Clarification on Third-Party Audit of Proactive Disclosures under RTI Act

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This document provides a clarification regarding the third-party audit of proactive disclosures mandated by Section 4 of the RTI Act, 2005. The Department of Personnel and Training has issued guidelines on this matter, with amendments and clarifications provided through various office memorandums. It addresses the concerns raised by public authorities about variations in audit costs, shortage of skilled personnel, and the need for flexibility. The government has decided that the task of conducting transparency audits can be assigned to any government training institute, whether under the central or state governments. Ministries and departments are urged to take necessary action and ensure that these instructions are disseminated to their subordinate offices, public sector undertakings, and other public authorities for compliance. All relevant office memorandums are available on the official website of the Department of Personnel and Training.

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संख्या: 1/34/2013-आईआर (पार्ट)
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग।
आईआर प्रभाग
नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली-110001
दिलांक: 20 सितंबर, 2022
कार्यालय ज्ञापन

विषय: मंत्रालय/विभाग/सार्वजनिक प्राधिकरण के संबंध में किसी भी सरकारी प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आरटीआई अधिनियम 2005 के अंतर्गत तृतीय पक्ष ऑडिट के संबंध में।

अधोहस्ताक्षरी को इस विभाग द्वारा दिलांक 15.04.2013 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 1/6/2011-आईआर के तहत जारी दिशा-निर्देशों की ओर ध्यान आकर्षित करने का निर्देश हुआ है, जिन्हें आरटीआई अधिनियम की धारा 4 के तहत सभी सार्वजनिक प्राधिकरणों (पीए) द्वारा स्वप्रेरणा से प्रकटीकरण के कार्यान्वयन और तत्पश्चात उनके सक्रिय प्रकटीकरण का तीसरे पक्ष से ऑडिट कराने के संबंध में मामूली संशोधन के साथ 07.11.2019 को दोहराया गया था।

2 . इसके अलावा, दिलांक 30.06.2016 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 1/34/2013-आईआर और दिलांक 15.10.2019 के समसंख्यक कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से, लोक प्राधिकरण द्वारा स्वप्रेरणा से प्रकटीकरण के तीसरे पक्ष द्वारा ऑडिट से संबंधित प्रावधान को स्पष्ट और शिथिल किया गया था और यह प्रावधान किया गया था कि पारदर्शिता ओडिट करने का कार्य मंत्रालय/विभाग/सार्वजनिक प्राधिकरण और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संबंधित सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों को दिया जा सकता है। हालाकि, ऐसे मामलों में जहां मंत्रालय/विभाग/सार्वजनिक प्राधिकरण के तहत कोई प्रशिक्षण संस्थान मौजूद नहीं है, पारदर्शिता ओडिट करने का कार्य किसी भी सरकारी प्रशिक्षण संस्थान को दिया जा सकता है।
3. इस विभाग को विभिन्न सार्वजनिक प्राधिकरणों से अनेक अनुरोध प्रास हुए हैं, जिनमें विभिन्न लेखा परीक्षा प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा ली जाने वाली लेखापरीक्षा लागत में पर्याप्त अंतर, जनशक्ति/पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित जनशक्ति की कमी, प्रशिक्षण संस्थान की अपनी निर्धारित प्रशिक्षण गतिविधियों में पूर्व-संलग्नता आदि के कारण आरटीआई अधिनियम की धारा 4 के कार्यान्वयन में सक्रिय प्रकटीकरण के तीसरे पक्ष द्वारा लेखा परीक्षा से संबंधित प्रावधानों के संबंध में छूट/स्पष्टीकरण की मांग की गई है।

4 . दिलांक 07.11.2019 के दिशानिर्देशों के अनुसार, सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा अपने सक्रिय प्रकटीकरणों का तीसरे पक्ष से ऑडिट कराने में आ रही कठिनाइयों के मद्देनजर इस मुद्दे की जांच कीगई है और यह निर्णय लिया गया है कि पारदर्शिता ओडिट कराने का कार्य केंद्र या राज्य सरकारों के अधीन मंत्रालय/विभाग/सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा किसी भी सरकारी प्रशिक्षण संस्थान को दिया जा सकता है।
5. तदनुसार, सभी मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध है कि वे उचित कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि उपरोक् निर्देशों को उनके संबद्ध और अधीनस्थ कार्यालयों/सार्वजनिक उपक्रमों/सार्वजनिक प्राधिकरणों को व्यापक कार्यान्वयन और अनुपालन के लिए सूचित किया जाए ताकि उनके सक्रिय प्रकटीकरण का तीसरे पक्ष द्वारा ओडिट किया जा सके। उपरोक सभी संदर्भित कार्यालय ज्ञापन www.dopt.gov.in- अधिसूचनाएं -कार्यालय ज्ञापन और आदेश – आरटीआई पर उपलब्ध हैं।

हस्ता/-
(वर्षा सिन्ध्र)
संयुक्त सचिव
टेलीफोन: 23092755

सेवा में,
भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों के सचिव

प्रतिलिपि प्रेषित:
(i) सचिव, केंद्रीय सूचना आयोग, बाबा गंगलाथ मार्ग, मुनिरका, नई दिल्ली-110067
(ii) सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिव