This document provides clarification regarding the application of government guidelines dated 24.06.2010 concerning the allotment of Scheduled Caste/Tribe personnel. It addresses queries raised by a consultative committee about situations where a SC/ST employee’s name is not included in the provisional or final allotment lists. The clarification states that the guidelines are applicable even if the employee’s name is missing from these lists. Furthermore, if an SC/ST employee has opted for a state other than their native state, the decision to re-allot them to their home state will be made by the government. The document also emphasizes that the guidelines from 24.06.2010 will apply if the SC/ST employee’s name is not found in either the provisional or final allotment lists.
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सं० 27(C)/08/2012-एस०आर०एस० भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)
तीसरा तल, लोकनायक भवन, खान मार्किट, नई दिल्ली । दिनांक . . . मई, 2013
सेवा में,
मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश शासन
सचिवालय, लखनऊ
उत्तर प्रदेश
मुख्य सचिव
उत्तराखंडशासन
सचिवालय, देहरादून
उत्तराखंड ।
विषय:- दिनांक 24.06.2010 को जारी अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति आवंटन संबंधित दिशानिर्देश लागू होने के बारे में स्पष्टीकरण ।
महोदय,
दिनांक 09.02.2012 को आयोजित परामर्शी समिति की बैठक में उपस्थिति सदस्यों द्वारा यह जिज्ञासा व्यक्त की गई कि भारत सरकार द्वारा जारी शासनादेश दिनांक 24-10-2010 के अनुसार जिस अनुसूचित जाति/जनजाति कार्मिक का नाम अनन्तिम अन्तिम आवंटन सूची /अन्तिम आवंटन सूची दोनो में सम्मिलित नही है, ऐसी स्थिति में क्या उस कार्मिक के ऊपर यह शासनादेश लागू होगा अथवा नही।
2. इसी प्रकार समिति ने एक और जिज्ञासा व्यक्त की गई कि किसी अनुसूचित जाति/जनजाति के कार्मिक द्वारा अपने मूल निवास से इतर अपना विकल्प प्रस्तुत किया है तो क्या उस पर भी भारत सरकार का शासनादेश दिनांक 24-06-2010 लागू होगा अथवा नही ।
3. इस पर समिति द्वारा यह निर्देश दिया गया कि इस प्रकार मामले विधिक एवं नीति विषयक है, अतः इन प्रकार के मामलों में भारत सरकार विधि मंत्रालय/कार्मिक विभाग से परामर्श प्राप्त कर समुचित आदेश निर्गत करें।
4. समिति की संस्तुति के अनुसार मामले में विधि मंत्रालय की सलाह ली गई । विधि मंत्रालय द्वारा अपनी सलाह में यह कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा शासनादेश दिनांक 24-06-2010 के जरिये स्वयं यह व्यवस्था दी गयी है कि किसी अनुसूचित जाति/जनजाति के कार्मिक का राज्य आवंटन उसके विकल्प अथवा मूल निवास राज्य के लिये होगा । अतः विधि मंत्रालय ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से यह अपेक्षा कि है की इस व्यवस्था के अनुसार यथोचित स्पष्टीकरण जारी किया जाए ।
- विधि मंत्रालय के सलाह के मद्येनजर इस विभाग द्वारा मामले पर गौर किया गया तथा यह पाया गया कि यदि किसी अनुसूचित जाति/जनजाति के कार्मिक द्वारा अपने मूल निवास से इतर अपना विकल्प प्रस्तुत किया है तो भारत सरकार द्वारा यह निर्णय लिया जाये कि कार्मिक का मूल निवास राज्य के लिये राज्य पुनरावंटन किया जाए अथवा नहीं । द्वितीय स्थिति, यथा अनुसूचित जाति/जनजाति कार्मिक का नाम अनन्तिम अन्तिम आवंटन सूची /अन्तिम आवंटन सूची दोनों में सम्मिलित न होने के स्थिति में शासनादेश दिनांक 24-06-2010 लागु होगा ।
भवदीय,
(मोना सिंह)
निदेशक
प्रतिलिपि प्रेषित:-
- श्री अशोक घोष, प्रमुख सचिव, उ0प्र0 पुनर्गठन समन्वय विभाग, 46, बहुखण्डी भवन, सचिवालय, लखनऊ ।
- श्रीमती हेमलता डीडीयाल, सचिव, उत्तराखंड पुनर्गठन विभाग, सचिवालय, देहरादून ।