Directions for Information Seekers under the Right to Information Act, 2005

D

This document provides comprehensive guidelines for individuals seeking information under the Right to Information (RTI) Act, 2005. It clarifies the purpose of the act, defines what constitutes ‘information,’ and details the rights of citizens to access information held by public authorities. It outlines the procedure for applying for information, including the role of Central Public Information Officers (CPIOs), the fees involved, and the process for appeals. The document also specifies exemptions from disclosure, the timelines for responding to requests, and the mechanisms for filing complaints with the Central Information Commission. It emphasizes the act’s role in promoting transparency, accountability, and citizen participation in governance.

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संख्या-1/8/2007-आई.आर.
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)

नई दिल्ली, दिनांक: 08 नवम्बर, 2007

कार्यालय ज्ञापन

विषय: सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत सूचना मांगने वालों के लिए दिशा-निर्देश।

अधोहस्ताक्षरी को यह कहने का निर्देश हुआ है कि इस विभाग ने सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के लागू होने के तत्काल बाद इस अधिनियम के कार्यान्वयन के संबंध में बार-बार पूछे गए कुछ प्रश्नों के उत्तर अपनी वेबसाइट (http://righttoinformation.gov.in) पर डाल दिये थे ताकि जो लोग सूचना के अधिकार का प्रयोग करना चाहते हैं, इसका सुचारु ढंग से प्रयोग कर सकें। उसके बाद ऐसे कई मामले सामने आए जिनसे महसूस हुआ कि अधिनियम के कुछ प्रावधानों की व्याख्या करने की तथा आम आदमी द्वारा इसको प्रयोग की विधि को स्पष्ट करते हुए दिशा-निर्देश जारी करने की जरूरत है। तदनुसार, सूचना मांगने वालों के लिए दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं जिसकी एक प्रति संलग्न है। अनुरोध है कि इन दिशा-निर्देशों का व्यापक प्रचार किया जाए।

(कृष्ण गोपाल वर्मा)
निदेशक
टेलीफोन : 23092158

सेवा में,

  1. भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग।
  2. संघ लोक सेवा आयोग/लोक सभा सचिवालय/राज्य सभा सचिवालय/मंत्रिमंडल सचिवालय/केन्द्रीय सतर्कता आयोग/राष्ट्रपति सचिवालय/उप राष्ट्रपति सचिवालय/प्रधानमंत्री कार्यालय/योजना आयोग।
  3. कर्मचारी चयन आयोग, सी.जी.ओ. काम्पलैक्स, लोदी रोड, नई दिल्ली।
  4. भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक का कार्यालय, 10, बहादुर शाह जफर मार्ग, नई दिल्ली।
  5. केन्द्रीय सूचना आयोग/राज्य सूचना आयोग।

प्रतिलिपि : सभी राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के मुख्य सचिव – अनुरोध है कि संलग्न दिशा-निर्देश क्षेत्रीय भाषा(ओं.) में अनूदित कराए जाएँ तथा इनका व्यापक प्रचार किया जाए। राज्य सरकारें अपने अंतर्गत आने वाले लोक प्राधिकारियों से सूचना प्राप्त करने के संबंध में भी इसी प्रकार के दिशानिर्देश जारी करने पर विचार करें।# सूचना मांगने वालों के लिए दिशा-निर्देश

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
के अंतर्गत
केन्द्रीय सरकार के लोक प्राधिकारियों से
सूचना प्राप्त करने का तरीका

भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग
नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली| क्रम
संख्या | विषय | पृष्ठ संख्या |
| — | — | — |
| 1. | प्रस्तावना | 1 |
| 2. | सूचना का अधिकार अधिनियम का उद्देश्य | 2 |
| 3. | सूचना क्या है | 2 |
| 4. | अधिनियम के अंतर्गत सूचना का अधिकार | $2-3$ |
| 5. | प्रकटन से छूट | 3 |
| 6. | केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी | $3-4$ |
| 7. | केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारियों के लिए उपलब्ध सहायता | 4 |
| 8. | सूचना का अपनी ओर से प्रकटन | 4 |
| 9. | सूचना मांगने की विधि | 4 |
| 10. | सूचना मांगने के लिए शुल्क | $4-5$ |
| 11. | आवेदन का प्रपत्र | 5 |
| 12. | अनुरोध का निपटान | 6 |
| 13. | प्रथम अपील | $6-7$ |
| 14. | दूसरी अपील | 7 |
| 15. | शिकायतें | 8 |
| 16. | केन्द्रीय सूचना आयोग द्वारा आवेदनों तथा शिकायतों का निपटान | 8 |
| 17. | महत्त्वपूर्ण वेवसाइटें | 8 |प्रस्तावना

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 ने सरकार में व्याप्त कार्यप्रणाली की गुप्त संस्कृति को खुलेपन एवं पारदर्शिता की संस्कृति में परिवर्तित कर दिया है। यह लोकतांत्रिक संस्थानों को सुदृढ बनाने, जनता को अधिकार सम्पन्न बनाने, भ्रष्टाचार हटाने तथा राष्ट्र के विकास में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।

इस संकलन में केन्द्र सरकार के अधीन कार्य करने वाले लोक प्राधिकारियों से सूचना मांगने के लिए आवेदन देने के तरीके, अपील तैयार करने तथा शिकायत दर्ज करने के उपाय और अन्य संबंधित मुद्दों को समझाया गया है। इस दस्तावेज की विषय-वस्तु राज्य सरकारों के लोक प्राधिकारियों से सूचना प्राप्त करने के लिए भी उपयोगी होगी। तथापि, चूंकि भिन्न-भिन्न राज्यों में शुल्क नियम तथा अपील नियम भिन्न-भिन्न हैं, राज्य सरकारें इस संबंध में इन दिशा-निर्देशों के आधार पर अपने दिशा-निर्देश जारी करने पर विचार कर सकते हैं।

अपेक्षा है कि सूचना का अधिकार अधिनियम का सार्वजनिक हित में व्यापक प्रयोग किया जाएगा।

नई दिल्ली,
दिनांक: 08 नवम्बर, 2007

(सत्यानंद मिश्र)
सचिव
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग,
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय# सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत सूचना मांगने वालों के लिए दिशा-निर्देश

सूचना का अधिकार अधिनियम का उद्देश्य

सूचना का अधिकार अधिनियम का मूल उद्देश्य नागरिकों को अधिकार सम्पन्न बनाना, सरकार की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता तथा उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार को कम करना तथा लोकतंत्र को सही अर्थो में लोगों के हित में काम करने में सक्षम बनाना है। अवगत नागरिक वर्ग शासन-तंत्र पर आवश्यक निगरानी रखने तथा शासन को शासित के प्रति अधिक उत्तरदायी बनाने में सक्षम होता है। इस अधिनियम ने एक ऐसी शासन प्रणाली सृजित की है जिसके माध्यम से नागरिकों को लोक प्राधिकारियों के नियंत्रण में उपलब्ध सूचना तक पहुंचना सुलभ हुआ है।

सूचना क्या है

  1. किसी भी स्वरूप में कोई भी सामग्री ‘सूचना’ है। इसमें इलेक्ट्रानिक रूप से धारित अभिलेख, दस्तावेज, जापन, ई-मेल, मत, सलाह, प्रेस विज्ञसि, परिपत्र, आदेश, लानबुक, संविदा, रिपोर्ट, कागजपत्र, नमूने, माडल, आंकड़ों संबंधी सामग्री शामिल है। इसमें किसी निजी निकाय से संबंधित ऐसी सूचना भी शामिल है जिसे लोक प्राधिकारी तत्समय लागू किसी कानून के अंतर्गत प्राप्त कर सकता है।

अधिनियम के अंतर्गत सूचना का अधिकार

  1. नागरिकों को किसी लोक प्राधिकारी से ऐसी सूचना मांगने का अधिकार है जो उस लोक प्राधिकारी के पास उपलब्ध है या उसके नियंत्रण में उपलब्ध है। इस अधिकार में लोक प्राधिकारी के पास या नियंत्रण में उपलब्ध कृति, दस्तावेजों तथा रिकार्डों का निरीक्षण; दस्तावेजों या रिकार्डों के नोट, उद्दरण या प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करना; सामग्री के प्रमाणित नमूने लेना शामिल है।
  2. सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लोक प्राधिकारी द्वारा सूचना सृजित करना; या सूचना की व्याख्या करना; या आवेदक द्वारा उठाई गई समस्याओं का समाधान करना; या काल्पनिक प्रश्नों का उत्तर देना अपेक्षित नहीं है। अधिनियम के अंतर्गत केवल ऐसी सूचना प्राप्त की जा सकती है जो लोक प्राधिकारी के पास पहले से मौजूद है।5. नागरिक को डिस्केट्स, फ्लापी, टेप, वीडियो कैसेट या किसी अन्य इलेक्ट्रानिक रूप में सूचना प्राप्त करने का अधिकार है बशर्ते कि मांगी गई सूचना कम्प्यूटर में या अन्य किसी युक्ति में पहले से सुरक्षित है जिससे उसको डिस्केट आदि में स्थानांतरित किया जा सके।
  3. आवेदक को सूचना सामान्यतः उसी रूप में प्रदान की जाती है जिसमें वह मांगता है। तथापि, यदि किसी विशेष स्वरूप में मांगी गई सूचना की आपूर्ति से लोक प्राधिकारी के संसाधनों का अनपेक्षित ढंग से विचलन होता है या इससे रिकार्डों के परिरक्षण में कोई हानि होने की सम्भावना होती है तो उस रूप में सूचना देने से मना किया जा सकता है।
  4. अधिनियम के अंतर्गत केवल भारत के नागरिकों को सूचना का अधिकार प्राप्त है। निगम, संघ, कम्पनी आदि वैध हस्तियों/व्यक्तियों की परिभाषा के अंतर्गत तो आते हैं किन्तु नागरिक की परिभाषा में नहीं आते। अधिनियम ने ऐसे ‘व्यक्ति’ को सूचना प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं किया है। फिर भी, यदि किसी निगम, संघ, कम्पनी, गैर सरकारी संगठन आदि के किसी ऐसे कर्मचारी या अधिकारी द्वारा प्रार्थना पत्र दिया जाता है जो भारत का नागरिक है तो उसे सूचना दी जाएगी बशर्ते वह अपना पूरा नाम इंगित करे। ऐसे मामले में, यह प्रकल्पित होगा कि एक नागरिक द्वारा निगम आदि के पते पर सूचना मांगी गई है।

प्रकटन से छूट

  1. लोक प्राधिकरण से सूचना मांगने का अधिकार अतिबोधित नहीं है। अधिनियम की धारा 8 और 9 में सूचना की ऐसी श्रेणियों को दिया गया है जिन्हें प्रकटन से छूट प्राप्त है। इसी प्रकार अधिनियम की अनुसूची-II में ऐसी आसूचना और सुरक्षा संगठनों के नाम समाविष्ट हैं जिन्हें अधिनियम के कार्यक्षेत्र से छूट प्राप्त है। फिर भी, संगठनों को दी गई यह छूट इनके द्वारा अपराध के अभिकथन और मानव अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित सूचना की आपूर्ति को बाधित नहीं करती।
  2. आवेदनकर्ताओं को धारा 8 और 9 के अंतर्गत छूट प्राप्त सूचनाओं तथा दूसरी अनुसूची में शामिल संगठनों से सूचना मांगने से बचना चाहिए। तथापि वे अपराध के अभिकथनों तथा मानव अधिकार के उल्लंघन से संबंधित सूचना प्राप्त कर सकते हैं।

केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी

  1. सूचना मांगने के लिए आवेदन, लोक प्राधिकरण द्वारा नामित केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी को भेजा जाना चाहिए। सभी लोक प्राधिकरणों ने केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी पदनामित कर दिए हैं जिनके ब्यौरे संबद्ध लोक प्राधिकरण की वेवसाइट पर उपलब्ध हैं। यह विवरण ‘आर.टी.आई.पोर्टल’ (www.nti.gov.in) पर भी उपलब्ध है। संबंधित केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी का नाम सुनिश्चित करनेके लिए सूचना मांगने वाले व्यक्ति को संबंधित लोक प्राधिकरण की वेवसाइट अथवा ‘आर.टी.आई.पोर्टल’ देखने की सलाह दी जाती है। यदि किसी को लोक प्राधिकरण के संबंधित केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी का पता लगाने में कठिनाई होती है तो आवेदन पत्र लोक प्राधिकरण के पते पर केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी का नाम लिखे बिना ही भेजा जा सकता है।

केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारियों से उपलब्ध सहायता

  1. केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी से अपेक्षा की जाती है कि वह सूचना मांगने वाले व्यक्तियों को युकियुक सहायता प्रदान करे। यदि कोई व्यक्ति अपना निवेदन लिखित रूप से देने में असमर्थ है तो वह अपना आवेदन तैयार करने में केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी की सहायता ले सकता है। यदि किसी दस्तावेज को, संवेदनात्मक रूप से निःशक् व्यक्ति को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया जाता है तो केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी ऐसे व्यक्ति को उपयुक सहायता प्रदान करेगा।

सूचना का अपनी ओर से प्रकटन

  1. अधनियम के धारा 4 के अंतर्गत प्रत्येक लोक प्राधिकरण अपने संगठन, क्रियाकलापों, कर्तव्यों आदि के ब्यौरों के प्रकटन के लिए बाध्य है। इसके अतिरिक्त, केन्द्रीय सरकार के अधीन कुछ लोक प्राधिकरणों ने अन्य सूचनाएँ भी प्रकाशित की है और ऐसी सूचनाओं को अपनी वेवसाइट पर डाल दिया है।

सूचना मांगने की विधि

  1. यदि कोई नागरिक अधिनियम के अंतर्गत सूचना प्राप्त करना चाहता है तो उसे लोक प्राधिकरण के संबंधित केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी से अंग्रेजी अथवा हिन्दी अथवा उस क्षेत्र की राजकीय भाषा जहां आवेदन किया जाना है, में लिखित रूप में आवेदन करना चाहिए। आवेदनकर्ता अपना आवेदन डाक द्वारा अथवा इलेक्ट्रानिक माध्यम से अथवा व्यक्तिगत रूप से लोक प्राधिकारी के कार्यालय में भेज सकते हैं। आवेदन, उप-खण्डीय स्तर अथवा उप जिला स्तर पर, डाक विभाग द्वारा नियुक्त किए गए केन्द्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी के माध्यम से भी किया जा सकता है।

सूचना मांगने का शुल्क

  1. आवेदनकर्ता से अपेक्षित है कि वह अपने आवेदन पत्र के साथ, सूचना मांगने का निर्धारित शुल्क 10/- रुपए (दस रुपए) मांग पत्र अथवा बैंकर चेक अथवा भारतीय पोस्टल ऑर्डर के रूप में लोक प्राधिकारी के लेखा अधिकारी के नाम से भेजे। शुल्क का भुगतान लोक प्राधिकरण के लेखाधिकारी अथवा केन्द्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी को नकद भी किया जा सकता है। ऐसे में आवेदनकर्ता को उपयुक रसीद अवश्य प्राप्त कर लेनी चाहिए।15. आवेदनकर्ता को सूचना प्रदान करने में आने वाली लागत के लिए अतिरिक्त शुल्क अदा करना पड़ सकता है। ऐसे शुल्क का निर्धारण सूचना का अधिकार (शुल्क और लागत का विनियमन) नियमावली, 2005 द्वारा किया गया है। केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी अतिरिक्त शुल्क मांगते समय ऐसे शुल्क का विवरण आवेदनकर्ता को सूचित करेगा। नियमावली में निर्धारित शुल्क की दरें निम्नलिखित हैं :-
    (क) सृजित अथवा फोटोकापी किए हुए प्रत्येक पेज (ए 4 अथवा ए 3 आकार) कागज के लिए दो रुपए (2/- रुपए);
    (ख) बड़े आकार के कागज में कापी का वास्तविक प्रभार अथवा लागत कीमत;
    (ग) नमूनों या मॉडलों के लिए वास्तविक लागत अथवा कीमत;
    (घ) अभिलेखों के निरीक्षण के लिए, पहले घण्टे के लिए कोई शुल्क नहीं; और उसके बाद प्रत्येक घण्टे या उसके खंड के लिए पाँच रुपए का शुल्क (5/-रुपए);
    (ङ) डिस्केट अथवा फ्लॉपी में सूचना प्रदान करने के लिए प्रत्येक डिस्केट अथवा फ्लॉपी पचास रुपए (50/-रुपए);
    (च) मुद्रित रूप में दी गई सूचना के लिए, ऐसे प्रकाशन के लिए नियत मूल्य अथवा प्रकाशन के उद्दरणों की फोटोकापी के दो रुपए प्रति पृष्ठ ।
  2. गरीबी रेखा के नीचे की श्रेणी के अंतर्गत आने वाले आवेदनकर्ताओं को किसी प्रकार का शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। तथापि, उसे गरीबी रेखा के नीचे के स्तर का होने के दावे का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा । आवेदन के साथ निर्धारित 10/- रुपए के शुल्क अथवा आवेदनकर्ता के गरीबी रेखा के नीचे वाला होने का प्रमाण, जैसा भी मामला हो, नहीं होने पर आवेदन को अधिनियम के अंतर्गत वैध आवेदन नहीं माना जाएगा। ऐसे आवेदक को अधिनियम के अंतर्गत सूचना प्राप्त करने का हक नहीं होगा।

आवेदन का प्रपत्र

  1. सूचना मांगने के लिए आवेदन का कोई निर्धारित प्रपत्र नहीं है । आवेदन सादे कागज पर किया जा सकता है । तथापि, आवेदन में आवेदक का नाम तथा डाक का पूरा पता लिखा होना चाहिए। यहां तक कि, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मांगी जाने वाली सूचना में भी आवेदक का नाम और डाक का पता होना चाहिए ।18. सूचना मांगने वाले को सूचना मांगने का कारण देना अपेक्षित नहीं है ।

अनुरोध का निपटान
19. केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी से यह अपेक्षित है कि वह एक वैध आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर आवेदक को सूचना मुहैया करवाए। यदि मांगी गई सूचना व्यक्ति के जीवन अथवा स्वतंत्रता से संबंधित है तो सूचना, ऐसे अनुरोध के प्राप्त होने के 48 घंटों के भीतर उपलब्ध कराई जाएगी । यदि केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी का यह मत है कि मांगी गई सूचना अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रदान नहीं की जा सकती तो वह आवेदन को अस्वीकार कर देगा । तथापि, आवेदन अस्वीकार करते समय वह आवेदक को ऐसी अस्वीकृति के कारण तथा अपीलीय प्राधिकारी का ब्यौरा सूचित करेगा । वह आवेदक को अपील दायर करने की अवधि का विवरण भी देगा।
20. यदि आवेदक को कोई सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन शुल्क के अतिरिक्त भुगतान करना अपेक्षित है तो केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी, आवेदक को गणना सहित अतिरिक्त शुल्क का ब्यौरा देते हुए आवेदक द्वारा अदा की जाने वाली कुल देय राशि की सूचना देगा । केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी से ऐसा पत्र/संप्रेषण प्राप्त होने के बाद आवेदक, संबंधित लोक प्राधिकारी के लेखा अधिकारी के पक्ष में उपयुक्त रसीद द्वारा नकद धनराशि जमा करवा सकता है अथवा डिमांड ड्राफ्ट अथवा बैंकर चैक अथवा भारतीय डाक आदेश द्वारा धनराशि जमा करवा सकता है । यदि केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचित की गई अतिरिक्त धनराशि आवेदक द्वारा जमा नहीं करवाई जाती है तो केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी सूचना उपलब्ध करवाने के लिए बाध्य नहीं है ।
21. जहाँ, अतिरिक्त शुल्क जमा करवाया जाना अपेक्षित है, वहां अतिरिक्त शुल्क के भुगतान के संबंध में सूचना डिस्पैच करने और आवेदक द्वारा शुल्क के भुगतान के बीच की अवधि को, उस 30 दिन की अवधि की गणना के प्रयोजन से बाहर रखा जाएगा, जिसके भीतर केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी से सूचना उपलब्ध कराने की अपेक्षा की जाती है ।
22. यदि केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी, 30 दिन की अवधि के भीतर अथवा 48 घंटों के भीतर, जैसी भी स्थिति हो, सूचना के अनुरोध पर अपना निर्णय देने में असफल रहता है तो यह माना जाएगा कि सूचना देने से इंकार कर दिया गया है ।

प्रथम अपील
23. यदि आवेदक को 30 दिन अथवा 48 घंटे की निर्धारित सीमा, जैसी भी स्थिति हो, के भीतर सूचना प्रदान नहीं की जाती है अथवा वह प्रदान की गई सूचना से संतुष्ट नहीं है तो वह प्रथम अपीलीय प्राधिकारी जो कि केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी से रैंक में वरिष्ठ अधिकारी है, को अपीलकर सकता है । ऐसी अपील, उस तारीख से तीस दिन की अवधि के भीतर की जानी चाहिए जिस तारीख को सूचना प्रदान करने की 30 दिनों की सीमा समाप्त हो रही है अथवा उस तारीख से, जिसको केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी की सूचना अथवा निर्णय प्राप्त हुआ है ।
24. लोक प्राधिकारी के अपीलीय प्राधिकारी अपील प्राप्त होने के तीस दिनों की अवधि के भीतर अथवा आपवादिक मामलों में 45 दिनों के भीतर अपील का निपटान कर सकते हैं ।

द्वितीय अपील

  1. यदि अपीलीय प्राधिकारी, निर्धारित अवधि के भीतर अपील पर आदेश जारी करने में असफल रहता है अथवा अपीलकर्त्ता, प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के आदेश से संतुष्ट नहीं है तो वह प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के निर्णय की तारीख अथवा जिस तारीख को अपीलकर्त्ता को निर्णय वास्तव में प्राप्त हुआ हो से 90 दिनों की अवधि के भीतर केन्द्रीय सूचना आयोग के पास दूसरी अपील कर सकता है। केन्द्रीय सूचना आयोग को की गई अपील में निम्नलिखित सूचनाएं निहित होनी चाहिए:-
    (i) अपीलकर्त्ता का नाम और पता;
    (ii) उस केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी का नाम और पता जिसके निर्णय के विरुद्ध अपील की गई है;
    (iii) उस आदेश की, जिसके विरुद्ध अपील की गई है, की संख्या, यदि कोई है, सहित उसका ब्यौरा;
    (iv) अपील के लिए उत्तरदायी संक्षिप्त तथ्य;
    (v) यदि अपील समझी गई नामंजूरी के विरुद्ध की गई है तो आवेदन की विशिष्टियां, जिसके अंतर्गत संख्यांक और तारीख भी है तथा उस केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी का, जिसको आवेदन किया गया था, नाम और पता;
    (vi) मांगी गई याचना अथवा राहत;
    (vii) याचना अथवा राहत के लिए आधार;
    (viii) अपीलकर्त्ता द्वारा सत्यापन; और
    (ix) कोई और सूचना, जिसकी आवश्यकता आयोग को अपील का निर्णय लेने के लिए पड़ सकती है।
  2. केन्द्रीय सूचना आयोग को दी गई अपील में निम्नलिखित दस्तावेज़ संलग्न होने चाहिए:-
    (i) उन आदेशों अथवा दस्तावेजों की स्वहस्ताक्षरित प्रतियां जिसके खिलाफ अपील की गई है;
    (ii) उन दस्तावेजों की प्रतियां, जिन पर आवेदक निर्भर रहा है और जिन्हें उसने अपील में निर्दिष्ट किया है; और
    (iii) अपील में संदर्भित दस्तावेजों की सूची ।# शिकायतें

  3. यदि कोई व्यक्ति किसी केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी को इस कारण अभ्यावेदन प्रस्तुत करने $k$ में असमर्थ है कि संबंधित लोक प्राधिकारी द्वारा ऐसा कोई अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया है; अथवा केन्द्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी ने उसके आवेदन या अपील को केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी अथवा अपील प्राधिकारी, जैसा भी मामला हो, को स्वीकार करने अथवा अग्रेषित करने से मना कर दिया है; अथवा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत उसके द्वारा अनुरोध किए गए किसी सूचना स्वीकृति को अस्वीकार कर दिया है; अथवा अधिनियम में उल्लिखित समय-सीमा के अंदर सूचनार्थ अभ्यावेदन का प्रत्युत्तर उसे नहीं दिया गया है; अथवा उसे फीस की ऐसी राशि चुकाने को कहा गया है जिसे वह अत्यधिक समझता है; या उसे लगता है कि उसे अधूरी, भामक अथवा झूठी सूचना दी गई है तो वह केन्द्रीय सूचना आयोग में शिकायत दर्ज कर सकता है।

केन्द्रीय सूचना आयोग द्वारा अपीलों तथा शिकायतों का निपटान

  1. केन्द्रीय सूचना आयोग अपीलों तथा शिकायतों का निपटान करके अपने निर्णय की सूचना अपीलकर्त्ता/शिकायतकर्त्ता और पहले अपीलीय प्राधिकारी/केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी को देता है। आयोग अपील/शिकायत करने वाले पक्षों की सुनवाई करके अथवा अपीलकर्त्ता/शिकायतकर्त्ता तथा केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या ऐसे वरिष्ठ अधिकारी जिसने पहली अपील पर निर्णय लिया था, द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों का निरीक्षण करके अपील/शिकायत पर निर्णय ले सकता है। यदि आयोग अपील अथवा शिकायत पर निर्णय लेने से पहले पक्षों की सुनवाई का चयन करता है तो सुनवाई की तारीख से कम से कम सात सुनिश्चित दिन पहले वह अपीलकर्त्ता अथवा शिकायतकर्त्ता को सुनवाई की तारीख की सूचना देगा। यह अपीलकर्त्ता/शिकायतकर्त्ता के विवेक पर निर्भर है कि वह सुनवाई के समय स्वयं अथवा प्राधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित रहता है या अनुपस्थित रहता है।

महत्वपूर्ण वेबसाइट

  1. कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइटों, जिसमें सूचना का अधिकार से संबंधित महत्वपूर्ण सूचना निहित है, के पते नीचे दिए गए हैं:-
    (i) भारत सरकार का पोर्टल (http://indiaimage.nic.in).
    (ii) सूचना का अधिकार संबंधी पोर्टल (www.rti.gov.in).
    (iii) केन्द्रीय सूचना आयोग की वेबसाइट (http://cic.gov.in).