Decisions from the 77th State Advisory Committee Meeting on Medical Hardship Transfers for Government Employees

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Government employees often face personal challenges that necessitate transfers, especially when dealing with severe medical conditions in their families. A recent review by a State Advisory Committee addressed multiple applications from personnel seeking transfers based on medical or genuine hardship. While such pleas are carefully considered, the committee found that several applications, citing serious family health issues like a mother’s mental illness, a spouse’s kidney disease, or aged parents’ critical ailments, did not meet the specific criteria outlined in the U.P. Reorganization Coordination Department’s notifications from February and March 2009. Consequently, these requests for transfer were not approved. However, in a demonstration of continued consideration, the committee recommended that the affected personnel, primarily from the education sector, be retained in their current state of Uttarakhand, even though their specific transfer requests were denied due to non-compliance with the established policy guidelines.

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संख्या- 27/10/2010-एस.आर.एस.
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग
एस.आर. अनुभाग

तीसरा तल, लोकनायक भवन,
खान मार्केट, नई दिल्ली ।
दिनांक 23/24/2010
23 JUL 2010

सेवा में,
मुख्य सचिव,
उत्तर प्रदेश सरकार,
लखनऊ ।
मुख्य सचिव,
उत्तरांचल सरकार,
देहरादून ।
विषय: चिकित्सकीय/वास्तविक व्यथा से आच्छादित प्रकरणों पर राज्य परामर्शी समिति की दिनांक 19 मार्च, 2010 को आयोजित 77 वीं बैठक में विचार

महोदय,
उपर्युक्त विषय में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि राज्य परामर्शी समिति की दिनांक 19 मार्च, 2010 को आयोजित 77 वीं बैठक में विचारोपरांत समिति ने संलग्नक में उल्लिखित कार्मिकों के अभ्यावेदनों को चिकित्सकीय/वास्तविक व्यथा दिशा-निर्देशों से आच्छादित न होने के कारण पर अस्वीकृत करने की संस्तुति की है । विस्तृत ब्यौरा संलग्नक पर है ।

समिति द्वारा इन मामलों में जो संस्तुतियों की गई उन्हें भारत सरकार द्वारा वास्तविक/चिकित्सकीय व्यथा के अन्तर्गत मान लिया गया है। संलग्नक में उल्लिखित कार्मिकों को उत्तराखण्ड राज्य में बनाये रखे जाने का निर्णय लिया गया है ।

कृपया संबंधित अधिकारियों को इन निर्णयों से अवगत करा दिया जाए ।
भवदीय
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प्रति:-
अवर सचिव, भारत सरकार

  1. श्री आर.एम. श्रीवास्तव, प्रधान सचिव, उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग, लखनऊ ।
  2. श्री सुभाष कुमार, प्रधान सचिव, उत्तराखंड पुनर्गठन समन्वय विभाग देहरादून।

संलग्नक 5 कार्मिकों की सूची
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चिकित्सकीय व्यथा के आधार पर राज्य परामर्शीय समिति की 77वीं बैठक दिनांक 19 मार्च, 2010 की बैठक में अस्वीकृत प्रत्यावेदन

माध्यमिक शिक्षा विभाग

क्रमांक कार्मिकों का नाम/ पदनाम/तैनाती प्रत्यावेदन में अंकित बीमारी नियुक्ति तिथि राज्य परामर्शीय समिति की संस्तुति
1 श्री संजय कुमार, सहायक अध्यापक, राजकीय इण्टर कालेज, घोड़ाखरी, टिहरी गढ़वाल माताजी मानसिक रोग से ग्रस्त। 08.07.1999 राज्य चिकित्सा परिषद की रिपोर्ट में श्री संजय कुमार की माता श्रीमती राम रति को मानसिक रोग से ग्रस्त बताया गया है। प्रश्नगत बीमारी उ.प्र. पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनाँक 04 फरवरी, 2009 संपत्तित अधिसूचना दिनाँक 06 मार्च, 2009 से स्पष्टतया आच्छादित न होने के कारण समिति द्वारा इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार करते हुये श्री संजय कुमार को उत्तराखण्ड राज्य में ही बनाये रखे जाने की संस्तुति की गई।
2 श्री चरण सिंह, सहायक अध्यापक, राजकीय इण्टर कालेज, नागराजघार, कड़ाकोट, टिहरी। पत्नी लम्बे समय से गुर्दा रोग से ग्रस्त। 23.09.1995 श्री चरण सिंह के प्रत्यावेदन पर राज्य परामर्शीय समिति की गत बैठक दिनाँक 25.02.2010 में चर्चा हुई थी। श्री चरण सिंह की पत्नी का रोग उ.प्र. पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनाँक 04 फरवरी, 2009 संपत्तित दिनाँक 06 मार्च, 2009 से आच्छादित न होने के कारण समिति द्वारा इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार करते हुये श्री चरण सिंह को उत्तराखण्ड राज्य में ही बनाये रखे जाने की संस्तुति की गई।
3 श्री बच्चू सिंह, सहायक अध्यापक, राजकीय इण्टर कालेज, जितुवापीपल, नैनीताल माता हृदय रोग से पीड़ित 07.09.1998 राज्य चिकित्सा परिषद की रिपोर्ट में श्री बच्चू सिंह की माता श्रीमती शान्ती देवी को हृदय रोग से ग्रस्त बताया गया है। प्रश्नगत बीमारी उ.प्र. पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनाँक 04 फरवरी, 2009 संपत्तित अधिसूचना दिनाँक 06 मार्च, 2009 से आच्छादित न होने के कारण समिति द्वारा इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार करते हुये श्री बच्चू सिंह को उत्तराखण्ड राज्य में ही बनाये रखे जाने की संस्तुति की गई।

(सारंगण्वर मातारु) (S. NAYAK)


चिकित्सकीय व्यथा के आधार पर राज्य परामर्शीय समिति की 77वीं बैठक दिनांक 19 मार्च, 2010 की बैठक में दिनांक 17 नम्बबर 2009 की बैठक के पुर्नविचार के उपरान्त अस्वीकृत प्रत्यावेदन

कमांक कार्मिकों का नाम/ पदनाम/तैनाती प्रत्यावेदन में अंकित बीमारी राज्य परामर्शीय समिति की संस्तुति
1 श्री महेन्द्र कुमार, सहायक अध्यापक, राजकीय इण्टर कालेज़, नैनी, चौगखों- अल्मोड़ा। वृह्न माता-पिता के गम्भीर बीमारी से ग्रसित होने के कारण उत्तराखण्ड से उत्तर प्रदेश राज्य में स्थानान्तरण। श्री कमला प्रसाद मौर्य पिता श्री महेन्द्र कुमार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अमर शहीद उमा नाथ सिंह जिला चिकित्सालय जौनपुर द्वारा निर्गत चिकित्सा प्रमाण पत्र संख्या-ई-1-/08-09, दिनांक 30-10-2008 के अनुसार श्री कमला प्रसाद मोर्य सैनाईल फीजियोस्कोलियेटि व डिफॉमिटीस्पाईन विद आर्थराईटिस के केस है व चलने फिरने में असमर्थ है। राज्य चिकित्सा परिषद, उठप्र0 अभिमत से सहमत है। बैठक में उपस्थित वरिष्ठ चिकित्साधिकारी की राय के अनुसार पुर्नविचार के उपरान्त यह पाया गया कि यह बीमारी उ.प्र. पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनाँक 04 फरवरी, 2009 से पूर्णतः आच्छादित नहीं होती है। अतः समिति द्वारा इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार करते हुये इन्हें उत्तराखण्ड राज्य मे ही बनाये रखे जाने की संस्तुति की गई।
2 श्री समोद कुमार मिश्र, प्रवक्ता-श्रीतिकी, पत्नी मानसिक रोगी। श्रीमती आरती मिश्रा पत्नी श्री समोद कुमार मिश्रा की मानसिक रोग के विषय में विभागाध्यक्ष मानसिक चिकित्सा विभाग सी0एस0एम0 चिकित्सा विश्वविद्यालय की राय के अनुसार इन्हें स्टॉईगो विद डिप्रेशन का रोगी बताया गया जिसकी इन्हें लम्बे समय तक विशेषज्ञ उपचार की आवश्यकता बतायी गयी है। बैठक में उपस्थित वरिष्ठ चिकित्साधिकारी की राय के अनुसार पुर्नविचार के उपरान्त यह पाया गया कि यह बीमारी उ.प्र. पुनर्गठन समन्वय विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनाँक 04 फरवरी, 2009 से पूर्णतः आच्छादित नहीं होती है। अतः समिति द्वारा इनके प्रत्यावेदन को अस्वीकार करते हुये इन्हें उत्तराखण्ड राज्य मे ही बनाये रखे जाने की संस्तुति की गई।

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