This document introduces the drafting of the Right to Information Rules, 2017, which will supersede the Right to Information Rules, 2012. It invites suggestions and views from stakeholders on the draft rules, which are attached as Annexure-I. Interested parties can submit their feedback via email by April 15, 2017. The document also details various aspects of the proposed rules, including definitions, application fees, modes of payment, procedures for appeals and complaints, and the process for issuing notices. It aims to streamline the implementation of the Right to Information Act, 2005.
SOURCE PDF LINK :
Click to access 1_5_2016-IR-31032017-Hindi2.pdf
Click to view full document content
सं. 1/5/2016-आईआर
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग
नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली
दिनांक 31 मार्च, 2017
परिपत्र
विषयः- सूचना का अधिकार नियमावली, 2012 के अधिक्रमण में सूचना का अधिकार नियमावली, 2017 तैयार करने संबंधी टिप्पणियाँ।
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 27 के अधीन केन्द्र सरकार दुवारा सूचना का अधिकार नियमावली, 2012 के अधिक्रमण में सूचना का अधिकार, नियमावली, 2017 तैयार करने का एक प्रस्ताव कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के पास विचाराधीन है।
2. इस संबंध में, सूचना का अधिकार, नियमावली, 2017 के प्रारूप की प्रति अनुबंध-। पर संलग्न है।
3. अतः सूचना का अधिकार, नियमावली, 2017 के प्रारूप पर संबंधित पणधारियों (स्टेकहोल्डरों) के विचार/सुझाव आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है। विचार/सुझाव केवल ई-मेल के माध्यम से दिनांक 15 अप्रैल, 2017 तक सूखी प्रीति खन्ना, अवर सचिव (सूचना का अधिकार), नॉर्थ ब्लॉक, को ई-मेल आई डी usrti-dopt@nic.in. पर भेजे जा सकते हैं।
संलग्नकः यथोपरि
(गायत्री मिश्रा)
संयुक्त सचिव (आईआर)
फोन: 23092755# सूचना का अधिकार नियमावली; 2017
सूचना का अधिकार अधिनियम; 2005 (2005 का 22) की धारा 27 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और सूचना का अधिकार अधिनियम; 2012 के अधिक्रमण में, ऐसे अधिक्रमण से पूर्व किए गए अथवा हटाई गई बातों के संबंध को छोड़कर, केंद्र सरकार एतदद्वारा निम्नलिखित नियम बनाती है, नामत:
- संक्षिप्त नाम और प्रारंभ: (1) इन नियमों को सूचना का अधिकार नियमावली; 2017 कहा जा सकेगा।
(2) ये सरकारी राजपत्र में इनके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होंगे। - परिभाषाएं : इन नियमों में, जबतक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो;-
(क). “अधिनियम” से सूचना का अधिकार अधिनियम; 2005 (2005 का 22) अभिप्रेत है।
(ख). “मुख्य सूचना आयुक्त” से अधिनियम की धारा 12 की उप धारा (3) के अंतर्गत नियुक्त किए गए मुख्य सूचना आयुक्त अभिप्रेत है।
(ग). “आयोग” से अधिनियम की धारा 12 की उप धारा (1) के अंतर्गत गठित केंद्रीय सूचना आयोग अभिप्रेत है;
(घ). “निर्णय” में कोई आदेश, किसी मुद्दे का निदेश अथवा निर्धारण शामिल है।
(ङ). “प्रथम अपील प्राधिकारी” से लोक प्राधिकरण में एक ऐसा अधिकारी जो इस केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी से रैंक में वरिष्ठ है, जिसके पास अधिनियम की धारा 19 की उप धारा (1) अथवा उप धारा (2) के अंतर्गत अपील रखी हुई है, अभिप्रेत है।
(च). “सूचना आयुक्त” से अधिनियम की धारा 12 की उप धारा (3) के अंतर्गत नियुक्त सूचना आयुक्त अभिप्रेत है।
(छ). “गैर-अनुपालन” से केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी अथवा लोक प्राधिकरण सहित किसी व्यक्ति द्वारा आयोग की किसी अपील/शिकायत में निर्णयों का गैर-अनुपालन अभिप्रेत है।
(ज). “रजिस्ट्रार” से आयोग में इस पद पर नियुक्त अधिकारी अभिप्रेत है और इसमें अपर रजिस्ट्रार, संयुक्त रजिस्ट्रार, उप रजिस्ट्रार और सहयक रजिस्ट्रार शामिल हैं।
(झ). “प्रतिनिधित्व” से कार्यवाहियों अथवा अंतरायकों के पक्षों में से किसी द्वारा अथवा किसी की ओर से विधिवत प्राधिकृत व्यक्ति अभिप्रेत है।
(ज). “सचिव” से केंद्र सरकार द्वारा आयोग में सचिव के रूप में नियुक्त कोई अधिकारी अभिप्रेत है।
(ट). “धारा” से अधिनियम की एक धारा अभिप्रेत है;
(ठ). यहां प्रयुक्त अन्य सभी शब्द और अभिव्यक्तियां, जिन्हें इन नियमों में परिभाषित नहीं किया गया है, का वही अर्थ होगा जो अधिनियम में उनके लिए दिया गया है। - आवेदन शुल्क :- अधिनियम की धारा 6 की उप धारा (1) के अंतर्गत किसी आवेदन के साथ दस रुपए का अथवा समय-समय पर केंद्र सरकार द्वारा यथा-अधिसूचित शुल्क देना होगा और इसमेंअनुबंधों को छोड़कर सामान्यतया पांच सौ से अधिक शब्द समाविष्ट नहीं होंगे, इसमें केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी का पता और आवेदक का पता समाविष्ट रहेंगे:
बशर्ते कि किसी आवेदन को केवल आधार पर रद्द नहीं कियाजाएगा कि इसमें पांच सौ से अधिक शब्द समाविष्ट हैं।
4. सूचना के लिए शुल्क :- अधिनियम की धारा 4 की उप धारा (4) और धारा 7 की उप धारा
(1) एवं (5) के अंतर्गत सूचना देने के लिए शुल्क अथवा समय-समय पर केंद्र सरकार द्वारा यथाअधिसूचित शुल्क को निम्नलिखित दरों पर वसूल किया जाएगा, नामत:
(क). ए-3 अथवा इससे छोटे आकार के पेपर वाले प्रत्येक पृष्ठ के लिए दो रुपए;
(ख). बड़े आकार के पेपर में फोटोकॉपी की वास्तविक लागत अथवा मूल्य;
(ग). मॉडलों के नमूनों के लिए मूल्य की वास्तविक लागत;
(घ). प्रति डिस्केटे अथवा फ्लापी के लिए पचास रुपए;
(ङ). किसी प्रकाशन के लिए नियत मूल्य अथवा प्रकाशन से सारांश के लिए फोटोकॉपी के प्रति पृष्ठ दो रुपए;
(च). रिकार्डों के निरीक्षण के पहले घंटे के लिए कोई शुल्क नहीं और इसके बाद प्रत्येक घंटे अथवा इसके अंश के लिए पांच रुपए का शुल्क; तथा
(छ). सूचना की आपूर्ति में पचास रुपए से अधिक लगने वाला डाक प्रभार।
5. शुल्क के भुगतान से रियायत :- नियम 3 और नियम 4 के अंतर्गत किसी ऐसे व्यक्ति से कोई शुल्क वसूल नहीं किया जाएगा जो गरीबी रेखा से नीचे का है बशर्ते कि इस संबंध में उपयुक्त सरकार द्वारा जारी किए गए प्रमाणपत्र की एक प्रतिलिपि आवेदन के साथ दी जाए।
6. शुल्क के भुगतान की विधि :- इन नियमों के अंतर्गत शुल्कों का भुगतान निम्नलिखित किसी रीति से किया जा सकता है, नामत:
(क). नकद रूप से, लोक प्राधिकरण के लोक प्राधिकारी अथवा केंद्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी को, जैसा भी मामला हो, एक उपयुक्त रसीद प्राप्त हो; अथवा
(ख). लोक अधिकरण के लेखा अधिकारी को देय डिमाण्ड ड्राफ्ट अथवा बैंकर चेक अथवा इंडियन पोस्टल आर्डर द्वारा; अथवा
(ग). लोक अधिकरण के लेखा अधिकारी को इलैक्ट्रॉनिक माध्यम से, यदि लोक अधिकरण के पास इलैक्ट्रॉनिक साधानों के माध्यम से शुल्क प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध हो।
(घ). केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किसी अन्य विधि द्वारा।
7. आयोग के सचिव की नियुक्ति- केन्द्रीय सरकार एक ऐसे अधिकारी को, जो भारत सरकार के अपर सचिव के रैंक से नीचे का न हो, आयोग के सचिव के रूप में नियुक्ति करेगी।
8. आयोग को अपील – प्रथम अपील प्राधिकारी द्वारा पारित किसी आदेश से अथवा प्रथम अपीलीय प्राधिकारी द्वारा उसकी अपील का निपटारा न किए जाने से व्यथित कोई व्यक्ति, आयोग के समक्ष ऑनलाइन या ऑफलाइन रूप से परिशिष्ट में दिए गए प्रपत्र में अपील कर सकेगा और उसकेसाथ अपीलार्थी द्वारा विधवत अधिप्रमाणित और सत्यापित निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न होंगे, अर्थात्:-
(i) केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी को प्रस्तुत किए गए आवेदन की एक प्रति;
(ii) केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी से प्राप्त उत्तर, यदि कोई हो, की एक प्रति;
(iii) प्रथम अपील प्राधिकारी को की गई अपील की एक प्रति;
(iv) प्रथम अपील प्राधिकारी से प्राप्त आदेश, यदि कोई हो, की एक प्रति;
(v) ऐसे अन्य दस्तावेजों, यदि कोई हो, की प्रतियां, जिनका अपीलार्थी द्वारा सहारा लिया गया है और जिन्हें उसने अपील में निर्दिष्ट किया है; और
(vi) अपील में निर्दिष्ट द्स्तोवेजों की एक सूची;
(vii) जहां कहीं भी कारण दिए जाने अपेक्षित हों, अपील के प्रस्तुतीकरण में विलंब को माफ करने हेतु अनुरोध
(viii) यह स्पष्ट करने वाला प्रमाणपत्र कि अपील के अधीन मामला पहले दर्ज एवं निपटाया नहीं गया था अथवा आयोग या किसी न्यायालय के समक्ष लंबित है और
(ix) प्रतिवादी को अपील को तामील करने का प्रमाण।
(2) आयोग के समक्ष फाइल की गई प्रत्येक अपील, आवेदन, वक्तव्य, प्रत्युत्तर, उत्तर या अन्य कोई दस्तावेज स्वच्छ्र तथा स्पष्ट रूप से तथा डबल लाइन स्पेंसिंग में टंकित, मुद्रित अथवा लिखित रूप में होगा।
(3) आयोग को कोई अपील प्रस्तुत करने के पूर्व आवेदक, अपील की एक प्रति, जो भी मामला हो, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी को तामील किए जाने के लिए भिजवाए तथा आयोग को उसके तामील किए जाने का प्रमाण प्रस्तुत करेगा।
9. अपील का लौटाया जाना – यदि अपील के साथ नियम 8 में यथाविनिर्दिष्ट दस्तावेज संलग्न नहीं है तो उसे अपीलार्थी को, उसमें की कमियों को दूर करने के लिए तथा सभी प्रकार से संपूर्ण अपील फाइल करने के लिए लौटाया जा सकेगा।
बशर्ते कि परंतु ऐसी किसी अपील को, यदि अपील के साथ नियम 8 में यथाविनिर्दिष्ट दस्तावेज संलग्न है, केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जाएगा कि वह विनिर्दिष्ट प्रपत्र में प्रस्तुत नहीं की गई है।
बशर्ते यह भी कि कोई भी अपील जिसके साथ नियम 8 में विनिर्दिष्ट दस्तावेज संलग्न हों, को केवल इस आधार पर लौटाया नहीं जाएगा कि संलग्न दस्तावेजों को आवेदक द्वारा प्रमाणित तथा सत्यापित नहीं किया गया है। तथापि, आवेदक को अपील के निपटान के पूर्व दस्तावेजों को प्रमाणित/सत्यापित करना अपेक्षित होगा।
10. अपील की प्रक्रिया – (1) आयोग ऐसी किसी अपील पर विचार नहीं करेगा जब तक कि उसको यह समाधान नहीं हो जाता है कि अपीलार्थी ने अधिनियम के अधीन उसको उपलब्ध सभी उपचारों का लाभ ले लिया है।(2) उप नियम (1) के प्रयोजनों के लिए किसी व्यक्ति के बारे में यह समज्ञा जाएगा कि उसने अधिनयम के अधीन उपलब्ध सभी उपचारों का फायदा उठा लिया है-
(क) यदि उसने प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील की हो और प्रथम अपील प्राधिकारी या ऐसे किसी व्यक्ति द्वारा, जो ऐसी अपील पर आदेश पारित करने के लिए सक्षम हो, अपील पर अंतिम आदेश कर दिया गया हो; या
(ख) जहां प्रस्तुत की गई अपील के बारे में प्रथम अपील प्राधिकारी द्वारा कोई अंतिम आदेश नहीं किया गया है और ऐसी अपील प्रस्तुत की जाने की तारीख से पैंतालीस दिन की अवधि व्यपगत हो गई हो।
11. अपीलों का विनिध्यय करने की प्रक्रिया – आयोग, किसी अपील का विनिध्यय करते समय-
(i) संबंधित या इच्छुक व्यक्ति से शपथ पर या शपथपत्र पर मौखिक या लिखित साक्ष्य ग्रहण कर सकता है;
(ii) द्स्तावेजों, सार्वजनिक रिकार्डों या उसकी प्रतियों का परिशीलन का निरीक्षण कर सकता है;
(iii) प्राधिकृत अधिकारी के माध्यम से अतिरिक्त ब्यौरों या तथ्यों की जांच करा सकता है;
(iv) यथास्थिति, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी, केंद्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी या प्रथम अपील प्राधिकारी की या ऐसे व्यक्ति की, जिसकी कार्रवाई के विरुद्ध अपील प्रस्तुत की गई है, सुनवाई कर सकता है;
(v) अन्य पक्षकार की सुनवाई कर सकता है; और
(vi) केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी, केंद्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी या प्रथम अपील प्राधिकारी की या ऐसे व्यक्ति से, जिसके विरुद्ध अपील की गई है या अन्य पक्षकार से शपथपत्र पर साक्ष्य ग्रहण कर सकता है।
12. अपील वापस लेना/समाप्ति
(1) आयोग अपने विवेक पर किसी अपील को वापस लेने की प्रार्थना को स्वीकार कर सकता है, यदि आवेदक द्वारा किसी अपील पर ऐसी प्रार्थना लिखित रूप में विधिवत हस्ताक्षर कर अथवा सुनवाई के दौरान की जाती है। तथापि, आयोग द्वारा मामले को अंतिम रूप से सुने जाने अथवा कोई निर्णय या आदेश पारित किए जाने के पध्धात् ऐसी प्रार्थना पर विचार नहीं किया जा सकता।
(2) आयोग के समक्ष लंबित कार्यवाही, आवेदक की मृत्यु हो जाने पर समाप्त हो जाएगी।
13 आयोग को शिकायतः-
(1) कोई व्यक्ति इस अधिनियम की धारा 18 की उप-धारा (1) के खंड (क) से (च) में उल्लिखित आधारों पर ऑनलाइन या ऑफलाइन रूप से परिशिष्ट में दिए गए रूप प्रपत्र में आयोग के समक्ष शिकायत कर सकता है और उसके साथ अपीलार्थी द्वारा सम्यक रूप से अधिप्रमाणित और सत्यापित निम्नलिखित दस्तावेज संलग्र करने होंगे, अर्थात्:-
(i) केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी को प्रस्तुत किए गए आवेदन की एक प्रति;(ii) ऐसे अन्य दस्तावेजों, यदि कोई हो की प्रतियां, जिनका अपीलार्थी द्वारा सहारा लिया गया है और जिन्हें उसने शिकायत में निर्दिष्ट किया है; और
(iii) शिकायत में निर्दिष्ट दस्तोवेजों की एक सूची;
(iv) शिकायत का कारण होने की तारीख से 90 दिनों के पश्चात प्रस्तुत की गई शिकायत के साथ इसके कारण देते विलंब के लिए की माफी देने का अनुरोध संलग्न होना चाहिए।
(v) यह स्पष्ट वाला प्रमाणपत्र कि शिकायत के अधीन मामला पहले दर्ज एवं निपटाया नहीं गया था अथवा आयोग या किसी न्यायालय के समक्ष लंबित है और
(vi) प्रतिवादी को शिकायत को तामील करने का प्रमाण।
(2) आयोग के समक्ष फाइल की गई प्रत्येक शिकायत, आवेदन, वक्तव्य, प्रत्युत्तर, उत्तर या अन्य कोई दस्तावेज स्वच्छ्र तथा स्पष्ट रूप से तथा डबल लाइन स्पेंसिंग में टंकित, मुद्रित अथवा लिखित रूप में होगा।
(3) आयोग को कोई शिकायत प्रस्तुत करने से पूर्व शिकायतकर्ता, शिकायत की एक प्रति, जो भी मामला हो, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी को तामील किए जाने के लिए भिजवाएगा तथा आयोग को उसके तामील किए जाने का प्रमाण प्रस्तुत करेगा।
परंतु शर्त यह है कि यदि शिकायकर्ता केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी अथवा प्रथम अपीलीय प्राधिकारी का नाम पता तथा अन्य विवरण नहीं जानता है और यदि वह अधिनियम की दारा 8 के अंतर्गत आयोग जाता है, तो वह अपनी शिकायत याचिका की एक प्रति संबंधित लोक प्राधिकारी को तामील करवाएगा तथा ऐसे प्रेषण का प्रमाण शिकायत याचिका के साथ संलग्न किया जाएगा।
14. शिकायत का लौटाया जाना:- यदि शिकायत में नियम 13 में विनिर्दिष्ट दस्तावेज संलग्न नहीं है, तो उसे शिकायतकर्ता को, उसमें कमियों को दूर करने के लिए तथा सभी प्रकार से संपूर्ण शिकायत दाखिल करने के लिए लौटाया जा सकेगा।
परंतु शर्त यह है कि किसी शिकायत के साथ नियम 13 में यथाविनिर्दिष्ट दस्तावेज संलग्न हैं, तो केवल उसे इस आधार पर लौटाया नहीं जाएगा कि वह विनिर्दिष्ट प्रपत्र में दाखिल नहीं की गई है।
परंतु इसके अतिरिक्त यह भी शर्त है कि किसी शिकायत के यदि उसके साथ नियम 13 में यथाविनिर्दिष्ट दस्तावेज संलग्न हैं, केवल इस आधार पर लौटाया नहीं जाएगा कि, संलग्न दस्तावेज शिकायतकर्ता द्वारा प्रमाणित और सत्यापित नहीं किए गए हैं। तथापि, शिकायतकर्ता को शिकायत निपटान के पूर्व दस्तावेजों को प्रमाणित/सत्यापित करना आवश्यक होगा।
15. शिकायतों का विनिम्रय करने की प्रक्रिया:- i) शिकायत के पंजीकृत हो जाने के बाद इस उद्देश्य के लिए जारी किए गए नोटिस में दर्शाए जाने वाले विनिर्दिष्ट समय के भीतर विरोधी पक्षों की टिप्पणियों/जवाबों को प्राप्त किया जाएगा।
ii) विरोधी पक्षों की टिप्पणियां/जवाब प्राप्त होने पर अथवा यदि यथाविनिर्दिष्ट समय के भीतर कोई जवाब प्राप्त नहीं होता है, तो मामले को आदेश/निपटान के लिए सूचना आयुक्त के समक्ष रखा जाएगा।iii) मामले की फाइल का परिशीलन करने पर यदि आयोग इस बात से संतुष्ट है कि मामले में ऐसे युक्तियुक्त आधार हैं जिनकी जांच की जानी है, तो अधिनियम की धारा 18 के अनुसार उसके संबंध में जांच की जाएगी अन्यथा शिकायत को एक आदेश जारी करके बन्द कर दिया जाएगा।
iv) आयोग स्वविवेकानुसार, उपलब्ध उपचार समाप्त हो चुकने पर , तो शिकायतकर्ता द्वारा की गई प्रार्थना पर शिकायत की द्वितीय अपील में बदलने सहित उसकी सुनवाई के दौरान किसी प्रार्थना को उसमें किसी संशोधन के लिए अनुमति प्रदान कर सकता है। तथापि, आयोग द्वारा मामले की अंतिम रूप से सुनवाई अथवा कोई निर्णय कर लिए जाने अथवा आदेश सुना दिए जाने के पध्यात् ऐसी कोई प्रार्थना स्वीकार नहीं की जाएगी।
16. आयोग के आदेशों का अनुपालनः- परिशिष्ट में दिए गए प्रपत्र के अनुसार, अधिनियम के अंतर्गत आयोग के जारी किए आदेशों की अनुपालन रिपोर्ट करने वाले पत्राचार का निम्न प्रकार से निपटान किया जाएगाः-
(i) किसी गैर-अनुपालन पत्राचार को जिसे प्रपत्र में प्रस्तुत नहीं किया जाता है अथवा जिसमें पर्याप्त विवरण नहीं दिया गया है, उचित सुविधाजनक अनुस्मारक के साथ प्रेषक को वापस लौटाया जा सकता है।
(ii) आयोग के आदेश के गैर-अनुपालन संबंधी पत्राचार को केवल तभी स्वीकार किया जाएगा यदि इसे गैर-अनुपालन की तारीख से 3 महीने के भीतर किया गया है।
(iii) परंतु शर्त यह है कि अनुपालन के किसी पत्राचार पर यथानिर्दिष्ट अवधि के पध्यात् विचार किया जाएगा यदि आवेदनकर्ता आयोग को इस बात से संतुष्ट करता है कि आवेदन को ऐसी अवधि के भातर प्रस्तुत न कर पाने के लिए उसके पास पर्याप्त कारण था।
(iv) ऐसे मामलों में जहां आयोग के आदेशों का अनुपालन करने के लिए की समयावधि निर्धारित नहीं की गई है, तो यह माना जाएगा कि उक्त का अनुपालन उक्त आदेश की तारीख से 30 दिनों के भीतर किया जाना होता है।
(v) अनुपालन पत्राचार के प्राप्त होने पर, आयोग निध्यय करेगा कि क्या निर्णय का अनुपालन किया गया है। यदि आयोग इसके आदेशों का अनुपालन पाता है, तो यह अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई कर सकता है।
17. सूचना आयुक्त के समक्ष अपील/शिकायत/अनुपालन प्रस्तुत करनाः-
किसी अपील/शिकायत/गैर अनुपालन को सुनवाई/निपटान के लिए एकल खंडपीठ के समक्ष रखा जाएगा, जब तक मुख्य सूचना आयोग समय-समय पर इस प्रयोजन के लिए जारी किसी विशेष अथवा सामान्य आदेश द्वारा यह निदेश न दे दें कि अपील/शिकायत/गैर अनुपालन अथवा इसी श्रेणी की बात को किसी सूचना आयुक्त के अनुरोध पर अथवा स्वप्रेरणा से सूचना आयुक्त किसी अन्य खंडपीठ या दो अथवा दो से अधिक सूचना आयोगों की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई/निपटान के लिए पोस्ट किया जा सकता है यदि इसमें कानून का जटिल प्रभ्र अथवा व्यापक लोकहित शामिल हों।
18. आयोग के समक्ष पार्टियों (पक्षों) की उपस्थितिः- (1) सुनवाई की तिथि से पहले पार्टियों (पक्षों) को सूचित किया जाएगा।
(2) आयोग मुख्य सूचना आयुक्त के साधारण अथवा विशेष आदेश द्वारा दिए गए निदेश के अनुसार पार्टियों (पक्षों) को सुनवाई की तारीख और स्थान सूचित करेगा।(3) आयोग सुनवाई के समय पार्टियों (पक्षों) को ब्यक्तिगत रूप में उपस्थित होने अथवा उनके द्वारा विधिवत अधिकृत प्रतिनिधियों को उपस्थित होने अथवा वीडियो/ऑडियो कॉनफेरेंसिंग को अनुमति दे सकता है।
(4) यदि आयोग संतुष्ट हैं कि सुनवाई में किसी पक्ष के उपस्थित नहीं होने का कारण परिस्थितिजन्य विवशता है तो आयोग अंतिम निर्णय लेने अथवा कोई अन्य कार्रवाई करने, जैसा भी उचित समझे से पूर्व पक्षों को सुनवाई का एक और अवसर देगा।
(5) लोक प्राधिकारी किसी प्रतिनिधि अथवा उसके किसी अधिकारी को केस प्रस्तुत करने के लिए प्राधिकृत कर सकता है।
19. केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी अथवा प्रथम अपीलीय प्राधिकारी द्वारा प्रति-कथन (काउंटर स्टेटमेंट) दाखिल करनाः अपील अथवा शिकायत की प्रति प्राप्त करने के पश्चात केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी अथवा प्रथम अपीलीय प्राधिकारी अथवा लोक प्राधिकारी, मामलों से संबंधित दस्तावेजों, यदि हो, सहित प्रति-कथन (काउंटर स्टेटमेंट) दाखिल कर सकते हैं। प्रति-कथन (काउंटर स्टेटमेंट) की एक प्रति, यदि हो, अपीलकर्ता/शिकायतकर्ता को केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय प्राधिकारी अथवा लोक प्राधिकारी, जैसा भी मामला हो, द्वारा तामील की जाएगी और आयोग को सेवा का प्रमाण दिया जाएगा।
20. आयोग द्वारा नोटिस की तामीलः- आयोग नोटिस जारी कर सकता है जो निम्नलिखित किसी भी तरीके से तामील किया जाएगा, नामतः
(i) स्वयं पार्टी द्वारा तामील किया जाएगा;
(ii) प्रोसेस सर्वर के माध्यम से दस्ती सुपुर्दगी;
(iii) पावती सहित पंजीकृत डाक द्वारा/स्पीड पोस्ट द्वारा;
(iv) यदि इलैक्ट्रॉनिक पता उपलब्ध है तो इलैक्ट्रॉनिक मेल द्वारा;
21. मोहर एवं संप्रतीकः- आयोग की इसका अधिकारिक मुहर एवं प्रतीक ऐसा होगा जैसा कि आयोग द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाए।
22. आयोग की भाषा:-
(i) एक अपील अथवा एक शिकायत अथवा गैर अनुपालन संबंधी पत्राचार अंग्रेजी अथवा हिन्दी में दाखिल किया जा सकता है और उससे संबंधित सभी दस्तावेज एवं प्रतियां भी अंग्रेजी अथवा हिन्दी में दाखिल की जा सकती हैं। जहां कोई दस्तावेज मूल रूप में अंग्रेजी अथवा हिन्दी से इतर किसी भाषा में है तब उसके मूल पाठ के साथ अंग्रेजी अथवा हिन्दी अनुवाद की प्रमाणित प्रति भी दाखिल की जाएगी। यह आयोग के समक्ष दाखिल किए गए प्रति-कथन, प्रत्युत्तर, उत्तर अथवा अन्य किसी दस्तावेज के मामले में लागू होगा।
(ii) आयोग की कार्यवाही अंग्रेजी अथवा हिन्दी में संचालित की जाएगी।परिशिष्ट – क
अपील का प्रपत्र
(नियम 8 देखें)
- आवेदक का नाम और पता
- जिसको आवेदन किया गया था उस केंद्रीय लोक सूचना प्राधिकारी का नाम और पता
- आवेदन का जवाब देने वाले केंद्रीय लोक सूचना प्राधिकारी का नाम और पता
- प्रथम अपील का निर्णय लेने वाले प्रथम अपीलीय प्राधिकारी का नाम और पता
- आवेदक का ब्यौरा
- संख्या यदि कोई हो, सहित आदेश का ब्यौरा जिसके विरुद्ध अपील की गई है।
- अपील करने के संबंधी संक्षिप्त तथ्य
- प्रार्थना या मांगी गई राहत
- प्रार्थना या राहत मांगने का आधार
- अपील से संगत अन्य सूचना
- प्रतिवादी के लिए अपील तामील करने का प्रमाण
- अपील में संदर्भित दस्तावेजों की सूची
सत्यापन/प्रमाणीकरण
मैं
एतदद्वारा प्रमाणित करता हूं कि दी गई सूचनाएं मेरी सर्वोत्तम जानकारी के अनुसार सत्य तथा सही हैं तथा उनके संबंध में कोई भी तथ्य छिपाया नहीं गया है।
मैं यह भी प्रमाणित करता हूं कि अपील के तहत मामला न तो पहले दर्ज किया गया है और न इसका निपटान किया गया है या आयोग या किसी भी न्यायलय में लंबित है।
मैं निम्नलिखित कारणों से प्रस्तुत करने में हुए विलंब को माफ करने की प्रार्थना करता हूं
$\qquad$
$\qquad$ के
बें दिन को पुष्टि की गई
(हस्ताक्षर)
आवेदकपरिशिष्ट – ख
अपील का प्रपत्र
(नियम 13 देखें)
- आवेदक का नाम और पता
- जिसको आवेदन किया गया था उस केंद्रीय लोक सूचना प्राधिकारी का नाम और पता
- आवेदन का जवाब देने वाले केंद्रीय लोक सूचना प्राधिकारी का नाम और पता
- केंद्रीय लोक सेवा अधिकारी/लोक प्राधिकारी को प्रस्तुत की जाने वाली प्रति
- संख्या यदि कोई हो, सहित आदेश का ब्यौरा जिसके विरुद्ध अपील की गई है।
- अपील करने के संबंधी संक्षिप्त तथ्य
- प्रार्थना या मांगी गई राहत
- प्रार्थना या राहत मांगने का आधार
- अपील से संगत अन्य सूचना
- प्रतिवादी के लिए अपील तामील करने का प्रमाण
- अपील में संदर्भित दस्तावेजों की सूची, यदि कोई हो
सत्यापन/प्रमाणीकरण
मैं
एतदद्वारा प्रमाणित करता हूं कि दी गई सूचनाएं मेरी सर्वोत्तम जानकारी के अनुसार सत्य तथा सही हैं तथा उनके संबंध में कोई भी तथ्य छिपाया नहीं गया है।
मैं यह भी प्रमाणित करता हूं कि अपील के तहत मामला न तो पहले दर्ज किया गया है और न इसका निपटान किया गया है या आयोग या किसी भी न्यायलय में लंबित है।
मैं निम्नलिखित कारणों से प्रस्तुत करने में हुए विलंब को माफ करने की प्रार्थना करता हूं
$\qquad$ के $\qquad$ वें दिन को पुष्टि की गई
(हस्ताक्षर)
आवेदक# परिशिष्ट – ग
गैर-अनुपालन आवेदन करने के लिए प्रपत्र
(नियम 16 देखें)
मंत्रालय/विभाग/लोक प्राधिकारी का ब्यौरा
लोक प्राधिकारी का नाम और पता $\qquad$
आवेदक का ब्यौरा
आवेदक का नाम $\qquad$
पता बदलने के संबंध में सूचना
आवेदक का बदला गया पता (यदि कोई हो) $\qquad$
परिवर्तित मोबाइन नं. $\qquad$
परिवर्तित ई-मेल आईडी (यदि कोई हो) $\qquad$
आवेदन का ब्यौरा
आयोग का आदेश सं. तथा तिथि $\qquad$
केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी का जवाब
आयोग के आदेश के अनुसरण में केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी का जवाब प्राप्त हुआ हां $\qquad$ नहीं $\qquad$
केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी के जवाब की प्रति, यदि प्राप्त हुई हो $\qquad$ गैर-अनुपालन आवेदन का आधार $\qquad$
गैर अनुपालन को दाखिल करने में देरी होने के कारण, यदि कोई हो, तथा समय-सीमा के
विस्तार के लिए मांग करने का आधार $\qquad$
सत्यापन/प्रमाणीकरण
मैं. $\qquad$ एतदद्वारा प्रमाणित करता हूं कि दी गई सूचनाएं मेरी सर्वोत्तम जानकारी के अनुसार सत्य तथा सही हैं तथा उनके संबंध में कोई भी तथ्य छिपाया नहीं गया है।
मैं यह भी प्रमाणित करता हूं कि अपील के तहत मामला न तो पहले दर्ज किया गया है और न इसका निपटान किया गया है या आयोग या किसी भी न्यायलय में लंबित है।
मैं निम्नलिखित कारणों से प्रस्तुत करने में हुए विलंब को माफ करने की प्रार्थना करता हूं
$\qquad$
$\qquad$ के $\qquad$ वें दिन को पुष्टि की गई
(हस्ताक्षर)