंह) \
& भारत सरकार के संयुक्त सचिव
\end{aligned}

सेवा मे,
भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग
पृष्ठांकन संलग्न सूची के अनुसार ।