Decisions on Medical and Actual Hardship Cases for Government Personnel at the 78th State Advisory Committee Meeting

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In a significant development for government employees, the State Advisory Committee, during its 78th meeting on April 20, 2010, deliberated on various applications seeking consideration under medical and actual hardship guidelines. While the committee initially recommended the rejection of several pleas on the grounds that they did not strictly align with the predefined hardship criteria, the Government of India ultimately accepted these recommendations as valid cases of medical or actual distress. A crucial outcome of these deliberations is the decision to retain the personnel involved, as listed in the annexures, within the state of Uttarakhand. This move ensures stability for these employees, addressing their specific circumstances while upholding administrative oversight.

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संख्या- 27/12/2010-एस.आर.एस.
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग
एस.आर. अनुभाग

तीसरा तल, लोकनायक भवन,
खान मार्केट, नई दिल्ली ।
दिनांक 9/07/2010
सेवा में,
मुख्य सचिव,
उत्तर प्रदेश सरकार,
लखनऊ ।
मुख्य सचिव,
उत्तरांचल सरकार,
देहरादून ।
मुख्य सचिव,
देहरादून ।
विषय: चिकित्सकीय/वास्तविक व्यथा से आच्छादित प्रकरणों पर राज्य परामर्शी समिति की दिनांक 20 अप्रैल, 2010 को आयोजित 78
वीं बैठक में विचार

महोदय,
उपर्युक्त विषय में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि राज्य परामर्शी समिति की दिनांक 20 अप्रैल, 2010 को आयोजित 78 वीं
बैठक में विचारोपरांत समिति ने संलग्नक में उल्लिखित कार्मिकों के अध्यावेदनों को चिकित्सकीय/वास्तविक व्यथा दिशा-निदेशों से
आच्छादित न होने के कारण पर अस्वीकृत करने की संस्तुति की है । विस्तृत ब्यौरा संलग्नक पर है ।

समिति द्वारा इन मामलों में जो संस्तुतियों की गई उन्हें भारत सरकार द्वारा वास्तविक/चिकित्सकीय व्यथा के अन्तर्गत मान लिया
गया है। संलग्नक में उल्लिखित कार्मिकों को उत्तराखण्ड राज्य में बनाये रखे जाने का निर्णय लिया गया है ।

कृपया संबंधित अधिकारियों को इन निर्णयों से अवगत करा दिया जाए ।
भवदीय
(सारंगघर नायक )
अवर सचिव, भारत सरकार
1. श्री आर.एम. श्रीवास्तव, प्रधान सचिव, उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग, लखनऊ ।
श्री सुभाष कुमार, प्रधान सचिव, उत्तराखंड पुनर्गठन समन्वय विभाग देहरादून।
1. श्री सुभाष कुमार, प्रधान सचिव, उत्तराखंड पुनर्गठन समन्वय विभाग देहरादून।

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चिकित्सकीय व्यथा के आधार पर राज्य परामर्शीय समिति की 78वीं बैठक दिनांक 20 अप्रैल, 2010 की बैठक में दिनांक 22 जनवरी,2010 की बैठक के पुर्नविचार के उपरान्त अस्वीकृत प्रत्यावेदन माध्यमिक शिक्षा विभाग

| क्रमांक | कार्मिकों का नाम/ पदनाम/तैनाती | प्रत्यावेदन में
अंकित बीमारी | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति | समिति का निर्णय |
| — | — | — | — | — |
| 1. | श्री रमेश कुमार सिंह, सहायक अध्यापकअंग्रेजी, राजकीय इम्टर कालेज, देवरी, उपमसिंह नगर | वृद्ध माता जी
अन्धता एवं
मानसिक | श्री रमेश कुमार सिंह की माता श्रीमती कमला देवी की बीमारी का राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा परीक्षणोपरान्त उन्हें एन्क्जायटी डिस्आर्डर विद डिकिस्ट स्लीप रोग से ग्रस्त पाया गया। प्रारनगत बीमारी उतार प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनोंक 04 फरवरी, 2009 सघठित दिनोंक 06 मार्च, 2009 से आच्छादित न होने के कारण समिति इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार करते हुये श्री रमेश कुमार सिंह की उताराखण्ड राज्य में बनाये रखे जाने की संस्तुति की गई। | राज्य चिकित्सा परिषद की रिपोर्ट में श्री रमेश कुमार सिंह की माता श्रीमती कमला देवी को बैठक में उपस्थित चिकित्सा विशेषज्ञ के परामर्शानुसार उन्हे एन्क्जायटी डिस्आर्डर विद डिकिस्ट स्लीप रोग से ग्रस्त पाया गया। प्रारनगत बीमारी उतार प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनोंक 04 फरवरी, 2009 सघठित दिनोंक 06 मार्च, 2009 से आच्छादित न होने के कारण समिति इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार करते हुये श्री रमेश कुमार सिंह की उताराखण्ड राज्य में बनाये रखे जाने की संस्तुति की गई। |

चिकित्सकीय व्यथा के आधार पर राज्य परामर्शीय समिति की 78वीं बैठक दिनांक 20 अप्रैल, 2010 की बैठक में अस्वीकृत प्रत्यावेदन

माध्यमिक शिक्षा विभाग

| क्रमांक | कार्मिकों का नाम/ पदनाम/तैनाती | प्रत्यावेदन में
अंकित बीमारी | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति | समिति का निर्णय |
| — | — | — | — | — |
| 1. | श्री अरुण कुमार तिवारी, प्रवक्ता, राजकीय इम्टर कालेज, किशनपुर, देहरादून | स्वयं विकलांगता से ग्रस्त। | श्री अरुण कुमार तिवारी की बीमारी का राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा परीक्षणोपरान्त इन्हें पैरेसिस बोध फोर आर्म विद पुअर ग्रिप डिफरमिटी एबाउट 55 प्रतिशत बोध हैण्ड्स से ग्रस्त पाया गया। | राज्य चिकित्सा परिषद की रिपोर्ट में श्री अरुण कुमार तिवारी की पैरेसिस बोध फोर आर्म विद पुअर ग्रिप डिफरमिटी एबाउट 55 प्रतिशत बोध हैण्ड्स (विकलांगता) से ग्रस्त पाया गया। प्रारनगत बीमारी उतार प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनोंक 04 फरवरी, 2009 सघठित दिनोंक 06 मार्च, 2009 से आच्छादित न होने के कारण समिति द्वारा इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार करते हुये उताराखण्ड राज्य में बनाये रखे जाने की संस्तुति की गई। |

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग

| क्रमांक | कार्मिकों का नाम/ पदनाम/तैनाती | प्रत्यावेदन में
अंकित बीमारी | राज्य चिकित्सा परिषद की संस्तुति | राज्य परामर्शीय समिति की संस्तुति |
| — | — | — | — | — |
| 1. | श्री शिव शंकर, एन्वार्पडडब्ल्यूए, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, डोईवाला, देहरादून। | स्वयं शारीरिक
रूप से विकलांग। | श्री शिव शंकर की बीमारी का राज्य चिकित्सा परिषद्, लखनऊ द्वारा परीक्षणोपरान्त उन्हें सवाईकल स्पान्डलोसिस विद प्राईमेरी कँनाल स्टेनोसिस एट सी3,सी4,सी5,सी6 विद डिफूयस डिस्क बल्ज विद मोडरेट टू सीवियर सैकेण्डरी कँनाल स्टेनोसिस (शारीरिक रूप से विकलांगता) से ग्रस्त पाया गया। प्रारनगत बीमारी उतार प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनोंक 04 फरवरी, 2009 सघठित दिनोंक 06 मार्च, 2009 से आच्छादित न होने के कारण समिति द्वारा इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार करते हुये उताराखण्ड राज्य में बनाये रखे जाने की संस्तुति की गई। | राज्य चिकित्सा परिषद की रिपोर्ट में श्री शिव शंकर सवाईकल स्पान्डलोसिस विद प्राईमेरी कँनाल स्टेनोसिस एट सी3,सी4,सी5,सी6 विद डिफूयस डिस्क बल्ज विद मोडरेट टू सीवियर सैकेण्डरी कँनाल स्टेनोसिस (शारीरिक रूप से विकलांगता) से ग्रस्त पाया गया। प्रारनगत बीमारी उतार प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनोंक 04 फरवरी, 2009 सघठित दिनोंक 06 मार्च, 2009 से आच्छादित न होने के कारण समिति द्वारा इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार करते हुये उताराखण्ड राज्य में बनाये |