Navigating employee welfare, the Indian government recently addressed a series of sensitive cases concerning transfer requests based on medical and genuine distress. An advisory committee, which convened on October 17, 2011, had initially reviewed several applications. Despite some of these applications not aligning with specific procedural notifications governing such transfers, the government ultimately took a compassionate stance. It accepted the recommendations under the broader category of ‘actual/medical distress,’ leading to a significant directive: certain personnel would be retained within the Uttarakhand state. This decision highlights a balanced approach, where administrative guidelines are considered alongside individual employee circumstances, particularly when health concerns are paramount for government staff.
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संख्या- 27/17/2011-एस.आर.एस.
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग
एस.आर. अनुभाग
तीसरा तल, लोकनायक भवन,
खान मार्केट, नई दिल्ली ।
दिनांक , 2012
सेवा में,
मुख्य सचिव,
उत्तर प्रदेश सरकार,
लखनऊ ।
मुख्य सचिव,
उत्तरांचल सरकार,
देहरादून ।
विषयः चिकित्सकीय/वास्तविक व्यथा से संबंधित प्रकरणों पर परामर्शी समिति की 17 अक्टूबर, 2011 को आयोजित बैठक में विचार ।
महोदय,
उपर्युक्त विषय में मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि परामर्शी समिति की दिनांक 17 अक्टूबर, 2011 को आयोजित बैठक में विचारोपरांत समिति ने संलग्नक में उल्लिखित कार्मिकों के अभ्यावेदनों को चिकित्सकीय/वास्तविक व्यथा दिशा-निर्देशों से आच्छादित न होने के कारण अस्वीकृत करने की संस्तुति की है । विस्तृत ब्यौरा संलग्नक पर है ।
समिति द्वारा इन मामलों में जो संस्तुतियों की गई उन्हें भारत सरकार द्वारा वास्तविक/चिकित्सकीय व्यथा के अन्तर्गत मान लिया गया है । संलग्नक में उल्लिखित कार्मिकों को उत्तराखण्ड राज्य में बनाये रखे जाने का निर्णय लिया गया है ।
कृपया संबंधित अधिकारियों को इन निर्णयों से अवगत कर दिया जाए ।
भवदीय
- श्री राजेन्द्र मोहन श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग, लखनऊ ।
- अपर सचिव, पुनर्गठन विभाग, उत्तराखंड सरकार, देहरादून ।
संलग्नक 3 कार्मिकों की सूची
23 JAN 2012
नारी किया/IS3UEDचिकित्सकीय व्यथा के आधार पर परामर्शीय समिति की दिनांक 17 अक्टूबर, 2011 की बैठक में अस्वीकृत प्रत्यावेदन शिक्षा विभाग
क्रमांक | कार्मिक का नाम/पदनाम /तैनाती | प्रत्यावेदन में अंकित बीमारी | नियुक्ति तिथि | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति |
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1 | श्री पीताम्बर यादव, सहायक अध्यापक, राजकीय इण्टर कॉलेज, खेत, पिथौरागढ़। | स्वयं के हृदय रोग से ग्रसित होने के कारण उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। | 07.09.1998 | राज्य चिकित्सा परिषद की बैठक दिनांक 28 जुलाई, 2011 के अनुसार श्री पीताम्बर यादव ट्विपल वेसल डिसीज से ग्रसित हैं। इन्हें तत्काल कोरोनरी आर्टरी बाइपास सर्जरी की आवश्यकता है। |
2 | श्री रामेन्द्र कुमार कटियार, प्रवक्ता, राजकीय इण्टर कॉलेज, गुनियालेख, नैनीताल। | स्वयं के विकलांगता से ग्रसित होने के कारण उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। | 18.03.1993 | राज्य चिकित्सा परिषद की बैठक दिनांक 26 मई, 2011 के अनुसार श्री रामेन्द्र कुमार कटियार पी०पी०आर०पी० लेफ्ट अपर लिम्ब से ग्रसित होने के कारण विकलांग हैं। |
3 | श्री कृष्णकान्त भारद्वाज, प्रवक्ता, राजकीय इण्टर कॉलेज, चम्पावत। | स्वयं के हृदय रोग से ग्रसित होने के कारण उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। | तदर्थ 21.10. 1982 | राज्य चिकित्सा परिषद की बैठक दिनांक 26 मई, 2011 के अनुसार श्री कृष्णकान्त भारद्वाज का कोरोनरी आर्टरी बाइपास दिनांक 10 जनवरी, 2008 को हुआ है तथा इन्हें कुछ वर्षो तक आवश्यक औषधियों लेने की आवश्यकता है। |
प्रश्नगत बीमारी पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनोंक 06 फरवरी, 2009 तथा सपठित 06 मार्च, 2009 से आच्छादित न होने के कारण समिति द्वारा याची के प्रत्यावेदन को अस्वीकार किया गया।