Final Allocation of Personnel to Uttarakhand State under Uttar Pradesh Reorganisation Act, 2000

F

In a crucial administrative development, principles for the final allocation of personnel have been established, governing the deployment of public sector employees following the 2000 reorganisation of Uttar Pradesh. This comprehensive directive meticulously details the framework for the final assignment of individuals who served in the undivided state to either the successor state of Uttar Pradesh or the newly formed Uttarakhand. It addresses various administrative complexities, including provisions for cases where interim court orders are in effect or where personnel were not initially allocated to Uttarakhand. The decisions are rooted in the recommendations of dedicated State Advisory Committee meetings. Furthermore, the directive includes an extensive list of police personnel whose individual transfer or allocation requests were reviewed. Many of these cases highlight profound personal circumstances, such as severe health conditions affecting the personnel themselves or their immediate family members, with each application rigorously assessed against established medical and administrative criteria to ensure fair and appropriate deployment within the public service.

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संख्या 27/07/2011-एस0 आर0 (एस0)
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंवालय,
(कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग)
लोक नायक भवन, तीसरा तल,
खान मार्किट, नई दिल्ली. 110003
दिनांक 28/04/2011
आदेश 16(10)2011
उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 की धारा 73 की उपधारा (2) के अधीन, प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केन्द्रीय सरकार, एतद् द्वारा यह निदेश देती है कि इस आदेश के संलग्नक में निर्दिष्ट प्रत्येक व्यक्ति, जो 9.11.2000 के ठीक पहले विद्यमान उत्तर प्रदेश राज्य के क्रियाकलापों के सम्बन्ध में सेवा कर रहा हो, एवं उपर्युक्त अधिनियम की धारा 73 की उपधारा (1) के अधीन, उत्तरवर्ती उत्तर प्रदेश राज्य या उत्तरांचल राज्य के क्रियाकलापों के सम्बन्ध में यथास्थिति, 9.11.2000 से ही अनंतिम रुप से सेवा कर रहा हो, को, उत्तरवर्ती उत्तराखण्ड राज्य यथास्थिति, 9.11.2000 से सेवा के लिए अन्तिम रुप से आबन्दित समझा जायेगा ।

परन्तु ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जिसने न्यायालय से अंतरिम स्थगन आदेश प्राप्त किया हो, उसका अंतिम आबंटन, न्यायालय के स्थगन आदेश के रद्दद होने के बाद ही प्रभावी होगा अथवा जहाँ न्यायालय के द्वारा, इस सम्बन्ध में कोई निर्देश दिया गया हो, ऐसे प्रत्येक व्यक्ति का आबंटन न्यायालय के अन्तिम आदेश के अधीन होगा ।

परन्तु ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जिसने न्यायालय से आबंटन से मुक्त रहने का स्थगन आदेश प्राप्त किया हो, को न्यायालय के आदेश प्रभावी रहने तक आबन्दित नहीं समझा जायेगा।

परन्तु संबंधित सेवा/पद के शोष बचे हुए कार्मिक जिनका अंतिम आबंटन उत्तरवर्ती उत्तरांचल राज्य के लिए नहीं किया गया है तथा जो आदेश संख्या 27/9/2001-एस.आर. एस. दिनांक 11.9.2001 के द्वारा उत्तराखंड राज्य को आबंटित नहीं किए गए हैं, उत्तरवर्ती उत्तर प्रदेश को अंतिम रुप से आबंटित समझे जायेगें जब तक कि नियमानुसार अन्यथा निर्णय नहीं लिया जाता ।

संलग्नक में निर्दिष्ट कार्मिकों का अंतिम आबंटन राज्य परामर्शदात्री समिति की दिनांक 17.06.2010 एवं 14.02.2011 को हुई बैठकों की संस्तुतियों पर आधारित है ।
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प्रतिलिपि: 1. मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ ।
2. मुख्य सचिव, उत्तराखंड सरकार, देहरादून ।
3. श्री आर.एम. श्रीवास्तव, प्रधान सचिव, उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग, लखनऊ ।
4. प्रधान सचिव, उत्तराखंड पुनर्गठन समन्वय विभाग देहरादून।


विभाग गृह (पुलिस) राज्य परामर्शीय समिति की दिनांक 17.6.2010 की बैठक में अस्वीकृत प्रत्यावेदन

| $\begin{gathered} \text { क० } \ \text { संठ } \end{gathered}$ | नाम व पदनाम/
TFAL | प्रत्यावेदन में उल्लिखित बिन्दु /remarks |
| — | — | — |
| 1 | 3 | 4 |
| 1. | श्री रमा शंकर यादव, आरक्षी 82 | मार्च, 2005 में दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी टूटने के कारण अभी भी स्वस्थ नहीं Radiologist की रिपोर्ट के अनुसार इन्हें कोई रोग नहीं है, सेवा के लिये फिट है। |
| 2. | श्री बाबू सिंह, आरक्षी 259 | एक तरफ की दो पसलिया न होने के कारण एक मात्र पुत्री निमोनिया से पीड़ित |
| 3. | श्री अर्जुन सिंह, आरक्षी 1240 | स्वयं के पैर में दर्द एवं सुन्नापन होने के कारण चलने फिरने में कठिनाई |
| 4. | श्री गिरीश चन्द्र यादव, आरक्षी 2474 | पत्नी के दोनों गुर्दे खराब
श्री गिरीश चन्द्र यादव की पत्नी के देहान्त हो जाने के कारण प्रकरण निस्तारित। |
| 5. | श्री राजेश्वर सिंह, आरक्षी 2820 | पिता कँसर रोगी, इलाज कानपुर में जारी, उत्तराखण्ड 600 किमी दूर श्री राजेश्वर सिंह के पिता के देहान्त हो जाने के कारण प्रकरण निस्तारित। |
| 6. | श्री शिव जी यादव आरक्षी 3550 | चल अचल सम्पत्ति एवं मूल निवासी जनपद बलिया में/वृद्ध माता पिता/ अध्ययनरत बच्चे/स्वंय अस्वस्थ/ माता की किडनी खराब होने के कारण डायलेसिस के लिये बार-बार लखनऊ आना पड़ता है, अल्प वेतनभोगी। श्री शिव जी यादव की माता के देहान्त हो जाने के कारण प्रकरण निस्तारित। |

.पश्नगत बीमारी उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनोंक 04 फरवरी, 2009 सपठित दिनोंक 06 मार्च, 2009 से आच्छादित न होने के कारण समिति द्वारा इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार

गवर्नामोए

(डि.वि.श्री. मॉविशन) (K. P. K. NAMOISSAN) एम. एडव. (Dopdy Secretary यवर्निक एवं प्रबिजन विभाग Dept. of Personnel \& Trg. नगर सभार/ilast of India


राज्य परामर्शीय समिति की दिनांक 14.02.2011 की बैठक में अस्वीकृत प्रत्यावेदन

| क० सं० | नाम व पदनाम/TFAL | प्रत्यावेदन में उल्लिखित बिन्दु सम्पन्नता | |
| — | — | — | — |
| 1 | 2 | 3 | |
| 1. | श्री लाल बहादुर, आरक्षी
100 | पिता हार्ट, मिर्गी एवं ब्लड कैंसर के मरीज | पुलिस अधीक्षक, मऊ की आख्यानुसार उनके माता
पिता की मृत्यु हो चुकी है। |
| 2. | श्री राम दयाल सिंह, मुख्य आरक्षी
153 | स्वयं हृदय रोगी, इलाज बीएचयू में जारी | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार श्री राम
दयाल सिंह डिमेंशिया के उपचारित कैंसर हैं तथा
हाईएस्टीट्यूड हेतु स्वस्थ है। |
| 3. | श्री ब्रह्मम सिंह यादव, मुख्य
आरक्षी 190 | स्वयं हार्निया, साइटिका, सर्वाइकल एवं हृदय रोग से पीड़ित | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार श्री
ब्रह्मम सिंह यादव स्वस्थ है। |
| 4. | श्री उत्कल सिंह, मुख्य आरक्षी
215 | स्वयं स्नोफीलिया रोगी, कमरदर्द व दिल की बीमारी से पीड़ित | श्री उत्कल सिंह का स्वास्थ्य परीक्षण एवं चिकित्सा
अभिलेखों का अवलोकन किया गया, श्री उत्कल सिंह
कैलशोफाईड ग्रनू लोमा लेफ्ट सेरी ब्रेस्तर हेमी
इस्कीयर विद फ्रैक्चर स्पान्ड के फ्लोथ्रू कैंसर है। तथा
हाई एस्टीट्यूड हेतु स्वस्थ नहीं है। |
| 5. | श्री राम प्रीत राम, मुख्य आरक्षी
273 | श्वास की नली बन्द हो जाने के कारण वर्ष 2002 से
एसजीपीजी आई में इलाज जारी | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार श्री राम
प्रीत राम सर्वाइकल स्पान्डोलिसिस विथ मल्टीपूल लेबल
डिस हेनियैथेस्टन विथ कर्पोरीज माइलोवैथी का कैंसर है
तथा हाईएस्टीट्यूड हेतु स्वस्थ नहीं है। |
| 6. | श्री दयाशंकर सिंह,, आरक्षी
343 | आरक्षी की पत्नी श्रीमती बिन्दु सिंह पूर्व में प्राथमिक स्वस्थ
कॅन्ड, पिन्डरा जनपद वाराणसी में सर्वोच्च स्तर पर
नियुक्त रही है तथा अब दिनांक 21-08-2009 से राजकीय
मेडिकल कॉलेज, चक्रवाणि पुर आजमगढ़ में नियुक्त है।
श्री दयाशंकर सिंह का वास्तविक टी.एफ.एल. क्रमांक- 324 न
हो कर 343 है। इनकी पत्नी की नियुक्ति राज्य गठन के
पश्चात की है। | |
| 7. | श्री सुरेश चन्द्र आरक्षी
349 | पत्नी का इलाज दिल्ली में जारी, स्वयं काफी दिनों से अस्वस्थ
एवं पैरालाइसिस दर्द से पीड़ित
प्रार्थी द्वारा दिनांक 13-01-2011 को दिये गये प्रत्यावेदन को
वापस ले लिया गया है। | वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गाजियाबाद के दिनांक
13-01-2011 में प्रार्थी द्वारा अवगत कराया गया है
कि वे पूर्णतः स्वस्थ हैं। |
| 8. | श्री विनोद कुमार राय, मुख्य
आरक्षी, 367 | स्वयं के दिमाग की नस में गांठ जिसका इलाज जारी | राज्य चिकित्सा परिषद की अख्यानुसार श्री विनोद
कुमार राय सोनेटरी विथ इन्फ्लेमेटरी हेल्यूलोमा राईट
पैराइटल कार्टैक्स रिन एन्कोसिंग लॉजियन विथ पेरी
फोल उडिना राईट फ्रेन्टल रीजन के कैंसर है तथा हाई
एस्टीट्यूड हेतु स्वस्थ नहीं है। |
| 9. | श्री वशिष्ठ तिवारी, आरक्षी
922 | पत्नी फालिज रोग से ग्रसित, माता के छत से गिर जाने के
कारण रीढ़ की हड्डी में चोट, दिमागी रूप से विकलांग भाई,
व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया जाए | |
| 10. | श्री जितेन्द्र कुमार मिश्रा, आरक्षी
951 | वर्ष 2004 में हूवी दुर्घटना में कूल्हे की हड्डी का फ्रैक्चर होने
से ऊँचाई पर धड़ पाने में असमर्थ | श्री जितेन्द्र कुमार मिश्र का स्वास्थ्य परीक्षण राज्य
चिकित्सा परिषद द्वारा किया गया तथा इनकी विशेषज्ञ
जॉय बलराम पुर चिकित्सालय के नेत्र/अस्थि रोग
विशेषज्ञों से भी कराई गई। जिनकी राय के अनुसार
श्री मिश्र अपने कार्य हेतु स्वस्थ हैं। |
| 11. | श्री महेन्द्र प्रताप सिंह
1006 | स्वयं अस्वस्थ/पहाड़ पर डियूटी करने में असमर्थ | प्रत्यावेदक आस्ट्रियों अथराईटिस से ग्रस्त हैं। |
| 12. | श्री राम वीर सिंह, आरक्षी
1492 | साढ़े तीन वर्षीय पुत्री गुर्दे की बीमारी से पीड़ित | श्री सिंह की पुत्री कु. निक्की का स्वास्थ्य परीक्षण
राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा किया गया। कु. निक्की
नेक्रोटिक सिन्ड्रोम की रोगी है तथा इन्हें नियमित
उपचार की आवश्यकता है। |

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| 13. | श्री माया प्रकाश, आरक्षी 1726 | काफी समय से अस्वस्थ पत्नी का इलाज आगरा में जारी | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार पत्नी श्रीमती सरिता यादव हाईएल्टीट्यूड हेतु स्वस्थ है। |
| — | — | — | — |
| 14. | श्री नीरज कुमार सिंह, आरक्षी 1830 | स्वयं के गले के दाहिने तरफ काफी सूजन जिसके कारण सांस लेने व खाना खाने में परेशानी | श्री नीरज कुमार सिंह रियेक्टिव लिम्फनीड हाईपर एल्सिया का कंस है तथा हाईएल्टीट्यूड हेतु स्वस्थ नही है। |
| 15. | श्री कैययाज अहमद, आरक्षी 1938 | पत्नी की बीमारी का इलाज पीजीआई में जारी | श्रीमती रीशन तारा पत्नी श्री कैययाज अहमद की स्वास्थ परीक्षण के उपरान्त हाईएल्टीट्यूड हेतु स्वस्थ पाया गया। |
| 16. | श्री रयाकान्त चतुर्वेदी, आरक्षी, 1991 | श्री रयाकान्त चतुर्वेदी, आरक्षी की माता श्रीमती उमा देवी का स्वास्थ्य पीक्षण किये जाने के उपरान्त इन्हें हाई एल्टीट्यूड हेतु स्वस्थ्य पाया गया। | |
| 17. | श्री राजेश कुमार शर्मा, आरक्षी 2208 | माता कैसर रोगी
श्री राजेश कुमार शर्मा की माता की मृत्यु हो जाने के कारण प्रकरण निस्तारित। | |
| 18. | श्री आनन्द मिश्रा, आरक्षी 2231 | जनपद कानपुर मूल निवासी, 1997 बैच का आरक्षी, वृद्ध माता-पिता कक्ष उपचार S.G..P.G.I. में जारी | |
| 19. | श्री सुष्यीर सिंह यादव, आरक्षी 2486 | वर्ष 1999 में हृदय का आपरेशन | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार श्री सुष्यीर सिंह सामान्य रोगो हेतु पूर्व में उपचारित कंस है तथा वर्तमान में हाईएल्टीट्यूड हेतु स्वस्थ है। |
| 20. | श्री मुरारी लाल, आरक्षी 2568 | वृद्ध एवं बीमार पिता का इलाज आगरा में जारी श्री मुरारी लाल के पिता की मृत्यु होने के कारण प्रकरण निस्तारित। | |
| 21. | श्री अरूण कुमार, आरक्षी 2657 | अस्वस्थ पत्नी | पत्नी श्रीमती रजनेश की सामान्य रोगों हेतु पूर्व में उपचारित कंस पाया गया तथा वर्तमान में हाई एल्टीट्यूड हेतु स्वस्थ है। |
| 22. | श्री सईद अहमद, आरक्षी 2765 | पत्नी दिमागी बीमारी से पीड़ित | श्री सईद अहमद की पत्नी श्रीमती निशा खातून का स्वास्थ्य परीक्षण हेतु राज्य चिकित्सा परिषद के समक्ष उपस्थित हुये जहाँ पर इन्हें हाई एल्टीट्यूट हेतु स्वस्थ पाया गया । |
| 23. | श्री वीरेश कुमार, आरक्षी 2811 | पिता रिसुलेटिक, आर्थर83 यूरेथ्रा, स्ट्रक्चर एवं किडनी जैसी बीमारियों से ग्रसित, दो बहनों के विवाह की जिम्मेदारी | |
| 24. | श्री पुरुषोत्तम कुमार, आरक्षी 2891 | 2005 में दुर्घटना में इन्जरी का इलाज केजीएमसी में जारी, गम्भीर रूप से पत्नी बीमार | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार श्री पुरुषोत्तम कुमार, आरक्षी हाईएल्टीट्यूड हेतु स्वस्थ है। |
| 25. | श्री मनोहर सिंह, आरक्षी 2909 | दो बार दुर्घटना होने से टांग का टूटना एवं उसमें राह का पड़ा होना | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार पैर छोटा बड़ा है। |
| 26. | श्री गोपाल सिंह यादव, आरक्षी 3252 | 12 जुलाई, 2001 को कर्त्तव्यपाल के दौरान शातिर अपराधियों से मुटभेड़ में स्वयं घायल जिसका इलाज गांधी मेमोरियल हास्पिटल, लखनऊ में जारी | श्री गोपाल सिंह यादव, आरक्षी का स्वास्थ्य परीक्षण एवं चिकित्सा अभिलेखों का परीक्षण राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा किया गया तथा इन्हें हाई एल्टीट्यूड हेतु स्वस्थ्य पाया गया। |
| 27. | श्री राजीव कुमार सिंह, आरक्षी 3271 | स्वयं हृदयरोगी | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार स्वस्थ पाये गये। |
| 28. | श्री राम बाबू, आरक्षी 3280 | 3-4 वर्ष से पत्नी पेट व गर्भाशय की बीमारी से पीड़ित | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार पूर्णतः स्वस्थ पाये गये। |
| 29. | श्री अशोक प्रसाद, आरक्षी 3365 | पत्नी के मस्तिष्क में चोट | श्री अशोक प्रसाद की पत्नी श्रीमती चिन्ता देवी का स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने के उपरान्त इन्हें हाई एल्टोट्यूड हेतु स्वस्थ्य पाया गया। |
| 30. | श्री उमेश सिंह, आरक्षी 3411 | पत्नी वर्ष 1988 से लगातार बीमार जिसका पेट का तीन बार, छाती का एक बार व नसों का सौ बार आपरेशन हो चुका है किन्तु बीमारी से निजात नहीं | श्री उमेश सिंह द्वारा अवगत कराया गया है कि वह वर्ष 2005 में पत्नी को लेकर लखनऊ मेडिकल कराने गये थे, परन्तु यह कह कर वापस कर दिया गया कि डाक्टर साहब जा चुके हैं अगली तारीख को आना। अब उन्होने मेडिकल बोर्ड जाने में असमर्थता व्यक्त की है। |
| 31. | श्री जयकरन यादव, आरक्षी 3545 | पत्नी की किडनी डैमेज | श्री जयकरन यादव की पत्नी श्रीमती उषा यादव का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा विशेषज्ञ राय हेतु |

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| | | | बलरामपुर चिकित्सालय, लखनऊ सन्दर्भित किया गया, जिसके अनुसार इन्हें किडनी से संबंधित अथवा न्यूरी से सम्बन्धित कोई भी रोग नहीं है। |
| — | — | — | — |
| 32. | श्री विनोद कुमार, आरक्षी 3671 | जनपद गोरखपुर मूल निवासी, परिवार का अकेला जिम्मेदार व्यक्ति, वृद्ध माता-पिता, कैंसर रोगी पत्नी का इलाज जारी। श्री विनोद कुमार ने यह प्रार्थना पत्र दिया है कि उनकी पत्नी के दो वत में कैंसर से तत्समय परेशानी थी अब ठीक हो गया है, परन्तु उत्तराखण्ड आवंटन हेतु मा. उच्च न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त है। | श्री विनोद कुमार ने यह प्रार्थना पत्र दिया है कि उनकी पत्नी के दो वत में कैंसर से तत्समय परेशानी थी अब ठीक हो गया है, परन्तु उत्तराखण्ड आवंटन हेतु मा. उच्च न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त है। |
| 33. | श्री संजय कुमार सिंह आरक्षी 3708 | बिहार राज्य मूल निवासी, पुत्री के सिर में गम्भीर चोट लगने के कारण चलने फिरने में असमर्थ, इलाज बी0एच0यू0 में जारी। | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार श्री संजय कुमार सिंह की पुत्री नेहा सिंह वर्तमान में हाई-एल्टीट्यूड हेतु स्वस्थ पायी गई। |
| 34. | श्री आदेश कुमार तिवारी, आरक्षी 3842 | स्वयं की रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण हड्डी रोग से पीड़ित | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार श्री संजय कुमार सिंह की पुत्री नेहा सिंह वर्तमान में हाई-एल्टीट्यूड हेतु स्वस्थ पायी गई। |
| 35. | श्री मनोज कुमार सिंह, आरक्षी 3937 | पत्नी के सीने में दर्द | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अनुसार पत्नी स्वस्थ पायी गयी। |
| 36. | श्री देवैन्द्र प्रताप सिंह, आरक्षी 3145 | स्वयं जांडिस एवं स्नीफीलिया रोग से ग्रसित, पिता हार्ट एवं स्नोफीलिया रोग से ग्रसित, माता गुर्दा रोग से पीड़ित जिसका इलाज एसजीपीवीआई में जारी | 1- श्री देवैन्द्र प्रताप सिंह हेपेटाइटस के फालोथू केस है तथा हाई एल्टाट्यूड हेतु स्वस्थ्य हैं।
2- श्री सिंह की माता श्रीमती कमला देवी का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा वह कायम संग विद किडनी आपरेशन फ्लोथू केस है तथा हाई एल्टीट्यूड हेतु स्वस्थ नहीं है। |

.पश्नगत बीमारी उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 04 फरवरी, 2009 सर्पठित दिनांक 06 मार्च, 2009 से आच्छादित न होने के कारण समिति द्वारा इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार करने की संस्तुति की है ।

श्री सुरेश पाल सिंह, मुख्य आरक्षी TFAL126 के दिनांक 30-06-2010 को मृत्यु होने के कारण 1 vacancy उत्तराखण्ड राज्य को स्थानान्तरित