Uploading RTI Replies on Departmental Websites

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This document serves as a reminder to all public authorities regarding the proactive disclosure of information on their websites, as mandated by the Right to Information (RTI) Act, 2005. It reiterates that all received RTI applications, appeals, and their replies must be made available online in an easily searchable format. However, it emphasizes that personal information contained within these applications and replies should not be disclosed, as it may not serve a larger public interest. This directive is further reinforced by previous communications and a High Court ruling concerning the protection of personal details in RTI matters. Public authorities are urged to exercise caution when uploading information to ensure individual privacy is maintained, unless disclosure is necessary for a larger public good.

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फा.सं.1/1/2013-स्था.(वेतन-I)
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)

नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली
दिनांक 23 मार्च, 2016

कार्यालय-जापन

विषय: मंत्रालयों/विभागों की संबंधित बेवसाइटों पर आरटीआई के उत्सरों को अपलोड करने के संबंध में।

इस विभाग के दिनांक 15.04.2014 के का.जा.सं. 1/6/2011-आईआर के पैरा 1.4.1 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है जो सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम 2005 के अनुच्छेद 4 के अंतर्गत स्वःप्रेरणा से प्रकटन के कार्यान्वयन हेतु दिशानिर्दिशों से संबंधित है और जिसमें निम्नानुसार उल्लेख किया गया है:-
“सभी लोक प्राधिकारी प्राप्त हुए आरटीआई आवेदनों तथा अपीलों और इनके उत्सरों को लोक प्राधिकरणों दवारा रख-रखाव की जा रही वेबसाइटों पर अय सक्रिय रूप से प्रकट करेंगे और जिसमें मुख्य शब्द के आधार पर इन्हें खोजने की सुविधा मौजूद होगी। किसी व्यक्ति की निजी सूचना के संबंध में प्राप्त आरटीआई आवेदनों और अपीलों तथा इनके उत्सरों को प्रकट नहीं किया जाएगा क्योंकि इससे किसी लोक हित का उद्देश्य पूरा नहीं होता है।”
2. इसके अतिरिक्त, मंत्रालयों/विभागों की संबंधित बेवसाइटों पर आरटीआई उत्सरों को अपलोड करने संबंधी विषय पर दिनांक 21.10 .2014 के का.जा.सं. 1/1/2013-आईआर के अंतर्गत, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने यह अनुरोध किया था कि “किसी व्यक्ति की निजी सूचना के संबंध में प्राप्त आरटीआई आवेदनों और अपीलों तथा इनके उत्सरों को प्रकट नहीं किया जाए यदि इससे किसी लोक हित का उद्देश्य पूरा नहीं होता है।”
3. तथापि, आरटीआई आवेदनों में निजी ब्यौरों से संबंधित श्री अभिषेक गोयंका बनाम भारत संघ के मामले में रिट याचिका संख्या 33290/2013 में माननीय उच्च न्यायालय कोलकाता के दिनांक 20/11/2013 के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए, लोक प्राधिकारी यह ध्यान रखें कि प्राप्त आरटीआई आवेदनों तथा अपीलों और उनके उत्सरों को अपनी वेबसाइटों पर अय-सक्रिय रूप से प्रकट करते समय किसी व्यक्ति की निजी सूचना प्रकट नहीं की जानी चाहिए।
(गायत्री मिश्रा)
निदेशक (आईआर)
फोन: 23092755
सेवा में,
सभी लोक प्राधिकारी