Guidelines for Addressing Cases of Officers Continuing in Position Beyond Approved Deputation Tenure

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This office memorandum addresses the issue of officers continuing in positions beyond their approved deputation tenure. It reiterates instructions issued on November 29, 2006, and March 1, 2011, regarding controlling such cases. The memorandum emphasizes that deputation orders must clearly specify the duration of the deputation and the date of relieving the officer, and extensions should not exceed seven years in exceptional circumstances with the approval of the administrative ministry/department. It places responsibility on both the borrowing and lending organizations to ensure timely relieving of officers and warns of disciplinary action for unauthorized overstaying. Ministries and departments are directed to review pending cases and avoid delays in addressing such situations.

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सं.-2/6/2023-स्था.(वेतन-II)
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग

नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली
दिनांक: 22 मार्च, 2023
कार्यालय जापन

विषयः प्रतिनियुक्ति के दौरान पद पर अधिक समय तक बने रहने वाले मामलों की तत्काल समीक्षा।

प्रतिनियुक्ति के अनुमोदित कार्यकाल के पश्चात् पद पर अधिक समय तक बने रहने वाले मामलों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के दिनांक 29.11.2006 के का.जा. सं. 14017/30/2006-स्था.(आरआर) और दिनांक 01.03.2011 के का.जा. सं. 6/8/2009स्था.(वेतन-II) के तहत जारी किए गए अनुदेशों की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है।

  1. इस संबंध में, यह उल्लेख करना प्रासंगिक है कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के दिनांक 17.06.2010 के का.जा. सं. 6/8/2009-स्था.(वेतन-II) में दर्शाए गए प्रतिनियुक्ति/विदेश सेवा के कार्यकाल को अभिशासित करने वाले प्रावधानों में छूट देते हुए, इस विभाग ने दिनांक 17.02.2016 के का.जा. सं. 2/6/2016-स्था. (वेतन-II) के तहत अदाता (बॉरोइंग) संगठन को उनके संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग के मंत्री के अनुमोदन से प्रतिनियुक्ति के कार्यकाल में, जहां लोकहित में यह अत्यंत आवश्यक हो, एक बार में अधिकतम 7 वर्ष की अवधि तक के लिए विस्तार करने की शक्तियां प्रदत की हैं। हालांकि, प्रतिनियुक्ति/विदेश सेवा के कार्यकाल को अभिशासित करने वाले प्रावधानों में अनुमति दी गई छूट के बावजूद भी, इस विभाग में प्रतिनियुक्ति के अनुमोदित कार्यकाल के पश्चात् अधिक समय तक पद पर बने रहने की अवधि को नियमित करने के लिए प्रस्ताव प्राप्त होते रहे हैं।
  2. उपर्युक्त के मद्देनजर, इस विभाग के दिनांक 29.11.2006 और 01.03.2011 के कार्यालय जापनों के तहत जारी किए गए प्रतिनियुक्ति/विदेश सेवा के कार्यकाल को अभिशासित करने वाले निम्नलिखित अनुदेशों को कड़ाई से अनुपालन के लिए दोहराया जाता है-
    i. प्रतिनियुक्ति के निबंधन और शर्ते न केवल पद के भर्ती नियमों के अनुसार प्रतिनियुक्ति की अवधि अथवा सक्षम प्राधिकारी द्वाराा यथाअनुमोदित अवधि को स्पष्ट रूप से निर्धारित करेंगे बल्कि प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारी को कार्यमुक्त करने की तारीख को भी निर्धारित करेंगे। अधिकारी को कार्यमुक्त करने के लिए किसी अगले आदेश की आवश्यकता नहीं होगी;
    ii. वर्तमान में, प्रतिनियुक्ति पर मौजूद अधिकारियों सहित प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारी, प्रतिनियुक्ति की अवधि के समाप्त होने की तारीख को कार्यमुक्त किए गए समझे जाएंगे, जब
  • तक कि सक्षम प्राधिकारी अपेक्षित अनुमोदनों के साथ, कार्यकाल की समाप्ति की तारीख से पहले लिखित रूप में, प्रतिनियुक्ति की अवधि में विस्तार नहीं करे। यह आसन्न वरिष्ठ अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह यह सुनिश्चित करे कि प्रतिनियुक्ति पर जाने वाला अधिकारी कार्यकाल के पश्चात् पद पर अधिक समय तक नहीं बना रहे। किसी अधिकारी के किसी भी कारण से पद पर अधिक समय तक बने रहने के अवसर पर, वह अनुशासनिक कार्रवाई और अन्य प्रतिकूल सिविल सेवा परिणामों के लिए उत्तरदायी होता है, जिसमें अप्राधिकृत रूप से पद पर अधिक समय तक बने रहने की अवधि की गणना पैशन के उद्देश्य से अर्हक सेवा के रूप में नहीं करना शामिल होगा और अप्राधिकृत रूप से पद पर बने रहने की अवधि के दौरान कोई भी वेतनवृद्धि, उस अधिकारी के उसके मूल संवर्ग में कार्यभार ग्रहण करने की तारीख तक, संचयी प्रभाव के साथ आस्थगित कर दी जाएगी।
    iii. प्रतिनियुक्ति के आदेश के जारी होने से पूर्व संबंधित अधिकारी से प्रतिनियुक्ति के निबंधन और शर्तों पर लिखित रूप से सहमति ली जाएगी।
  1. प्राथमिक रूप से अदाता (बॉरोइंग) संगठन की यह जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारी को उनके प्रतिनियुक्ति कार्यकाल की समाप्ति की तारीख को कार्यमुक्त किया जाए। निम्नमों के अंतर्गत प्रतिनियुक्ति के कार्यकाल विस्तार करने का कोई भी प्रस्ताव, कार्यकाल की समाप्ति से पर्याप्त समय-पूर्व शुरू किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारी और प्रदाता (लैंडिंग) संगठन की भी यह जिम्मेदारी होती है कि वह प्रतिनियुक्ति कार्यकाल की समाप्ति के बारे में अदाता (बॉरोइंग) संगठन को सूचित करे।
  2. मंत्रालयों/विभागों को यह सलाह दी जाती है कि वे उपर्युक्त अनुदेशों को, वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर गए सभी अधिकारियों और प्रतिनियुक्ति के मामलों को अभिशासित करने वाले कार्यालयों को सूचना तथा कड़ाई से अनुपालन हेतु परिचालित करे।
  3. मंत्रालय/विभाग भी प्रतिनियुक्ति के सभी मामलों की स्थिति की समीक्षा करें और अपचारी (डेलीक्वेट) कार्मिकों के पक्ष में प्रतिनियुक्ति की अनुमोदित अवधि के पश्चात् पद पर अधिक समय तक बने रहने वाले मामलों का देर से निपटान करने से बचें।
    (सुकदेव साह)
    अवर सचिव, भारत सरकार
    दूरभाष सं. 011-23090489
    सेवा में,
    भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग-कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की वेबसाइट के माध्यम से।