A significant decision has been made concerning the state allocation of a nurse, Anita Devi, following a directive from the Uttarakhand High Court. Initially, her allocation to Uttar Pradesh was revoked, and a review of her preference for state service was mandated, ensuring she could continue in her current role during the process. A consultative committee delved into her original choice made during the formation of Uttarakhand. It was discovered that her preference for Uttarakhand was conditional on the entire Rudrapur region being included in the new state, failing which she preferred Uttar Pradesh. This conditional clause created an ambiguity in her initial assignment. Further investigation revealed that at the time Uttarakhand was formed, the Haridwar district, central to her location, was not yet part of Uttarakhand, joining only in 2003. Recognizing her specific circumstances as a female employee who had expressed a conditional preference for Uttarakhand, the committee ultimately recommended her allocation to Uttarakhand. This recommendation has now been approved by the central government, finalizing her assignment to the state of Uttarakhand.
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संख्या 27/17/2011-SRS
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पैशन मंत्रालय
(कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग)
तृतिय तल, लोक नायक भवन,
खान मार्केट, नई दिल्ली
दिनांक : जनवरी, 2012
सेवा में,
- मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश सरकार
लखनऊ
2. मुख्य सचिव
उत्तराखंड सरकार,
दहारादून
विषय: माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय, के दिनांक 24-05-2011 के आदेश के अनुपालन में श्रीमति अनीता देवी, उपचारिका के प्रत्यावेदन पर विचार ।
महोदय,
मुझे उपर्युक्त विषय के सन्दर्भ में यह कहने का निदेश हुआ है कि माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा पारित दिनांक 24-05-2011 के आदेश के तहत श्रीमति अनीता, उपचारिका से संबन्धित उत्तर प्रदेश राज्य आवंटन का आदेश रद्द कर दिया गया है और यह अनुरोध किया गया की भारत सरकार महिला विकल्प नीति के अनुसार उनके विकल्प पर पुनर्विचार कर यथोचित आदेश पारित करे । न्यायालय ने यह आदेश भी दिया है कि तब तक याची नियुक्ति स्थान पर बनी रहेगी ।
2. माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में परामर्शी समिति द्वारा दिनांक 17-10-2011 को आयोजित बैठक में प्रकरण पर विचार किया गया । समिति ने यह पाया कि राज्य गठन के समय मांगे गए विकल्प में श्रीमति अनीता द्वारा यह कहा गया कि “नवगठित राज्य उत्तराखंड का विकल्प तब माना जाए जब सम्पूर्ण खुकी क्षेत्र उत्तराखंड की परिधि में हो अन्यथा उत्तर प्रदेश का विकल्प माना जाए ।” यह सशर्त होने के कारण संभवतः उनका अंतिम आबंटन उत्तराखंड के लिए नहीं हो सका था । व्यापक विचार विमर्श के उपरांत समिति इस निष्कर्ष पर पहुची कि उत्तराखंड राज्य गठन के समय हरिद्वार जनपद उत्तराखंड राज्य में सम्मिलित नहीं था । हरिद्वार जनपद का विलय उत्तराखंड राज्य में वर्ष 2003 में हुआ था । अतः श्रीमति अनीता के दिये गए विकल्प के दृष्टिगत उत्तराखंड राज्य की विकल्पधारी महिलाकर्मी होने के कारण विशेष परिस्थिति में समिति द्वारा उन्हे उत्तराखंड राज्य आवंटन कि संस्तुति की गयी ।
- भारत सरकार समिति की संस्तुति से सहमत है तथा तदनुसार श्रीमति अनीता देवी, उपचारिका का अंतिम आवंटन उत्तराखंड राज्य के लिए संशोधित किया जाता है । संबन्धित कार्मिक से स्थिति के बारे में अवगत करवा दिया जाए ।
भवदीय, (सारंगधैर नायक) अवर सचिव, भारत सरकार
प्रतिलिपि:-
- श्री राजेन्द्र मोहन श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश राज्य पुनर्गठन समन्वय विभाग, 8-ए, नवीन भवन, सचिवालय, लखनऊ -226001 ।
- अपर सचिव, पुनर्गठन विभाग, उत्तराखंड सरकार, देहरादून ।
