Consolidated Instructions Regarding Regularization of Unauthorized Absence

C

This office memorandum provides consolidated instructions regarding the regularization of unauthorized absence of government employees. It addresses the frequent references received from ministries/departments due to non-compliance with established procedures for handling such cases. The document reiterates the provisions of the Central Civil Services (Leave) Rules, 1972, outlining the consequences of unauthorized absence, including loss of leave, disciplinary action, and potential disruption of service benefits. It emphasizes the importance of informing employees about the repercussions of unauthorized absence and initiating prompt action against offenders. The memorandum also highlights the impact of delayed disciplinary proceedings on employee promotions and other service matters, and clarifies the implications of unauthorized absence on pension benefits. It directs all ministries/departments to ensure adherence to these instructions and to take swift action in all cases of unauthorized absence.

SOURCE PDF LINK :

Click to access 13026_3_2010-Estt.(Leave)H.pdf

Click to view full document content



सं. 13026/3/2010-स्था. (छुट्टी)
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)

नई दिल्ली, दिनांक 22 जून, 2010

कार्यालय ज्ञापन

विषय: अनधिकृत अनुपस्थिति के नियमितीकरण पर समेकित अनुदेश ।
अधोहस्ताक्षरी को यह कहने का निदेश हुआ है कि इस विभाग को लम्बी अवधि के लिए अनधिकृत अनुपस्थिति के नियमितीकरण के संबंध में मंत्रालयों/विभागों से कई संदर्भ प्राप्त होते रहे हैं । ये संदर्भ मूलत: इसलिए भेजे जाते हैं क्योंकि मंत्रालय/विभाग ऐसी अनधिकृत अनुपस्थिति से निपटने के निर्धारित क्रियाविधि का पालन नहीं करते हैं । ऐसी स्थितियों से निपटने हेतु दिशा-निर्देश/अनुदेश मौजूद है ।

  1. केन्द्रीय सिविल सेवा (छुट्टी) नियमावली, 1972 के नियम 25 के अनुसार,
    (1) जब तक छुट्टी मंजूर करने वाला सक्षम प्राधिकारी छुट्टी को बढ़ा नहीं देता, कोई सरकारी कर्मचारी जो छुट्टी की समाप्ति के बाद अनुपस्थित रहता है, तो ऐसी अनुपस्थिति की अवधि के लिए वह छुट्टी वेतन प्राप्त करने का हकदार नहीं होगा और वह अवधि उसके छुट्टी खाते से अर्धवेतन छुट्टी के रूप में उतनी घटा ली जाएगी जितनी छुट्टी बाकी है, ऐसी बाकी छुट्टी की अतिरेक अवधि असाधारण छुट्टी मानी जाएगी ।
    (2) छुट्टी समाप्ति के पश्चात् ड्यूटी से स्वैच्छिक अनुपस्थिति पर सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जा सकती है । इस संबंध में भारत सरकार के निर्णय भी विघमान हैं कि जो सरकारी कर्मचारी बिना किसी प्राधिकार के अनुपस्थित रहता है, उसके विरुद्ध तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए और यह तब तक चलती रहनी चाहिए जब तक यह अनुपस्थिति केन्द्रीय सिविल सेवा (छुट्टी) नियमावली, 1972 के नियम 32(2)(क) में निर्धारित सीमा से अधिक नहीं हो जाती ।
  2. इस बात पर पुन: बल दिया जाता है कि जो सरकारी कर्मचारी बिना किसी प्राधिकार के अनुपस्थित रहता है, उसके विरुद्ध तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए । सभी मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध है कि ये यह सुनिश्चित करें कि सरकारी कर्मचारी द्वारा अनधिकृत अनुपस्थिति के सभी मामलों में उसे ऐसी अनुपस्थिति के परिणामों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए और यह निदेश दिया जाना चाहिए कि वह तत्काल/निर्धारित तिथि जैसे, तीन दिनों के अन्दर पुन: कार्य ग्रहण कर लें, ऐसा न करने पर उसके विरुद्ध केन्द्रीय सिविल सेवा (सी.सी.ए.) नियमावली, 1965 के अंतर्गत अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी । यदि सरकारी कर्मचारी निर्धारित तिथि तक कार्यग्रहण नहीं करता है तो अनुशासनिक प्राधिकारी को उसके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई आरंभ कर देनी चाहिए और अनुशासनिक मामले का संचालन और समापन यथाशीघ्र किया जाना चाहिए ।
  3. अनुशासनिक प्राधिकारियों की उदासीनता के कारण ही ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है जिसमें लम्बे समय से लम्बित अनधिकृत अनुपस्थिति से सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति सहित अन्य सेवा संबंधी मामलों में विलम्ब होता है । ऐसी स्थितियों से बचने के लिए सभी मंत्रालय/विभाग को सभी अनुशासनिक प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए सलाह देनी चाहिए कि बिना अनुमति के अनुपस्थित रहने वाले सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई की जाती है और यह कि आरोप-पत्र बिना किसी विलम्ब के जारी किए जाते हैं ।
  4. जो अधिकारी बिना किसी प्राधिकार के ड्यूटी से अनुपस्थित हैं उनके संबंध में अपनाए जाने वाले परिणाम और क्रियाविधि एफ आर 17(1) और 17-ए में स्पष्ट किए गए हैं । एफ.आर. 17 ए(iii) के अनुसार केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1972 के नियम 27 के प्रावधानों में, बिना किसी पूर्वाग्रह के, छुट्टी यात्रा रियायत, अर्ध स्थायित्व और विभागीय परीक्षा में बैठने हेतु पात्रता जिसके लिए निरन्तर सेवा की न्यूनतम अवधि आवश्यक है, के उद्देश्यार्थ सक्षम अधिकारी द्वारा किए गए निर्णय से परे बिना किसी प्राधिकार के अनुपस्थित रहने अथवा पद को छोड़ देने से कर्मचारी की सेवा में व्यवधान अथवा भंजन होगा ।
  5. नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ने आदेश जारी किए हैं कि छुट्टी स्वीकृति द्वारा कवर नहीं की गई अनुपस्थिति को सभी उद्देश्यों अर्थात वेतनवृद्धि, छुट्टी और पेंशन के लिए ‘सेवा में विराम’ माना जाएगा । बिना छुट्टी के ऐसी अनुपस्थिति जहां यह एकल रूप में है और किसी अनुपस्थिति की प्राधिकृत छुट्टी की निरंतरता में नहीं है तो यह पेंशन के उद्देश्यार्थ सेवा में व्यवधान माना जाएगा और जब तक पेंशन संस्थीकृति
    प्राधिकारी उस अवधि को बिना भत्ते की छुट्टी मानने हेतु अनुच्छेद 421, सिविल सेवा विनियम [अब केन्द्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमावली का नियम 27] के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग नहीं करता, सम्पूर्ण पिछली सेवा जब्त हो जाएगी ।
  6. यह नोट किया जाए कि पेंशन के उद्देश्यार्थ अनधिकृत अनुपस्थिति के नियमितीकरण पर केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली के अन्तर्गत विचार किया जाएगा । केवल उन मामलों में आवेदन किए गए और बकाये और अनुमत्य छुट्टी उसको केन्द्रीय सिविल सेवा (छुट्टी) नियमावली के अंतर्गत मंजूर किए जाए जहां अनुशासनिक प्राधिकारी संतुष्ट है कि अनधिकृत छुट्टी हेतु प्रस्तुत किए गए कारण न्यायोचित हैं ।
    (सिम्मी आर. नोकरा)
    निदेशक

सेवा में,
भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग
(स्टैंडर्ड डाक सूची के अनुसार)

  1. भारत के नियंत्रक तथा महालेखा परीक्षक का कार्यालय, महालेखा नियंत्रक, वित्त मंत्रालय ।
  2. संघ लोक सेवा आयोग/भारत का उच्चतम न्यायालय/लोक सभा सचिवालय/राज्य सभा सचिवालय/मंत्रिमण्डल सचिवालय/केन्द्रीय सतर्कता आयोग/राष्ट्रपति का सचिवालय/प्रधानमंत्री का कार्यालय/योजना आयोग/केन्द्रीय सूचना आयोग ।
  3. सभी राज्य सरकारें और संघ राज्य क्षेत्र ।
  4. सभी राज्यों के राज्यपाल/संघ राज्य क्षेत्रों के लेफ्टिनेंट गवर्नर ।
  5. सचिव, राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष), 13-सी, फीरोजशाह रोड, नई दिल्ली ।
  6. जे.सी.एम./विभागीय परिषद की राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारी पक्ष के सभी सदस्य ।
  7. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग/प्रशासनिक सुधार तथा लोक शिकायत विभाग/पेंशन तथा पेंशनभोगी कल्याण विभाग के सभी अधिकारी/अनुभाग ।
  8. वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग, स्थापना-।।(बी) शाखा ।
  9. राजभाषा स्कन्ध (विधायी विभाग), भगवान दास रोड, नई दिल्ली ।
  10. रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली ।
  11. एन.आई.सी., कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की वेबसाइट www.persmin.nic.in <Allowance पर अपलोड करने के लिए ।
  12. 200 अतिरिक्त प्रतियां ।