Special Casual Leave for Organ Donors

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This office memorandum details a decision to grant special casual leave to central government employees who donate organs. The leave aims to encourage organ donation by recognizing it as a significant surgical procedure requiring recovery time and a benevolent act. Eligible employees can avail up to 42 days of special casual leave, subject to certain conditions including medical certification and adherence to the Human Organ Transplantation Act, 1994. Flexibility in leave usage and hospital choice is also addressed, with stipulations for private hospital treatments. The order applies to all civil servants of the Union of India.

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सं. ए/-24011/23/2022-स्था (छुट्टी)
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग

ओल्ड जेएनयू कैम्पस, नई दिल्ली
दिनांक 25 अप्रैल, 2023

कार्यालय जापन

विषय: अंगदाता को विशेष आकस्मिक छुट्टी प्रदान करने से संबंधित।

यह विभाग विभिन्न संदर्भों/प्रश्नों के आलोक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के परामर्श से अंगदाताओं के लिए विशेष आकस्मिक छुट्टी प्रदान करने पर विचार करता रहा है। किसी दाता से अंग को अलग करना एक बड़ा शल्योपचार (सर्जरी) है, जिसमें स्वास्थ्य लाभ के लिए अस्पताल में भर्ती रहने और भर्ती रहने के बाद की अवधियों दोनों के दौरान समय की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, अन्य मनुष्य की सहायता करना एक नेक कार्य है यह ध्यान रखते हुए और केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों के बीच अंगदान को प्रोत्साहन देने के लिए किसी एक कैलेण्डर वर्ष में विशेष आकस्मिक छुट्टी 30 से अधिक नहीं होने से संबंधित सीसीएस (छुट्टी) नियमावली, 1972 के परिशिष्ट III के प्रावधानों के बावजूद लोकहित में विशेष कल्याण उपाय के रूप में केन्द्रीय सरकारी सेवकों को दूसरे मनुष्य को अंगदान करने के लिए निम्नलिखित शर्तों पर अधिकतम 42 दिनों की विशेष आकस्मिक छुट्टी प्रदान करने का निर्णय लिया गया है :

(i) दाता के अंग अलग करने के लिए की गई शल्य चिकित्सा के प्रकार पर ध्यान दिए बिना विशेष आकस्मिक छुट्टी की अवधि पंजीकृत सरकारी चिकित्सा अधिकारी/चिकित्सक की सिफारिश के अनुरूप अधिकतम 42 दिनों की होगी।

(ii) छुट्टी सभी प्रकार के जीवित अंगदाताओं को उपलब्ध होगी, बशर्ते कि मानव अंग प्रतिरोपण अधिनियम, 1994 के अनुसार पंजीकृत सरकारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा अंगदान के लिए यथाविधि स्वीकृति दी गई हो।

(iii) शल्य चिकित्सा में जटिलता की अपवादपूर्ण परिस्थितियों, जिसकी पुष्टि पंजीकृत सरकारी चिकित्सा अधिकारी/चिकित्सक द्वारा की जाए, को छोड़कर विशेष आकस्मिक छुट्टी को अन्य छुट्टी के साथ संयुक्त नहीं किया जाएगा।

(iv) विशेष आकस्मिक छुट्टी सामान्य रूप से अस्पताल में भर्ती होने वाले दिन से एक बार में ही ली जाएगी, तथापि आवश्यकता की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसे पंजीकृत सरकारी चिकित्सा अधिकारी/चिकित्सक की सिफारिश पर शल्य-चिकित्सा (सर्जरी) से अधिकतम एक सप्ताह पहले भी लिया जा सकता है।


(v) उपचार करने वाले पंजीकृत सरकारी चिकित्सा अधिकारी/चिकित्सक की सिफारिश पर छुट्टियों के लचीलेपन (फ्लेक्सिबिलिटी) अथवा विभाजन की अनुमति दी जा सकती है।
(vi) अंगदान से संबंधित उपचार जहाँ तक संभव हो, किसी अधिकृत अस्पताल से ही किया जाएगा। उपचार का ऐसे क्षेत्र/अंचल, जहाँ अधिकृत अस्पताल उपलब्ध न हो तथा उपचार निजी अस्पताल में कराया गया हो, के मामले में अस्पताल के संबंधित विभागाध्यक्ष (एचओडी) दवारा विधिवत प्रमाणित चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
(vii) “अधिकृत अस्पताल” को केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के अंतर्गत सरकारी अस्पताल अथवा निजी अस्पताल के रूप में परिभाषित किया जाता है।
3. ये आदेश इस कार्यालय जापन के जारी होने की तिथि से सीसीएस (छुट्टी) नियामवली, 1972 के नियम 2 के संदर्भ में भारत संघ के मामलों से संबंधित सिविल सेवाओं और पदों पर नियुक्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू होंगे।
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अवर सचिव, भारत सरकार

सेवा में,
भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग