Clarification on Information Supply under the Right to Information Act, 2005

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This communication from the Government of India’s Department of Personnel and Training clarifies the scope of information that public authorities are obligated to provide under the Right to Information (RTI) Act, 2005. It emphasizes that the Act mandates the supply of information that is already in existence and held by the public authority, not the creation of new information, analysis, or opinions. A Supreme Court ruling in the case of CBSE vs. Aditya Bandyopadhyay reinforced this by stating that public authorities are not required to generate information that is not part of their records or not maintained as per rules. Furthermore, the document clarifies that while public authorities may offer advice or guidance voluntarily, this is not a mandated obligation under the RTI Act. The definition of ‘information’ under the Act pertains to existing records and not to ‘opinions’ or ‘advice’ in a general sense.

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संख्या 1/18/2011-आई.आर.
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग
नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली
दिनांक: 16 सितम्बर, 2011
विषय: केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और अन्य बनाम आदित्य बन्धोपाध्याय और अन्य के मामले में एस.एल.पी.(सी) संख्या 7526/2009 से उद्‌भूत, सिविल अपील संख्या 6454/2011 में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 पर माननीय उच्चतम न्यायालय का अनुपालन

अधोहस्ताक्षरी को इस विभाग के कार्यालय जापन संख्या 1/4/2009-आई.आर. दिनांक 05.10.2009 की ओर ध्यान दिलाने का निदेश हुआ है जिसके द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 पर एक मार्गदर्शिका परिचालित की गई थी। मार्गदर्शिका के भाग-I के पैरा 10 में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह उल्लिखित किया गया था कि मात्र ऐसी सूचना की ही इस अधिनियम के अंतर्गत आपूर्ति की जा सकती है जो पहले से विधमान हो और लोक प्राधिकरण द्वारा धारित की गई हो अथवा लोक प्राधिकरण के नियन्त्रण के अधीन धारित हो। लोक सूचना अधिकारी से सूचना का सृजन करने; अथवा सूचना की व्याख्या करने; अथवा आवेदकों द्वारा उठाई गई समस्याओं को हल करने; अथवा काल्पनिक प्रश्नों के उत्तर दिए जाने की उम्मीद नहीं की जाती है। इसी मुद्दे को केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और अन्य बनाम आदित्य बन्धोपाध्याय और अन्य (सिविल अपील संख्या 6454/2011 ) के मामले में उच्चतम न्यायलय द्वारा विस्तार दिया गया है जो निम्नानुसार है:
“इस मोड पर, यह आवश्यक है कि आर.टी.आई. अधिनियम के विषय में कुछ भ्रांतियों को स्पष्ट कर दिया जाए। आर.टी.आई. में सभी सूचना जो उपलब्ध और विधमान है तक पहुंच का प्रावधान है। यह अधिनियम की धारा 2 के खण्ड (च) और (ज) के अंतर्गत ‘सूचना’ और ‘सूचना का अधिकार’ की परिभाषाओं और धारा 3 के सम्मिलित पठन से स्पष्ट है। यदि किसी लोक प्राधिकरण के पास कोई सूचना डाटा अथवा विश्लेषित डाटा, अथवा सारों, अथवा आंकड़ों के रूप में हो तो कोई आवेदक ऐसी सूचना तक अधिनियम की धारा 8 के प्रावधानों का ध्यान रखते हुए पहुंच बना सकता है। किन्तु जहां सूचना किसी लोक प्राधिकरण के अभिलेख का कोई भाग नहीं है, और जहां ऐसी सूचना लोक प्राधिकरण के किसी कानून अथवा नियमों अथवा विनियमों के अंतर्गत बनाए रखी जानी अपेक्षित नहीं है, अधिनियम लोक प्राधिकरण पर ऐसी अनुपलब्ध सूचना को एकत्र करने अथवा मिलाने और तत्पश्चात् किसी आवेदक को इसे प्रस्तुत करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। किसी लोक प्राधिकरण से निक्षेपों को निकालने और/अथवा


मान्यताओं को बनाने की या, ‘मत’ दिए जाने की अपेक्षा नहीं की जाती है, न ही किसी आवेदक को किसी ‘मत’ अथवा ‘सलाह’ को प्राप्त करने और दिए जाना अपेक्षित है। अधिनियम की धारा 2(च) में ‘सूचना’ की परिभाषा में ‘मत’ अथवा ‘सलाह’ का संदर्भ , मात्र लोक प्राधिकरण के अभिलेखों में उपलब्ध ऐसे मसौदे से संदर्भित है। अनेक लोक प्राधिकरण, एक लोक सम्पर्क अधिकारी के रूप में, नागरिकों को सलाह, मार्गदर्शन और मत उपलब्ध करवाते हैं। किन्तु यह पूर्णत: स्वैच्छिक है और आर.टी.आई. अधिनियम के अंतर्गत किसी बाध्यता के साथ इसे भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए।”
3. इसे सभी संबंधितों के ध्यान में लाया जाए।
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(के.जी. वर्मा)
संयुक्त सचिव (आर.टी.आई)
दूरभाष: 23092158

  1. भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग।
  2. संघ लोक सेवा आयोग/लोक सभा सचिवालय/राज्य सभा सचिवालय/मंत्रिमण्डल सचिवालय/केन्द्रीय सतर्कता आयोग/राष्ट्रपति-सचिवालय/उप-राष्ट्रपति-सचिवालय/प्रधानमंत्री कार्यालय/योजना आयोग/चुनाव आयोग।
  3. केन्द्रीय सूचना आयोग/सभी राज्य सूचना आयोग।
  4. कर्मचारी चयन आयोग, सी.जी.ओ. परिसर, नई दिल्ली।
  5. भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक का कार्यालय, 10, बहादुर शाह ज़फर मार्ग, नई दिल्ली।
  6. सभी अधिकारी/डेस्क/अनुभाग, कार्मिक और प्राशिक्षण विभाग और पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग।

प्रतिलिपि: सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिव।