Consolidated Instructions Regarding Disciplinary Action Against Government Employees Remaining Absent from Duty Without Permission

C

This office memorandum addresses the increasing number of references received from ministries/departments regarding unauthorized absences of government employees. It highlights the lack of seriousness in taking timely and appropriate action against such employees, despite the existence of clear guidelines in CCS (Leave) Rules, 1972. The memorandum reiterates that unauthorized absence is a serious matter requiring immediate and strict action, and outlines the procedures to be followed by administrative authorities. It references relevant rules like FR 17(1), FR 17-A, CCS (Leave) Rule 25, and CCS (Leave) Rule 32(6), emphasizing the need for strict compliance and timely disciplinary action. It also directs all ministries/departments to initiate appropriate action against defaulting employees as per the rules.

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सं.13026/3/2012-स्थापना(अवकाश)
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग

नई दिल्ली, दिनांक २४/३/2013

कार्यालय ज्ञापन

विषयः प्राधिकार/अवकाश की मंजूरी के बिना ही ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने संबंधी समेकित अनुदेश- नियम स्थिति

अधोहस्ताक्षरी को यह कहने का निदेश हुआ है कि अप्राधिकृत तौर पर अनुपस्थित रहने के संबंध में सलाह मांगने/बाद में विनियमित करने के लिए मंत्रालयों/विभागों से अनेक संदर्भ प्राप्त हो रहे हैं। यह देखने में आया है कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अन्य बातों के साथ-साथ सीसीएस (अवकाश) नियमावली, 1972 के तहत विभिन्न प्रावधानों की ओर छुट्टी मंजूर कराए बिना ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले अथवा संस्थीकृत छुट्टी की अवधि से अधिक समय तक छुट्टी पर रहने वाले सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल एवं उपयुक्त कार्रवाई करने को पर्याप्त गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। यह पुनः दोहराया जाता है कि ऐसी अनुपस्थिति अप्राधिकृत होती है तथा नियमों के अनुसार तत्काल एवं सख्त कार्रवाई की अपेक्षा होती है। यह पाया गया है कि संबंधित प्रशासनिक प्राधिकारी ऐसी अप्राधिकृत अनुपस्थिति से निपटने के लिए निर्धारित प्रक्रिया का अनुसरण नहीं करते हैं।

  1. इसको ध्यान में रखते हुए, सभी मंत्रालयों/विभागों का ध्यान सरकारी कर्मचारियों की अप्राधिकृत अनुपस्थिति की स्थिति में निम्नलिखित पैराग्राफों में यथाइंगित संगत नियमों के विभिन्न प्रावधानों के सख्ती से अनुपालन करने की ओर आकृष्ट किया जाता है। यह भी सुझाव दिया जाता है कि इन प्रावधानों को सभी कर्मचारियों के ध्यान में लाया जाए ताकि अप्राधिकृत तौर पर अनुपस्थित रहने पर सरकारी कर्मचारी पर की जाने वाली कार्रवाई को स्पष्ट किया जा सके। इस कार्यालय ज्ञापन का उद्देश्य संगत प्रावधानों के संबंध में सुलभ संदर्भ के बिन्दु उपलब्ध करवाना है, अतएव, यह सलाह दी जाती है कि निम्नलिखित संगत नियमों का सक्षम प्राधिकारियों द्वारा उपयुक्त एवं न्यायोचित अनुप्रयोग के लिए हवाला दिया जाए। ऐसे मामलों पर विचार करते समय ध्यान में रखे जाने वाले संगत प्रावधान निम्नानुसार हैः
    (क) मूल नियम (एफआर) 17(1) का परन्तुक
    उक्त प्रावधान निर्धारित करता है कि बिना किसी प्राधिकार के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाला अधिकारी ऐसी अनुपस्थिति की अवधि के दौरान वेतन एवं भर्ता का हकदार नहीं होगा।
    (ख) मूल नियम (एफआर 17-क)
    उक्त प्रावधान में अन्य बातों के साथ-साथ व्यवस्था भी है कि जहां कोई कर्मचारी अप्राधिकृत रूप से अनुपस्थित रहता है अथवा पद को त्याग देता है, तो ऐसी अनुपस्थिति को कर्मचारी की सेवा में व्यवधान अथवा ब्रेक करने वाला माना जाएगा, जब तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा अवकाश यात्रा छूट के प्रयोजनार्थ तथा विभागीय परीक्षा में उपस्थित होने की पात्रता, जिसके लिए सेवा की न्यूनतम अवधि अपेक्षित होती है, के लिए अन्यथा निर्णय न लिया जाए।
    (ग) सीसीएस (अवकाश) नियमावली, 1972 का नियम 25

उक्त प्रावधान ऐसी परिस्थिति से संबंधित है जहां कोई कर्मचारी देय एवं मान्य संस्थीकृत छुट्टी से अधिक समय तक छुट्टी पर रहता है तथा सक्षम प्राधिकारी ने ऐसे विस्तार का अनुमोदन नहीं किया होता है। इस प्रकार छुट्टी न बढ़ाए जाने के परिणाम निम्नलिखित होंगे:

i. सरकारी कर्मचारी ऐसी अनुपस्थिति के लिए किसी अवकाश वेतन का हकदार नहीं होगा;

ii. अनुपस्थित अवधि को उसके अवकाश खाता से अर्द्ध वेतन अवकाश के समान उसे देय सीमा तक घटाया जाएगा। ऐसे देय अवकाश से अधिक अवधि को असाधारण अवकाश माना जाएगा।

iii. अवकाश समाप्त होने पर ड्यूटी से जानबूझकर अनुपस्थित रहने के लिए सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

उक्त (iii) के संबंध में, यह उल्लेख है कि सभी मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध किया जाता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसी सरकारी कर्मचारी की अप्राधिकृत अनुपस्थिति के सभी मामलों में, उसे ऐसी अनुपस्थिति के परिणामों से अवगत कराया जाए तथा निर्दिष्ट अवधि अर्थात तीन दिनों के भीतर, कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए जाएं। ऐसा न करने पर उसके विरुद्ध वह सीसीएस (सीसीए) नियमावली, 1965 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अप्राधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करने पर बल दिया जाए तथा इसे सीसीएस (अवकाश) नियमावली, 1972 के विभिन्न प्रावधानों के तहत निर्धारित सीमा से अधिक अनुपस्थित रहने तक टाला न जाए। अनुशासनात्मक मामले में यथाशीघ्र कार्रवाई शुरू कर उसे सम्पन्न किया जाए।

(घ) सीसीएस (अवकाश) नियमावली, 1972 का नियम 32(6)

यह प्रावधान सक्षम प्राधिकारी को सीसीएस (अवकाश) नियमावली, 1972 के नियम 32(6) के तहत अवकाश प्रदान करने, अवकाश बिना अनुपस्थिति की छुट्टी की अवधि को भूतलक्षी प्रभाव से असाधारण अवकाश में परिवर्तित करने का अधिकार प्रदान करता है। इसी प्रकार का प्रावधान सीसीएस (पैशन) नियमावली, 1972 के नियम 27(2) के तहत भी विद्यमान है। यह सुनिश्चित किया जाए कि इस प्रावधान के तहत प्रदान किए गए विवेकाधिकार का प्रयोग परिस्थितियों तथा अलग-अलग मामले के गुण-दोष को ध्यान में रखते हुए विवेकपूर्ण ढंग से किया जाए। असाधारण अवकाश प्रदान करते हुए नियमित की गई इस प्रकार की अनुपस्थिति की अवधि को सामान्यतया वेतन वृद्धि के प्रयोजनार्थ नहीं गिना जाएगा तथा उक्त प्रयोजनार्थ इसे एफआर 26 (ख) (ii) के प्रावधानों द्वारा विनियमित किया जाएगा।

  1. सभी मंत्रालय/विभाग दोषी सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध नियमों के अनुसार उपयुक्त कार्रवाई प्रारंभ करें।

(मुकेश चतुर्वेदी)
उप सचिव, भारत सरकार
सेवा में: सभी मंत्रालय/विभाग (मानक डाक सूची के अनुसार)

प्रतिलिपि प्रेषित:

  1. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कार्यालय, वित्त मंत्रालय।
  2. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सचिवालय /भारत का उच्चतम न्यायलय/लोक सभा सचिवालय/राज्य सभा सचिवालय/मंत्रिमंडल सचिवालय/केन्द्रीय सतर्कता आयोग/राष्ट्रपति सचिवालय/प्रधानमंत्री कार्यालय/योजना आयोग/केन्द्रीय सूचना आयोग।
  3. सभी राज्य सरकारें और संघ राज्य क्षेत्र।
  4. सभी राज्यों के राज्यपाल/संघ राज्य क्षेत्रों के लेफ्टिनेट गवर्नर।
  5. सचिव, राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष), 13-सी फिरोजशाह रोड, नई दिल्ली।
  6. जेसीएम/विभागीय परिषद की राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारी पक्ष के सभी सदस्य।
  7. सभी अधिकारी/डीओपीटी के अनुभाग/डीपीएआरपीजी/डीपी&पीडब्ल्यू।
  8. वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग, ई-11(बी) शाखा।
  9. राजभाषा विंग (विधायी विभाग), भगवान दास रोड, नई दिल्ली।
  10. रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली।

सु: एनआईसी, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को मंत्रालय की वेबसाइट पर डालने के लिए।

  1. 200 अतिरिक्त प्रतिलिपि।
    (मुकेश चतुर्वेदी)
    उप सचिव, भारत सरकार