Recent government directives address critical decisions concerning personnel transfers based on medical and genuine hardship criteria. Following deliberations by the State Advisory Committee on September 9, 2010, numerous appeals from government employees, primarily within the Secondary Education Department, were reviewed. These appeals pertained to inter-state transfers between Uttar Pradesh and Uttarakhand, citing severe medical conditions affecting the employees themselves or their immediate family members. Conditions highlighted included various physical disabilities, debilitating mental illnesses requiring lifelong care, and serious cardiac issues, all confirmed by medical boards to necessitate continuous support and make independent functioning or transfers challenging. While initial assessments focused on strict adherence to hardship guidelines, the Government of India ultimately acknowledged these situations as valid cases of genuine or medical distress. As a result, nine listed personnel, whose circumstances underscored significant medical needs for themselves or their dependents, have been granted approval to remain posted in Uttarakhand. This decision reflects a compassionate approach by the government in managing employee service placements.
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संख्या- 27/24/2010-एस.आर.एस. भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग
एस.आर. अनुभाग
तीसरा तल, लोकनायक भवन, खान मार्केट, नई दिल्ली । दिनांक $1315 / 2011$ सेवा में, मुख्य सचिव, 13 MAY 2011 उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ ।
मुख्य सचिव, उत्तरांचल सरकार, देहरादून ।
विषयः चिकित्सकीय/वास्तविक व्यथा से सबंधित प्रकरणों पर राज्य परामर्शी समिति की दिनांक 09 सितम्बर, 2010 को आयोजित बैठक में विचार
महोदय,
उपर्युक्त विषय में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि राज्य परामर्शी समिति की 09 सितम्बर, 2010 को आयोजित बैठक में विचारोपरांत समिति ने संलग्नक में उल्लिखित कार्मिकों के अभ्यावेदनों को चिकित्सकीय/वास्तविक व्यथा दिशा-निदेशों से आच्छादित न होने के कारण अस्वीकृत करने की संस्तुति की है । विस्तृत ब्यौरा संलग्नक पर है ।
समिति द्वारा इन मामलों में जो संस्तुतियों की गई उन्हें भारत सरकार द्वारा वास्तविक/चिकित्सकीय व्यथा के अन्तर्गत मान लिया गया है। संलग्नक में उल्लिखित कार्मिकों को उत्तराखण्ड राज्य में बनाये रखे जाने का निर्णय लिया गया है ।
कृपया संबंधित अधिकारियों को इन निर्णयों से अवगत करा दिया जाए ।
भवदीय
(सारंगघर नायक)
अवर सचिव, भारत सरकार
प्रति:-
- श्री आर.एम. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग, लखनऊ ।
- प्रमुख सचिव, उत्तराखंड पुनर्गठन समन्वय विभाग देहरादून।
संलग्नक 9 कार्मिकों की सूचीचिकित्सकीय व्यथा के आधार पर परामर्शीय समिति की दिनांक 09 सितम्बर, 2010 की बैठक में उ.प्र. पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 06 फरवरी, 2009 सपठित 06 मार्च, 2009 से प्रश्नगत बीमारी के आच्छादित न होने के कारण अस्वीकृत प्रत्यावेदन
माध्यमिक शिक्षा विभाग
| क्रमांक | कार्मिक
नाम/पदनाम / तैनाती | प्रत्यावेदन में अंकित बीमारी | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति |
| — | — | — | — |
| 1. | श्री महेश चन्द्र सक्सेना, प्रवक्ता, गणित, राजकीय इण्टर कालेज, गणाई मंगोली, पिथौरागढ। | स्वयं के विकलांगता से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 27-08-2009 की बैठक में श्री महेश चन्द्र सक्सेना को वीकनेस इन राइट लोअर लेग विद वेस्टिंग का केस है। उक्त के आधार पर हाई हिली एरिया में कार्य कर पाने में असमर्थ है। |
| 2. | श्री ललित नारायण सहायक अध्यापक एस.एस.नेगी, राजकीय इण्टर कालेज नथुपाखान, नैनीताल। | माता गम्भीर रोग से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 28-01-2010 की बैठक में श्रीमती तपेसरा देवी माता श्री ललित नारायण को सर्वाइकल स्पान्डोलाटिस विद सेकेण्ड्री कॅनाल स्टेनोसिस का रोगी बताया है। इन्हे नियमित फीजियोथिरैरी एवं विशेषज्ञ उपचार की अवश्यकता है। |
| 3. | श्री नागेश कुमार पाण्डेय, सहायक अध्यापक राजकीय इण्टर कालेज, घेड़ियानाखाल, पौड़ी। | पत्नी मानसिक रोग से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 25-02-2010 की बैठक में श्री नागेश कुमार पाण्डेय की पत्नी श्रीमती विनीता पाण्डेय को गम्भीर मनोविकार स्किरेण्ट व रजिस्टेण्ट डिप्रेशन विद साइकोटिक फीचर्स से विगत 12 वर्षो से पीड़ित रोगी बताया गया है। इनका उपचार आजीवन जरूरी है। यी गम्भीर मानसिक रोगों की श्रेणी में आता है। जिसम समय-समय पर भर्ती की अवश्यकता बढ़ सकती है। |
| 4. | श्री लाखन प्रसाद, सहायक अध्यापक, राजकीय इण्टर कालेज, सौग, बागेश्वर। | पत्नी मानसिक रोग से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 25-02-2010 की बैठक में श्रीमती किरन पत्नी श्री लाखन प्रसाद को गम्भीर मनोविकार सीज डिसआर्डर विद इन्टल इकटल साइकोसिस की मरीज बताया गया है। इस मर्ज के कारण उनकी बौद्धिक एवं शारीरिक क्षमता काफी कम हो जाती है। इनको अकेला नही छोड़ा जा सकता है। इनका उपचार आजीव जरूरी है अन्यथा दुर्घटना हो सकती है। |
| 5. | श्री कृष्ण कान्त यादव, सहायक अध्यापक, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भमरई खाल, पौड़ी। | पत्नी मानसिक रोग से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 25-02-2010 की बैठक में श्रीमती सुधा पत्नी श्री कृष्ण कान्त यादव को अवसाद एवं सायकोटिक फीचर्स के साथ सोमैटिक डिसआर्डर की विगत 07 वर्ष पुरानी गम्भीर मानसिक बीमारी है बताया गया है। इन्हें जीवन पर्यन्त इलाज व सहारे की आवश्यकता है। |
| 6. | श्री हरी शंकर, सहायक अध्यापक, राजकीय राजकीय इण्टर कालेज, ढोलीगांव, नैनीताल। | पत्नी मानसिक रोग से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 25-02-2010 की बैठक में श्रीमती रजनी पत्नी श्री हरी शंकर डिप्रेशन विद सायकोटिक फीचर्स विद राइट साइटेड हेमीपैरिसस के साथ-साथ मल्टीपल फिजिकल प्राब्लम्स से ग्रसित बताया है। इनकी मानसिक स्थिति को देखते हुये इन्हें निरन्तर इलाज एवं देखभाल की सलाह दी जाती है। |
| 7. | श्री अहिबरन सिंह, प्रवक्ता, मेहबान सिंह कंडारी राजकीय इण्टर कालेज, स्पूसी, पौड़ी। | पत्नी मानसिक रोग से ग्रस्त होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 25-02-2010 की बैठक में श्रीमती गीता देवी पत्नी श्री अहिबरन सिंह को केराटोनिक सीजोफॅनिया रोग से ग्रस्त बताया गया है। यह एक अनसाउन्ड आफ माइन्ड की श्रेणी का रोग है। यह कोई निर्णय स्वयं लेने में अक्षम है। इन्हें सहारे के साथ आजीवन इलाज की आवश्यकता है। |
| 8. | मुहम्मद अशफाक सिद्दीकी सहायक अध्यापक- राज इण्टर कालेज, दुबौला, पिथौरागढ | पिता हृदय रोग से ग्रस्त होने के आधार पर उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में समायोजन हेतु। | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 27-08-2009 की बैठक में श्री अशफाक सिद्दीकी के पिता श्री शमशुद्दीन को आई.एच.डी. विद हाईपर टेंशन विद एन्जाइना विद एल.वी.एफ. रोग ग्रसित बताया है। इन्हें नियमित विशेषज्ञ एवं उपचार की आवश्यकता है। |
| 9. | श्री राजेश पति त्रिपाठी, सहायक अध्यापक, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, कोटाबाग, नैनीताल। | पत्नी मानसिक रोग से ग्रस्त होने के आधार पर उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में समायोजन हेतु। | राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा दिनांक 28-01-2010 की बैठक में श्रीमती सभ्या त्रिपाठी, पत्नी श्री राजेश पति त्रिपाठी को गम्भीर अवसाद रोग एवं साइकोटिक फीचर्स से ग्रस्त बताया है। इन्हें अकेला नही छोड़ा जा सकता है। |
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